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आर्थिक सुधार और भारतीय अर्थव्यवस्था

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आर्थिक सुधार और भारतीय अर्थव्यवस्था के बीच अंतर

आर्थिक सुधार vs. भारतीय अर्थव्यवस्था

आर्थिक सुधार एक वृहद अर्थ वाला शब्द है। प्रायः इसका उपयोग अल्पतर सरकारी नियंत्रण, अल्पतर सरकारी निषेध, निजी कम्पनियों की अधिक भागीदारी, करों की अल्पतर दर आदि के सन्दर्भ में किया जाता है। उदारीकरण के पक्ष में मुख्य तर्क यह दिया जाता है कि इससे दक्षता आती है और हरेक को कुछ अधिक प्राप्त होता है। भारत मे आर्थिक सुधारों की शुरूआत सन 1990 से हुई। 1990 के पहले भारत मे आर्थिक विकास बहुत ही धीमी गति से हो रहा था। भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास काफी धीमा था। . भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में सातवें स्थान पर है, जनसंख्या में इसका दूसरा स्थान है और केवल २.४% क्षेत्रफल के साथ भारत विश्व की जनसंख्या के १७% भाग को शरण प्रदान करता है। १९९१ से भारत में बहुत तेज आर्थिक प्रगति हुई है जब से उदारीकरण और आर्थिक सुधार की नीति लागू की गयी है और भारत विश्व की एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरकर आया है। सुधारों से पूर्व मुख्य रूप से भारतीय उद्योगों और व्यापार पर सरकारी नियंत्रण का बोलबाला था और सुधार लागू करने से पूर्व इसका जोरदार विरोध भी हुआ परंतु आर्थिक सुधारों के अच्छे परिणाम सामने आने से विरोध काफी हद तक कम हुआ है। हंलाकि मूलभूत ढाँचे में तेज प्रगति न होने से एक बड़ा तबका अब भी नाखुश है और एक बड़ा हिस्सा इन सुधारों से अभी भी लाभान्वित नहीं हुये हैं। .

आर्थिक सुधार और भारतीय अर्थव्यवस्था के बीच समानता

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आर्थिक सुधार और भारतीय अर्थव्यवस्था के बीच तुलना

आर्थिक सुधार 7 संबंध है और भारतीय अर्थव्यवस्था 61 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (7 + 61)।

संदर्भ

यह लेख आर्थिक सुधार और भारतीय अर्थव्यवस्था के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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