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आयत (क़ुरआन) और इस्लाम में अल्लाह के नाम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आयत (क़ुरआन) और इस्लाम में अल्लाह के नाम के बीच अंतर

आयत (क़ुरआन) vs. इस्लाम में अल्लाह के नाम

क़ुरआन के सूरा अन-नज्म की अंतिम आयत आयत ('آية'; बहुवचन: 'آيات' आयात) अरबी भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ 'निशान' होता है। इस्लाम के धार्मिक ग्रन्थ क़ुरआन की सबसे छोटी ईकाई को आयत कहते हैं। क़ुरआन के हर अध्याय का नाम सूरा होता है और हर सूरे में बहुत सी आयत होती हैं। अलग सूरे अलग लम्बाई के हैं और इनमें ३ से लेकर २८६ आयत हैं। पूरे क़ुरआन में कुल मिलकर ६,२४० आयत हैं।, Sohaib Sultan, John Wiley & Sons, 2011, ISBN 978-1-118-05398-0,... इस्लाम में अल्लाह के नाम: परंपरा (हदीस) के मुताबिक, इस्लाम में अल्लाह के कम से कम 99 नाम हैं, जिन्हें' अस्माउ अल्लाहि अल-हुसना (अरबी: أسماء الله الحسنى) " अल्लाह के सुंदर नाम " के रूप में जाना जाता है (भी الأسماء الحسنى' asmā'u l-ḥusnā " सुंदर नाम ")। 9वीं शताब्दी के हदीस के संग्रह के अनुसार, "99 नाम" होने की परंपरा सही (صحيح - विश्वसनीय) है, जबकि कम से कम तीन अलग-अलग रूपों में कुछ संग्राहकों द्वारा दिए गए 99 नामों की वास्तविक सूची की परंपरा है ग़रीब (غريب - दुर्लभ, अविश्वसनीय) कहा जाता है। इन सूचियों में अधिकतर नाम कुरान के पाठ से लिया गया हैं, मौखिक परंपरा या सुन्नत में अल्पसंख्यक के साथ किया गया है। नामों की सूचियां अलग-अलग होती हैं क्योंकि 99 से अधिक विशेषताओं को चुनने के लिए अलग अलग प्रस्ताव सम्बोध्नाएं और सन्दर्भ की ज़रुरत होती है, और उस प्रकार ही चुनाजाता है। विभिन्न उल्लेखानाएं 99 नामों की अलग-अलग सूचियां देते हैं। .

आयत (क़ुरआन) और इस्लाम में अल्लाह के नाम के बीच समानता

आयत (क़ुरआन) और इस्लाम में अल्लाह के नाम आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): सूरा, क़ुरआन, अरबी भाषा

सूरा

सूरा (यदा कदा सूरह भी कहा जाता है سورة, سور) एक अरबी शब्द है। इसका अक्षरशः अर्थ है "कोई वस्तु, जो किसी दीवार या बाडः से घिरी है"। यह शब्द कुरान के अध्याय के लिए प्रयोग होता है, जो कि परंपरा अनुसार कम होती लम्बाई के क्रम से लिखे हैं। प्रत्येक सूरा का नाम एक शब्द पर है, जो उस सूरा के अयाह (भाग) में उल्लेखित है। कुछ सूरा मुस्लिमों के लिए अपने रहस्योद्घाटन काल में विस्मयकारी थे। उदाहरणतः ईशू मसीह की माँ - मरियम का अति उच्च स्तर, जो कि इसाइयत (ईशू) की माँ थीं - जैसा सूरा 19 में उल्लेखित है। .

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क़ुरआन

'''क़ुरान''' का आवरण पृष्ठ क़ुरआन, क़ुरान या कोरआन (अरबी: القرآن, अल-क़ुर्'आन) इस्लाम की पवित्रतम किताब है और इसकी नींव है। मुसलमान मानते हैं कि इसे अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रील द्वारा हज़रत मुहम्मद को सुनाया था। मुसलमान मानते हैं कि क़ुरआन ही अल्लाह की भेजी अन्तिम और सर्वोच्च किताब है। यह ग्रन्थ लगभग 1400 साल पहले अवतरण हुई है। इस्लाम की मान्यताओं के मुताबिक़ क़ुरआन अल्लाह के फ़रिश्ते जिब्रील (दूत) द्वारा हज़रत मुहम्मद को सन् 610 से सन् 632 में उनकी मौत तक ख़ुलासा किया गया था। हालांकि आरंभ में इसका प्रसार मौखिक रूप से हुआ पर पैग़म्बर मुहम्मद की मौत के बाद सन् 633 में इसे पहली बार लिखा गया था और सन् 653 में इसे मानकीकृत कर इसकी प्रतियाँ इस्लामी साम्राज्य में वितरित की गईं थी। मुसलमानों का मानना है कि ईश्वर द्वारा भेजे गए पवित्र संदेशों के सबसे आख़िरी संदेश क़ुरआन में लिखे गए हैं। इन संदेशों की शुरुआत आदम से हुई थी। हज़रत आदम इस्लामी (और यहूदी तथा ईसाई) मान्यताओं में सबसे पहला नबी (पैग़म्बर या पयम्बर) था और इसकी तुलना हिन्दू धर्म के मनु से एक हद तक की जा सकती है। जिस तरह से हिन्दू धर्म में मनु की संतानों को मानव कहा गया है वैसे ही इस्लाम में आदम की संतानों को आदमी कहा जाता है। तौहीद, धार्मिक आदेश, जन्नत, जहन्नम, सब्र, धर्म परायणता (तक्वा) के विषय ऐसे हैं जो बारम्बार दोहराए गए। क़ुरआन ने अपने समय में एक सीधे साधे, नेक व्यापारी इंसान को, जो अपने ‎परिवार में एक भरपूर जीवन गुज़ार रहा था। विश्व की दो महान शक्तियों ‎‎(रोमन तथा ईरानी) के समक्ष खड़ा कर दिया। केवल यही नहीं ‎उसने रेगिस्तान के अनपढ़ लोगों को ऐसा सभ्य बना दिया कि पूरे विश्व पर ‎इस सभ्यता की छाप से सैकड़ों वर्षों बाद भी इसके निशान पक्के मिलते हैं। ‎क़ुरआन ने युध्द, शांति, राज्य संचालन इबादत, परिवार के वे आदर्श प्रस्तुत ‎किए जिसका मानव समाज में आज प्रभाव है। मुसलमानों के अनुसार कुरआन में दिए गए ज्ञान से ये साबित होता है कि हज़रत मुहम्मद एक नबी है | .

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अरबी भाषा

अरबी भाषा सामी भाषा परिवार की एक भाषा है। ये हिन्द यूरोपीय परिवार की भाषाओं से मुख़्तलिफ़ है, यहाँ तक कि फ़ारसी से भी। ये इब्रानी भाषा से सम्बन्धित है। अरबी इस्लाम धर्म की धर्मभाषा है, जिसमें क़ुरान-ए-शरीफ़ लिखी गयी है। .

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आयत (क़ुरआन) और इस्लाम में अल्लाह के नाम के बीच तुलना

आयत (क़ुरआन) 7 संबंध है और इस्लाम में अल्लाह के नाम 13 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 15.00% है = 3 / (7 + 13)।

संदर्भ

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