आयुर्वेद और पराप्राकृतिक के बीच समानता
आयुर्वेद और पराप्राकृतिक आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): आत्मा।
आत्मा
आत्मा या आत्मन् पद भारतीय दर्शन के महत्त्वपूर्ण प्रत्ययों (विचार) में से एक है। यह उपनिषदों के मूलभूत विषय-वस्तु के रूप में आता है। जहाँ इससे अभिप्राय व्यक्ति में अन्तर्निहित उस मूलभूत सत् से किया गया है जो कि शाश्वत तत्त्व है तथा मृत्यु के पश्चात् भी जिसका विनाश नहीं होता। आत्मा का निरूपण श्रीमद्भगवदगीता या गीता में किया गया है। आत्मा को शस्त्र से काटा नहीं जा सकता, अग्नि उसे जला नहीं सकती, जल उसे गीला नहीं कर सकता और वायु उसे सुखा नहीं सकती। जिस प्रकार मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर नये वस्त्र धारण करता है, उसी प्रकार आत्मा पुराने शरीर को त्याग कर नवीन शरीर धारण करता है। .
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आयुर्वेद और पराप्राकृतिक के बीच तुलना
आयुर्वेद 69 संबंध है और पराप्राकृतिक 15 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.19% है = 1 / (69 + 15)।
संदर्भ
यह लेख आयुर्वेद और पराप्राकृतिक के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: