आहारीय आयोडीन और शतावर
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
आहारीय आयोडीन और शतावर के बीच अंतर
आहारीय आयोडीन vs. शतावर
आहारीय आयोडीन मानव शरीर के अत्यावश्यक भौतिक तत्त्व है। ये अवटु ग्रंथि के सम्यक, कार्यविधि के लिए आवश्यक है जो शक्ति का निर्माण करती है, हानिप्रद कीटाणुओं को मारती है और इसके हार्मोन थांयरांक्सीजन की कमी पूरी करती है। आयोडीन मन को शांति प्रदान करती है, तनाव कम करती है, मस्तिष्क को सतर्क रखती है और बाल, नाखून, दांत और त्वचा को उत्तम स्थिति में रखने में मदद करता है। आयोडिन की कमी से गर्दन के नीचे अवटु ग्रंथि की सूजन (गलगंड) हो सकती है और हार्मोन का उत्पादन बन्द हो सकता है जिससे शरीर के सभीसंस्थान अव्यवस्थित हो सकते हैं। इसकी कमी से मन्द मानसिक प्रतिक्रियायें, धमनियों में सख्ती एवं मोटापा हो सकता है। मानव शरीर में केवल १०-१२ मिलीग्राम आयोडिन होती है किन्तु इसके बिना जीवित रहना सम्भव नही है। आयोडिन कोलेस्ट्रॉल की रासायनिक संशलेषण में सहायता करती है और धमनियों में कोलेस्ट्रॉल चर्बी को भी बढ़ाती है। शरीर में आयोडिन की अधिकता होने से नाक में नमी अधिक हो जाती है। जल में ली गई क्लोरीन शरीर से आयोडिन अधिकता को निकालने का कारण होती है। अधिक मात्रा में आयोडीन वाले आहार है मूली, शतावर (एस्पेरेगस रेसिमोसस), गाजर, टमाटर, पालक, आलू, मटर, खुंभी, सलाद, प्याज, केला, स्ट्राबेरी, समुद्र से प्राप्त होने वाले आहार, अंडे की जर्दी, दूध, पनीर और कॉड-लिवर तेल। आयोडिन की कमी से उत्पन्न विकारों पर नियंत्रण के लिये १९८६ में न्यूसेफ़ और आस्ट्रेलिया की सरकार के समर्थन से तीसरी दुनिया के देशों को सहायता देने के लिये एक अन्तराष्ट्रीय परिषद स्थापित की गई थी। भारत ने १९९२ से पहले व्यापक आयोडिन युक्त नमक की नीति अपनाई थी। श्रेणी:पोषण श्रेणी:आयोडीन श्रेणी:आहार श्रेणी:अवटु ग्रंथि श्रेणी:चित्र जोड़ें. शतावर (वानस्पतिक नाम: Asparagus officinalis / एस्पैरागस ऑफ़ीशिनैलिस) एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग सिद्धा तथा होम्योपैथिक दवाइयों में होता है। यह आकलन किया गया है कि भारत में विभिन्न औषधियों को बनाने के लिए प्रति वर्ष 500 टन सतावर की जड़ों की जरूरत पड़ती है। यह यूरोप एवं पश्चिमी एशिया का देशज है। इसकी खेती २००० वर्ष से भी पहले से की जाती रही है। भारत के ठण्डे प्रदेशों में इसकी खेती की जाती है। इसकी कंदिल जडें मधुर तथा रसयुक्त होती हैं। यह पादप बहुवर्षी होता है। इसकी जो शाखाएँ निकलतीं हैं वे बाद में पत्तियों का रूप धारण कर लेतीं हैं, इन्हें क्लैडोड (cladodes) कहते हैं। .
आहारीय आयोडीन और शतावर के बीच समानता
आहारीय आयोडीन और शतावर आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): मटर।
मटर एक फूल धारण करने वाला द्विबीजपत्री पौधा है। इसकी जड़ में गांठे मिलती हैं। इसकी संयुक्त पत्ती के अगल कुछ पत्रक प्रतान में बदल जाते हैं। यह शाकीय पौधा है जिसका तना खोखला होता है। इसकी पत्ती सेयुक्त होती है। इसके फूल पूर्ण एवं तितली के आकार के होते हैं। इसकी फली लम्बी, चपटी एवं अनेक बीजों वाली होती है। मटर के एक बीज का वजन ०.१ से ०.३६ ग्राम होता है। .
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आहारीय आयोडीन और शतावर के बीच तुलना
आहारीय आयोडीन 24 संबंध है और शतावर 19 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.33% है = 1 / (24 + 19)।
संदर्भ
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