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आत्मकथा और मीन कैम्फ

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आत्मकथा और मीन कैम्फ के बीच अंतर

आत्मकथा vs. मीन कैम्फ

आत्मकथा हिंदी गद्य की एक विधा है जिसमें लेखक अपनी ही कथा स्मृतियों के आधार पर लिखता है। आत्मकथा में निष्पक्षता जरूरी है। इसे काल्पनिक बातों और घटनाओं से बचाना भी जरूरी है और रोचकता भी बनाए रखने की जरूरी है। . मीन कैम्फ (Mein Kampf) (अर्थ: मेरा संघर्ष) जर्मनी के तानाशाह और पूर्व चांसलर एडोल्फ हिटलर द्वारा लिखित एक पुस्तक है। इसमें हिटलर की आत्मकथा के साथ-साथ उसकी राजनीतिक विचारधारा और जर्मनी के बारे में उसकी योजनाओं का वर्णन है। यह पुस्तक दो भागों में छपी - पहला भाग सन् १९२५ में और दूसरा भाग सन् १९२६ में छपा। इस पुस्तक को हिटलर के सहायक रुडोल्फ़ हेस ने संपादित किया था। नवंबर १९२३ में राजनीतिक वजहों से जेल में कैद होने पर हिटलर ने अपनी इस किताब को बोलना शुरु किया जिसे हेस लिखता गया। लेखन के दौरान हिटलर को लगा कि यह पुस्तक दो हिस्सों में होनी चाहिए। लैंड्सबर्ग जेल के जेलर के अनुसार हिटलर को ऐसा लगता था कि यह पुस्तक कई हिस्सों और संस्करणों में छपेगी और इससे मुकदमें में होने वाले खर्च की भरपाई हो सकेगी। 2016 में बवैरियाई सरकार के इस पुस्तक पर एकाधिकार (कॉपीराइट) खत्म होने के बाद मीन कैम्फ सन १९४५ के बाद एक बार फिर जर्मनी में प्रकाशित होना शुरु हुई। .

आत्मकथा और मीन कैम्फ के बीच समानता

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आत्मकथा और मीन कैम्फ के बीच तुलना

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संदर्भ

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