आत्मोपनिरूषद और ऋषि
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आत्मोपनिरूषद और ऋषि के बीच अंतर
आत्मोपनिरूषद vs. ऋषि
आत्मोपनिरूषद अथर्ववेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है। यह उपनिषद संस्कृत भाषा में लिखित है। इसके रचियता वैदिक काल के ऋषियों को माना जाता है परन्तु मुख्यत वेदव्यास जी को कई उपनिषदों का लेखक माना जाता है। . ऋषि भारतीय परंपरा में श्रुति ग्रंथों को दर्शन करने (यानि यथावत समझ पाने) वाले जनों को कहा जाता है। आधुनिक बातचीत में मुनि, योगी, सन्त अथवा कवि इनके पर्याय नाम हैं। ऋषि शब्द की व्युत्पत्ति 'ऋष' है जिसका अर्थ देखना होता है। ऋषि के प्रकाशित कृतियों को आर्ष कहते हैं जो इसी मूल से बना है, इसके अतिरिक्त दृष्टि (नज़र) जैसे शब्द भी इसी मूल से हैं। सप्तर्षि आकाश में हैं और हमारे कपाल में भी। ऋषि आकाश, अन्तरिक्ष और शरीर तीनों में होते हैं। .
आत्मोपनिरूषद और ऋषि के बीच समानता
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संदर्भ
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