लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

आर्यन प्रवास सिद्धांत और भागवत पुराण

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आर्यन प्रवास सिद्धांत और भागवत पुराण के बीच अंतर

आर्यन प्रवास सिद्धांत vs. भागवत पुराण

आर्यन प्रवास सिद्धांत (English - Indo-Aryan Migration Theory) मुख्यतः ब्रिटिश शासन काल की देन है। जिसके अंतर्गत अंग्रेजी इतिहासकारों का कहना था कि भारतीय आर्य संबोधन का युरोपीय आर्यन जाति से सम्बन्ध है। भारत में आर्यों का युरोपीय देशों से आगमन हुआ। विशेष यह है कि सिद्धांत पूर्णरूप से अंग्रेजी व भारतीय इतिहासकारों के द्वारा प्रतिपादित किया गया जिनका कहना था कि वह भारतीय तथा युरोपीय अध्ययन के माध्यम से ही इस बात पर जोर दे रहे हैं। उनका कहना था कि भारतीय मूल के कहलाने वाले आर्य यूरोप से भारत आए और भारत में भी अपनी सभ्यता स्थापित की। यह उनके द्वारा किये गए शोध से यह ज्ञात हुआ। उ उपयुक्त सिद्धांत का प्रतिपादन १८वी शताब्दी के अंत में तब किया गया जब यूरोपीय भाषा परिवार की खोज हुई। जिसके अंतर्गत भारतीय भाषाओं में युरोपीय भाषाओं से कई समानताएं दिखीं। जैसे घोड़े को ग्रीक में इक्वस, फ़ारसी में इश्प और संस्कृत में अश्व कहते हैं, भाई को लैटिन-ग्रीक में फ्रेटर (अंग्रेज़ी में फ्रेटर्निटी, Fraternity), फ़ारसी में बिरादर और संस्कृत में भ्रातर कहते हैं। . सन १५०० में लिखित एक भागवत पुराण मे यशोदा कृष्ण को स्नान कराते हुए भागवत पुराण (Bhaagwat Puraana) हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवतम् (Shrimadbhaagwatam) या केवल भागवतम् (Bhaagwatam) भी कहते हैं। इसका मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है, जिसमें कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरुपण भी किया गया है। परंपरागत तौर पर इस पुराण का रचयिता वेद व्यास को माना जाता है। श्रीमद्भागवत भारतीय वाङ्मय का मुकुटमणि है। भगवान शुकदेव द्वारा महाराज परीक्षित को सुनाया गया भक्तिमार्ग तो मानो सोपान ही है। इसके प्रत्येक श्लोक में श्रीकृष्ण-प्रेम की सुगन्धि है। इसमें साधन-ज्ञान, सिद्धज्ञान, साधन-भक्ति, सिद्धा-भक्ति, मर्यादा-मार्ग, अनुग्रह-मार्ग, द्वैत, अद्वैत समन्वय के साथ प्रेरणादायी विविध उपाख्यानों का अद्भुत संग्रह है। .

आर्यन प्रवास सिद्धांत और भागवत पुराण के बीच समानता

आर्यन प्रवास सिद्धांत और भागवत पुराण आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): संस्कृत भाषा

संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

आर्यन प्रवास सिद्धांत और संस्कृत भाषा · भागवत पुराण और संस्कृत भाषा · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

आर्यन प्रवास सिद्धांत और भागवत पुराण के बीच तुलना

आर्यन प्रवास सिद्धांत 10 संबंध है और भागवत पुराण 63 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.37% है = 1 / (10 + 63)।

संदर्भ

यह लेख आर्यन प्रवास सिद्धांत और भागवत पुराण के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »