आत्महत्या और माओ से-तुंग
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आत्महत्या और माओ से-तुंग के बीच अंतर
आत्महत्या vs. माओ से-तुंग
आत्महत्या (लैटिन suicidium, sui caedere से, जिसका अर्थ है "स्वयं को मारना") जानबूझ कर अपनी मृत्यु का कारण बनने के लिए कार्य करना है। आत्महत्या अक्सर निराशा के चलते की जाती है, जिसके लिए अवसाद, द्विध्रुवीय विकार, मनोभाजन, शराब की लत या मादक दवाओं का सेवनजैसे मानसिक विकारों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। तनाव के कारक जैसे वित्तीय कठिनाइयां या पारस्परिक संबंधों में परेशानियों की भी अक्सर एक भूमिका होती है। आत्महत्या को रोकने के प्रयासों में आग्नेयास्त्रों तक पहुंच को सीमित करना, मानसिक बीमारी का उपचार करना तथा नशीली दवाओं के उपयोग को रोकना तथा आर्थिक विकास को बेहतर करना शामिल हैं। आत्महत्या करने के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे आम विधि, देशों के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है और आंशिक रूप से उपलब्धता से संबंधित है। आम विधियों में निम्नलिखित शामिल हैं: लटकना, कीटनाशक ज़हर पीना और बंदूकें। लगभग 8,00,000 से 10,00,000 लोग हर वर्ष आत्महत्या करते हैं, जिस कारण से यह दुनिया का दसवे नंबर का मानव मृत्यु का कारण है। पुरुषों से महिलाओं में इसकी दर अधिक है, पुरुषों में महिलाओं की तुलना में इसके होने का समभावना तीन से चार गुना तक अधिक है। अनुमानतः प्रत्येक वर्ष 10 से 20 मिलियन गैर-घातक आत्महत्या प्रयास होते हैं। युवाओं तथा महिलाओं में प्रयास अधिक आम हैं। इतिहास सम्मान और जीवन का अर्थ जैसे व्यापक अस्तित्व विषयों द्वारा आत्महत्या के विचारों पर प्रभाव पड़ता है। अब्राहमिक धर्म पारम्परिक रूप से आत्महत्या को ईश्वर के समक्ष किया जाने वाला पाप मानते हैं क्योंकि वे जीवन की पवित्रतामें विश्वास करते हैं। जापान में सामुराई युग में, सेप्पुकू को विफलता का प्रायश्चित या विरोध का एक रूप माना जाता था। सती, जो अब कानूनन निषिद्ध है हिंदू दाह संस्कार है, जो पति की चिता पर विधवा द्वारा खुद को बलिदान करने से संबंधित है, यह अपनी इच्छा या परिवार व समाज के दबाव में किया जाता था। आत्महत्या और आत्महत्या का प्रयास, पूर्व में आपराधिक रूप से दंडनीय था लेकिन पश्चिमी देशों में अब ऐसा नहीं है। बहुत से मुस्लिम देशों में यह आज भी दंडनीय अपराध है। 20वीं और 21 वीं शताब्दी में आत्मदाह के रूप में आत्महत्या विरोध का एक तरीका है और कामीकेज़ और आत्मघाती वम विस्फोट को फौजी या आतंकवादी युक्ति के रूप में उपयोग किया जाता है। . माओ से-तुंग या माओ ज़ेदोंग (毛泽东, Mao Zedong अथवा Mao Tse-tung; जन्म: २६ दिसम्बर १८९३; निधन: ९ सितम्बर १९७६) चीनी क्रान्तिकारी, राजनैतिक विचारक और साम्यवादी (कम्युनिस्ट) दल के नेता थे जिनके नेतृत्व में चीन की क्रान्ति सफल हुई। उन्होंने जनवादी गणतन्त्र चीन की स्थापना (सन् १९४९) से मृत्यु पर्यन्त (सन् १९७६) तक चीन का नेतृत्व किया। मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारधारा को सैनिक रणनीति में जोड़कर उन्होंनें जिस सिद्धान्त को जन्म दिया उसे माओवाद नाम से जाना जाता है। वर्तमान में कई लोग माओ को एक विवादास्पद व्यक्ति मानते हैं परन्तु चीन में वे राजकीय रूप में महान क्रान्तिकारी, राजनैतिक रणनीतिकार, सैनिक पुरोधा एवं देशरक्षक माने जाते हैं। चीनियों के अनुसार माओ ने अपनी नीति और कार्यक्रमों के माध्यम से आर्थिक, तकनीकी एवं सांस्कृतिक विकास के साथ संसार विश्व में प्रमुख शक्ति के रूप में ला खडा करने में मुख्य भूमिका निभाई। वे कवि, दार्शनिक, दूरदर्शी महान प्रशासक के रूप में गिने जाते हैं। इसके विपरीत, माओ के 'ग्रेट लीप फॉरवर्ड' (Great Leap Forward) और 'सांस्कृतिक क्रांति' नामक सामाजिक तथा राजनीतिक कार्यक्रमों के कारण गंभीर अकाल की सृजना होने के साथ चीनी समाज, अर्थव्यवस्था तथा संस्कृति को ठेस पहुंचाने की भी बातें की जाती हैं, जिसके कारण संसार में सन् १९४९ से १९७५ तक करोडों लोगों की व्यापक मृत्यु हुई बताई जाती हैं। माओ संसार के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में गिने जाते हैं। टाइम पत्रिका के अनुसार २०वीं सदी के १०० सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में माओ आते हैं। .
आत्महत्या और माओ से-तुंग के बीच समानता
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आत्महत्या और माओ से-तुंग के बीच तुलना
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संदर्भ
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