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आवेश संरक्षण और भौतिक नियम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आवेश संरक्षण और भौतिक नियम के बीच अंतर

आवेश संरक्षण vs. भौतिक नियम

आवेश संरक्षण का सिद्धांत बेंजामिन फ्रैंकलिन ने खोजा था। इसके अनुसार विद्युत आवेश को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही उसे नष्ट किया जा सकता है। अतः विद्युत् आवेश ब्रह्माण्ड में सदैव ही संरक्षित रहता है। अभ्यास रूप में, आवेश संरक्षण एक भौतिक नियम है जिसके अनुसार एक निश्चित आयतन में विद्युत आवेश में कुल अंतर, उन आयतन में आगम आवेश और उस आयतन से निर्गत आवेश के अन्तर के एकदम बराबर होता है। गणित के अनुसार, इस सिद्धांत को निरंतरता समीकरण के रूप में लिख सकते हैं: Q(t) विद्युत आवेश की मात्रा है, जो एक निश्चित आयतन में t समय में होता है, QIN उस आयतन में आने वाली आवेश की मात्रा समय t1 एवं t2 के बीच और QOUT उस आयतन से बाहर जाने वाले आवेश की उसी समय में मात्रा है। . प्रकृति के किसी भी अवयव या तंत्र पर प्रयोग करके किये गये प्रेक्षणों पर आधारित 'सामान्यीकरण' भौतिक नियम (physical law) या वैज्ञानिक नियम कहलाते हैं। इन्हें 'प्रकृति के नियम' (law of nature) भी कहते हैं। .

आवेश संरक्षण और भौतिक नियम के बीच समानता

आवेश संरक्षण और भौतिक नियम आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

आवेश संरक्षण और भौतिक नियम के बीच तुलना

आवेश संरक्षण 6 संबंध है और भौतिक नियम 2 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (6 + 2)।

संदर्भ

यह लेख आवेश संरक्षण और भौतिक नियम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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