आपेक्षिकता सिद्धांत और उत्सर्जन सिद्धांत के बीच समानता
आपेक्षिकता सिद्धांत और उत्सर्जन सिद्धांत आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): प्रकाश, माइकलसन मोर्ले प्रयोग, विशिष्ट आपेक्षिकता।
प्रकाश
सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित एक मेघ प्रकाश एक विद्युतचुम्बकीय विकिरण है, जिसकी तरंगदैर्ध्य दृश्य सीमा के भीतर होती है। तकनीकी या वैज्ञानिक संदर्भ में किसी भी तरंगदैर्घ्य के विकिरण को प्रकाश कहते हैं। प्रकाश का मूल कण फ़ोटान होता है। प्रकाश की तीन प्रमुख विमायें निम्नवत है।.
आपेक्षिकता सिद्धांत और प्रकाश · उत्सर्जन सिद्धांत और प्रकाश ·
माइकलसन मोर्ले प्रयोग
माइकलसन मोर्ले का व्यतिकरणमापी यन्त्र। माइकलसन-मोर्ले प्रयोग (Michelson–Morley experiment), अल्बर्ट मिशेलसन और एडवर्ड मोर्ले द्वारा १८८७ में किया गया प्रयोग है। कई बार इसे माइकलसन मोर्ले व्यतिकरणमापी भी कहा जाता है। इस प्रयोग के परिणाम ने ईथर सिद्धान्त (aether) को असत्य सिद्ध कर दिया। इस प्रयोग ने परम्परागत रास्ते से हटकर उस रास्ते पर कदम बढ़ाया जो वैज्ञानिक समाज को 'द्वितीय वैज्ञानिक क्रान्ति' की दिशा में ले गया। विशिष्ट आपेक्षिकता के मूलभूत परीक्षण करने वाले तीन प्रयोग हैं- माइकलसन मोर्ले प्रयोग, इव्स-इस्टिवेल प्रयोग (Ives–Stilwell) तथा केनेडी-थॉर्नडाइक प्रयोग (Kennedy–Thorndike experiments)। .
आपेक्षिकता सिद्धांत और माइकलसन मोर्ले प्रयोग · उत्सर्जन सिद्धांत और माइकलसन मोर्ले प्रयोग ·
विशिष्ट आपेक्षिकता
विशिष्ट आपेक्षिकता सिद्धांत अथवा आपेक्षिकता का विशिष्ट सिद्धांत (Spezielle Relativitätstheorie, special theory of relativity or STR) गतिशील वस्तुओं में वैद्युतस्थितिकी पर अपने शोध-पत्र में अल्बर्ट आइंस्टीन ने १९०५ में प्रस्तावित जड़त्वीय निर्देश तंत्र में मापन का एक भौतिक सिद्धांत दिया।अल्बर्ट आइंस्टीन (1905) "", Annalen der Physik 17: 891; अंग्रेजी अनुवाद का जॉर्ज बार्कर जेफ़री और विल्फ्रिड पेर्रेट्ट ने 1923 में किया; मेघनाद साहा द्वारा (1920) में अन्य अंग्रेजी अनुवाद गतिशील वस्तुओं की वैद्युतगतिकी गैलीलियो गैलिली ने अभिगृहीत किया था कि सभी समान गतियाँ सापेक्षिक हैं और यहाँ कुछ भी निरपेक्ष नहीं है तथा कुछ भी विराम अवस्था में भी नहीं है, जिसे अब गैलीलियो का आपेक्षिकता सिद्धांत कहा जाता है। आइंस्टीन ने इस सिद्धांत को विस्तारित किया, जिसके अनुसार प्रकाश का वेग निरपेक्ष व नियत है, यह एक ऐसी घटना है जो माइकलसन-मोरले के प्रयोग में हाल ही में दृष्टिगोचर हुई थी। उन्होने एक अभिगृहीत यह भी दिया कि यह सभी भौतिक नियम, यांत्रिकी व स्थिरवैद्युतिकी के सभी नियमों, वो जो भी हों, समान रहते हैं। इस सिद्धांत के परिणामों की संख्या वृहत है जो प्रायोगिक रूप से प्रेक्षित हो चुके हैं, जैसे- समय विस्तारण, लम्बाई संकुचन और समक्षणिकता। इस सिद्धांत ने निश्चर समय अन्तराल जैसी अवधारणा को बदलकर निश्चर दिक्-काल अन्तराल जैसी नई अवधारणा को जन्म दिया है। इस सिद्धांत ने क्रन्तिकारी द्रव्यमान-ऊर्जा सम्बन्ध E.
आपेक्षिकता सिद्धांत और विशिष्ट आपेक्षिकता · उत्सर्जन सिद्धांत और विशिष्ट आपेक्षिकता ·
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आपेक्षिकता सिद्धांत और उत्सर्जन सिद्धांत के बीच तुलना
आपेक्षिकता सिद्धांत 41 संबंध है और उत्सर्जन सिद्धांत 8 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 6.12% है = 3 / (41 + 8)।
संदर्भ
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