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आधुनिकता और व्यक्तिपरकता

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आधुनिकता और व्यक्तिपरकता के बीच अंतर

आधुनिकता vs. व्यक्तिपरकता

आधुनिकता शब्द आमतौर पर उत्तर-पारंपरिक, उत्तर-मध्ययुगीन ऐतिहासिक अवधि को संदर्भित करता है, जो सामंतवाद (भू-वितरणवाद) से पूंजीवाद, औद्योगीकरण धर्मनिरपेक्षवाद, युक्तिकरण, राष्ट्र-राज्य और उसकी घटक संस्थाओं तथा निगरानी के प्रकारों की ओर कदम बढ़ाने से चिह्नित होता है (बार्कर 2005, 444). व्यक्तिपरकता (Subjectivity) चेतना, वास्तविकता और सत्य के बोध से सम्बन्धित वह दार्शनिक अवधारणा है जिसमें किसी व्यक्ति या अन्य बोध करने वाले जीव को वास्तविकता वसी प्रतीत होती है जैसे उसके अपने स्वयं के गुणों द्वारा प्रभावित हो। यह वस्तुनिष्ठता के विपरीत होती है जिसमें तथ्य वैश्विक-रूप से सत्य होते हैं और बोध करने वाले व्यक्ति या जीव के भीतरी गुणों पर निर्भर नहीं होते। उदाहरण के लिये कोई व्यक्ति क्रोधित हो तो उसे व्यक्तिपरक रूप से कोई अन्य व्यक्ति शत्रु प्रतीत हो सकता है जबकी वस्तुनिष्ठ सत्य में यह अन्य व्यक्ति मित्र हो। .

आधुनिकता और व्यक्तिपरकता के बीच समानता

आधुनिकता और व्यक्तिपरकता आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

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आधुनिकता और व्यक्तिपरकता के बीच तुलना

आधुनिकता 31 संबंध है और व्यक्तिपरकता 7 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (31 + 7)।

संदर्भ

यह लेख आधुनिकता और व्यक्तिपरकता के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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