6 संबंधों: प्रतिबल, सूचना, जॉन डाल्टन, विकृति, व्यवस्था चित्र, वेन आरेख।
प्रतिबल
विभिन्न प्रकार के प्रतिबल सतत यांत्रिकी में प्रतिबल (stress) से आशय ईकाई क्षेत्रफल पर आरोपित उस आन्तरिक बल से है जो दूसरे कणों द्वारा अपने पड़ोसी कणों पर लगाया जाता है। इसकी इकाई न्यूटन/वर्ग मीटर या पासकल या किलोग्राम/मीटर/वर्ग सेकेण्ड होता है। किसी बिन्दु के आसपास एक अत्यन्त छोटे से क्षेत्र \Delta A पर \Delta\vec F बल लगा हो तो कुल प्रतिबल \vec s निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया जाता है- कुल प्रतिबल को निम्नलिखित दो प्रतिबलों के सदिश योग के रूप में भी लिखा जा सकता है: जहाँ: तीन विमाओं में प्रतिबल के घटक .
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सूचना
'सूचना'(Information) पद का अर्थ सूचित करना, कहना, समाचार, बताई गई बात आदि से होता है। सुचना को अंग्रेजी में इनफार्मेशन शब्द फॉर्मेटिया अथवा फोरम शब्द से बना है। ये दोनों ही शब्द वस्तु के आकर व् स्वरूप प्रदान करने के अभिप्राय को व्यक्त करते हैं। हाफमैन के अनुसार — सूचना वक्तव्यो, तथ्यो अथवा आकृतियो का संलगन होती है। एन बैल्किन के अनुसार — सूचना उसे कहते हैं जिसमे आकार को परिवर्तित करने की क्षमता होती है। जे बीकर के अनुसार - किसी विषय से सम्बधित तथ्यो को सूचना कहते हैं। .
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जॉन डाल्टन
जॉन डाल्टन (६ सितंबर, १७६६ - ७ जुलाई, १८४४) एक अंग्रेज़ वैज्ञानिक थे। इन्होंने पदार्थ की रचना सम्बन्धी सिद्धान्त का प्रतिपादन किया जो 'डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त' के नाम से प्रचलित है। डाल्टन का जन्म सन् १७६६ में इंग्लैंड के एक गरीब जुलाहा-परिवार में हुआ था। बारह वर्ष की आयु में उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपनी जीविका शुरू की। सात साल बाद वह एक स्कूल के प्रिंसिपल बन गए। सन् १७९३ में जॉन कालेज में गणित, भौतिकी एवं रसायन शास्त्र पढ़ाने वेफ लिए मैनचेस्टर चले गए। वहाँ पर उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय शिक्षण एवं शोधकार्य में व्यतीत किया। सन 1808 में इन्होंने अपने परमाणु सिद्धांत को प्रस्तुत किया, जो द्रव्यों के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण सिद्धांत साबित हुआ। .
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विकृति
विकृति ' यह वस्तु या पदार्थ मे होने वाले विरूपण (deformation) को प्रदर्शित करती हैं| बाह्य बल(external force) के कारण वस्तु की लंबाई मे होने वाली परिवर्तन एवं उसकी प्रारंभिक लंबाई के अनुपात को विकृति (strain) कहते हैं | अतः नोट:- यह दो लंबाई का अनुपात हैं अर्थात इसकी कोई इकाई नहीं होती हैं | ' .
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व्यवस्था चित्र
वाशिंगटन डीसी भूमिगत रेल का व्यवस्था चित्र व्यवस्था चित्र या 'स्कीमैटिक चित्र' (schematic diagram) ऐसा चित्र है जो किसी तंत्र को अमूर्त ग्राफिक संकेतों के माध्यम से चित्रित करता है। यह उस तंत्र का वास्तविक छबि नहीं होता। उदाहरण के लिये विद्युत परिपथों को प्रदर्शित करने के लिये स्कीमैटिक चित्र ही प्रयुक्त होते हैं। व्यवस्था चित्र तथा अन्य प्रकार के चित्रों के उदाहरण: .
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वेन आरेख
वेन आरेख (Venn diagram) वह आरेख हैं जो समुच्च्यों (या कुलकों) के परिमित संग्रहों (चीजों का समूह) के बीच सभी परिकाल्पनिक (आनुमानिक) रूप से संभव तार्किक संबंधों को दर्शाते हैं। वेन आरेख का आविष्कार 1880 के आसपास जॉन वेन द्वारा किया गया था। इनका कई क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है, जैसे समुच्च्य सिद्धांत, प्रायिकता, तर्क, सांख्यिकी और कंप्यूटर विज्ञान। उदाहरण के लिए, तीन समुच्चय A, B और C दिये हों, तो उनका वेन आरेख नीचे दर्शाया गया है-.
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