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आलोचना री आंख सूं और राजस्थानी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं की सूची

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आलोचना री आंख सूं और राजस्थानी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं की सूची के बीच अंतर

आलोचना री आंख सूं vs. राजस्थानी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं की सूची

आलोचना री आंख सूं राजस्थानी भाषा के विख्यात साहित्यकार कुंदन माली द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 2007 में राजस्थानी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। . साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और राजस्थानी भाषा इन में से एक भाषा हैं। इस भाषा में १९७४ से पुरस्कार देना शुरु हुआ। .

आलोचना री आंख सूं और राजस्थानी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं की सूची के बीच समानता

आलोचना री आंख सूं और राजस्थानी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं की सूची आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): भारतीय साहित्य अकादमी, राजस्थानी भाषा, साहित्य अकादमी पुरस्कार, कुंदन माली

भारतीय साहित्य अकादमी

भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन १२ मार्च १९५४ को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होनेवाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है। .

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राजस्थानी भाषा

हिन्दी, ब्रजभाषा, मेवाती, मारवाड़ी, जैसी कई भाषाओं के मिश्रित झुंड को राजस्थानी भाषा का नाम दिया गया इसे वर्तमान में देवनागरी में लिखा जाता है। राजस्थानी भाषा भारत के राजस्थान प्रान्त व मालवा क्षेत्र तथा पाकिस्तान के कुछ भागों में करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है। इस भाषा का इतिहास बहुत पुराना है। इस भाषा में प्राचीन साहित्य विपुल मात्रा में उपलब्ध है। इस भाषा में विपुल मात्रा में लोक गीत, संगीत, नृत्य, नाटक, कथा, कहानी आदि उपलब्ध हैं। इस भाषा को सरकारी मान्यता प्राप्त नहीं है। इस कारण इसे स्कूलों में पढाया नहीं जाता है। इस कारण शिक्षित वर्ग धीरे धीरे इस भाषा का उपयोग छोड़ रहा है, परिणामस्वरूप, यह भाषा धीरे धीरे ह्रास की और अग्रसर है। कुछ मातृभाषा प्रेमी अच्छे व्यक्ति इस भाषा को सरकारी मान्यता दिलाने के प्रयास में लगे हुए हैं। .

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साहित्य अकादमी पुरस्कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में एक साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल २२ भारतीय भाषाओं के अलावा ये राजस्थानी और अंग्रेज़ी भाषा; याने कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए। पुरस्कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि 5,000/- रुपए थी, जो सन् 1983 में ब़ढा कर 10,000/- रुपए कर दी गई और सन् 1988 में ब़ढा कर इसे 25,000/- रुपए कर दिया गया। सन् 2001 से यह राशि 40,000/- रुपए की गई थी। सन् 2003 से यह राशि 50,000/- रुपए कर दी गई है। .

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कुंदन माली

कुंदन माली राजस्थानी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना आलोचना री आंख सूं के लिये उन्हें सन् 2007 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

आलोचना री आंख सूं और राजस्थानी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं की सूची के बीच तुलना

आलोचना री आंख सूं 7 संबंध है और राजस्थानी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं की सूची 96 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 3.88% है = 4 / (7 + 96)।

संदर्भ

यह लेख आलोचना री आंख सूं और राजस्थानी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं की सूची के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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