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आस्तिकता और दैवीय ज्ञान

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आस्तिकता और दैवीय ज्ञान के बीच अंतर

आस्तिकता vs. दैवीय ज्ञान

भारतीय दर्शन में ईश्वर, ईश्वराज्ञा, परलोक, आत्मा आदि अदृष्ट पदार्थों के अस्तित्व में, विशेषत: ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास का नाम आस्तिकता है। पाश्चात्य दर्शन में ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास का ही नाम थीज्म है। . दैवीय ज्ञान, इलहाम अथवा श्रुति (Revelation) धर्मशास्त्र तथा प्रत्ययवादी धार्मिक दर्शन की आधारभूत अवधारणा है। इलहाम रहस्यमय प्रबोधन की संक्रिया में अलौकिक यथार्थ के अतीन्द्रिय संज्ञान की अभिव्यक्ति है। इलहाम की चर्चा मुख्यतः सामी धर्म के पवित्रग्रंथों (बाइबिल, क़ुरान आदि) में की गयी है। समसामयिक धर्मशास्त्र यह दावा करते हुए कि इलहाम तर्कबुद्धि के विपरीत नहीं है, इस विचार को आधुनिक रूप देने का प्रयास करता है। ऐसी मान्यता है कि, समकालीन धार्मिक धाराओं में इलहाम के प्रत्यय के कारण ईश्वरवाद की दार्शनिक पैरवी में अतर्कबुद्धिवाद की भूमिका मे वृद्धि हो रही है। .

आस्तिकता और दैवीय ज्ञान के बीच समानता

आस्तिकता और दैवीय ज्ञान आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): आस्तिकता

आस्तिकता

भारतीय दर्शन में ईश्वर, ईश्वराज्ञा, परलोक, आत्मा आदि अदृष्ट पदार्थों के अस्तित्व में, विशेषत: ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास का नाम आस्तिकता है। पाश्चात्य दर्शन में ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास का ही नाम थीज्म है। .

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आस्तिकता और दैवीय ज्ञान के बीच तुलना

आस्तिकता 5 संबंध है और दैवीय ज्ञान 8 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 7.69% है = 1 / (5 + 8)।

संदर्भ

यह लेख आस्तिकता और दैवीय ज्ञान के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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