आरेनिअस समीकरण और विमाहीन संख्या
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आरेनिअस समीकरण और विमाहीन संख्या के बीच अंतर
आरेनिअस समीकरण vs. विमाहीन संख्या
आरेनिअस समीकरण (Arrhenius equation) रासायनिक अभिक्रियाओं की गत्गति पर ताप के प्रभव को बताने वाला एक सूत्र है। इसे १८८९ में स्वान्ते आरेनियस ने सुझाया था। रासायनिक क्रिया में ताप आणिवक गति की माप होता है। अत: क्रिया के ताप में वृद्धि से क्रियागति की ऊर्जा में भी वृद्धि होती है और क्रियागति की ऊर्जा में वृद्धि होने से क्रियागति में तीव्रता आती है। आरिनियस (Arrhenius) के सिद्धांत के अनुसार ताप तथा सक्रियण ऊर्जा के साथ क्रियागति में वृद्धि का निम्नांकित संबंध होता है: इस समीकरण में k क्रियागति स्थिरांक, A अनुपाती स्थिरांक, Ea सक्रियण ऊर्जा, T ताप (Kelvin) तथा R सार्वत्रिक गैस नियतांक को व्यक्त करता है। क्रिया में ताप के अल्प परिवर्तन की परिस्थिति में A तथा Ea प्राय: स्थिरांक होते हैं। . विमाहीन संख्या या अविम संख्या ऐसी संख्या को कहते हैं जिसकी कोई विमा नहीं होती है। ऐसी संख्याएँ पूर्ण रूप से केवल संख्या होती हैं। गणित, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रयुक्त कई संख्याएँ विमाहीन होती हैं। उदाहरण: π क्योंकि पाई, परिधि की लम्बाई तथा व्यास की लम्बाई का अनुपात है, अतः इसकी कोई विमा नही है। (लम्बाई/लम्बाई)। .
आरेनिअस समीकरण और विमाहीन संख्या के बीच समानता
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आरेनिअस समीकरण और विमाहीन संख्या के बीच तुलना
आरेनिअस समीकरण 3 संबंध है और विमाहीन संख्या 15 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (3 + 15)।
संदर्भ
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