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आवश्यक वस्तु अधिनियम और गुड़

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आवश्यक वस्तु अधिनियम और गुड़ के बीच अंतर

आवश्यक वस्तु अधिनियम vs. गुड़

आवश्यक वस्‍तु अधिनियम, 1955 को उपभोक्‍ताओं को अनिवार्य वस्‍तुओं की सहजता से उपलब्‍धता सुनिश्चित कराने तथा कपटी व्‍यापारियों के शोषण से उनकी रक्षा के लिए बनाया गया है। अधिनियम में उन वस्‍तुओं के उत्‍पादन वितरण और मूल्‍य निर्धारण को विनियमित एवं नियंत्रित करने की व्‍यवस्‍था की गई है, जिनकी आपूर्ति बनाए रखने या बढ़ाने तथा उनका समान वितरण प्राप्‍त करने और उचित मूल्‍य पर उनकी उपलब्‍धता के लिए अनिवार्य घोषित किया गया है। अधिनियम के तहत अधिकांश शक्तियां राज्‍य सरकारों को दी गई हैं। अनिवार्य घोषित की गई वस्‍तुओं की सूची की आर्थिक परिस्थितियों में, परिवर्तनों विशेषतया उनके उत्‍पादन मांग और आपूर्ति के संबंध में, के आलोक में समय-समय पर समीक्षा की जाती है। 15 फरवरी, 2002 से सरकार ने पहले घोषित अनिवार्य वस्‍तुओं की सूची से 12 वस्‍तुओं को पूरी तरह और एक को आंशिक रूप से हटा दिया है। आर्थिक विकास त्‍वरित करने और उपभोक्‍ताओं को लाभ पहुँचाने के लिए 31 मार्च 2004 से और दो वस्‍तुओं को सूची से हटा दिया गया है। वर्तमान में अनिवार्य वस्‍तुओं की सूची में 16 नाम ही शामिल हैं। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के उदारीकरण के संदर्भ में यह निर्णय लिया गया कि अनिवार्य वस्‍तु अधिनियम 1944 केंद्र और राज्‍य के लिए छत्र विधान के रूप में जारी रहे, जब आवश्‍यक हो इसका उपयोग तथापि प्रगतिशील नियंत्रण और प्रतिषेध के लिए किया जाए। तदनुसार केंद्र सरकार ने लाइसेंसिंग की आवश्‍यकता हटाने, स्‍टॉक सीमा और विनिर्दिष्‍ट खाद्य वस्‍तुओं की आवाजाही प्रति‍बद्ध करने का आदेश 2002, 15 फरवरी, 2002 अनिवार्य वस्‍तु अधिनियम, 1955 के तहत जारी कर दिया है जिसमें गेहूँ, धान, चावल, मोटे अनाज, शर्करा, खाद्य तिलहन और खाद्य तेलों के संबंध में जिसके लिए किसी लाइसेंस की आवश्‍यकता नहीं है या अनुमति की आवश्‍यकता अधिनियम के तहत जारी किसी आदेश के अधीन नहीं है। किसी भी मात्रा में व्‍यापारी को मुक्‍त खरीददारी करने, भण्‍डारण बिक्री, परिवहन, वितरण, बिक्री करने की अनुमति दी गई है।. 180px गुड़, ईख, ताड़ आदि के रस को उबालकर कर सुखाने से प्राप्त होने वाला ठोस पदार्थ है। इसका रंग हल्के पीले से लेकर गाढ़े भूरे तक हो सकता है। भूरा रंग कभी-कभी काले रंग का भी आभास देता है। यह खाने में मीठा होता है। प्राकृतिक पदार्थों में सबसे अधिक मीठा कहा जा सकता है। अन्य वस्तुओं की मिठास की तुलना गुड़ से की जाती हैं। साधारणत: यह सूखा, ठोस पदार्थ होता है, पर वर्षा ऋतु जब हवा में नमी अधिक रहती है तब पानी को अवशोषित कर अर्धतरल सा हो जाता है। यह पानी में अत्यधिक विलेय होता है और इसमें उपस्थित अपद्रव्य, जैसे कोयले, पत्ते, ईख के छोटे टुकड़े आदि, सरलता से अलग किए जा सकते हैं। अपद्रव्यों में कभी कभी मिट्टी का भी अंश रहता है, जिसके सूक्ष्म कणों को पूर्णत: अलग करना तो कठिन होता हैं किंतु बड़े बड़े कण विलयन में नीचे बैठ जाते हैं तथा अलग किए जा सकते हैं। गरम करने पर यह पहले पिघलने सा लगता है और अंत में जलने के पूर्व अत्यधिक भूरा काला सा हो जाता है। गुड़ का उपयोग मूलतः दक्षिण एशिया में किया जाता है। भारत के ग्रामीण इलाकों में गुड़ का उपयोग चीनी के स्थान पर किया जाता है। गुड़ लोहतत्व का एक प्रमुख स्रोत है और रक्ताल्पता (एनीमिया) के शिकार व्यक्ति को चीनी के स्थान पर इसके सेवन की सलाह दी जाती है। गुड़ के एक अन्य हिन्दी शब्द जागरी का प्रयोग अंग्रेजी में इसके लिए किया जाता है। .

आवश्यक वस्तु अधिनियम और गुड़ के बीच समानता

आवश्यक वस्तु अधिनियम और गुड़ आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): गन्ना

गन्ना

गन्ना की फसल कटा हुआ गन्ना गन्ना (Sugarcane) भारत की एक प्रमुख नकदी फसल है, जिससे चीनी, गुड़, शराब आदि का निर्माण होता हैं। गन्ने की उत्पादकता सबसे ज्यादा ब्राज़ील में होती है और भारत का गन्ने की उत्पादकता में सम्पूर्ण विश्व में दूसरा स्थान हैI .

आवश्यक वस्तु अधिनियम और गन्ना · गन्ना और गुड़ · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

आवश्यक वस्तु अधिनियम और गुड़ के बीच तुलना

आवश्यक वस्तु अधिनियम 11 संबंध है और गुड़ 25 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.78% है = 1 / (11 + 25)।

संदर्भ

यह लेख आवश्यक वस्तु अधिनियम और गुड़ के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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