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आतंकवाद और आत्मघाती हमला

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आतंकवाद और आत्मघाती हमला के बीच अंतर

आतंकवाद vs. आत्मघाती हमला

विभाग राज्य Department of State) आतंकवाद एक प्रकार के erहौल को कहा जाता है। इसे एक प्रकार के हिंसात्मक गतिविधि के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो कि अपने आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं विचारात्मक लक्ष्यों की प्रतिपूर्ति के लिए गैर-सैनिक अर्थात नागरिकों की सुरक्षा को भी निशाना बनाते हैं। गैर-राज्य कारकों द्वारा किये गए राजनीतिक, वैचारिक या धार्मिक हिंसा को भी आतंकवाद की श्रेणी का ही समझा जाता है। अब इसके तहत गैर-क़ानूनी हिंसा और युद्ध को भी शामिल कर लिया गया है। अगर इसी तरह की गतिविधि आपराधिक संगठन द्वारा चलाने या को बढ़ावा देने के लिए करता है तो सामान्यतः उसे आतंकवाद नहीं माना जाता है, यद्यपि इन सभी कार्यों को आतंकवाद का नाम दिया जा सकता है। गैर-इस्लामी संगठनों या व्यक्तित्वों को नजरअंदाज करते हुए प्रायः इस्लामी या जिहादी के साथ आतंकवाद की अनुचित तुलना के लिए इसकी आलोचना भी की जाती है। . आत्मघाती हमला हमले की वह पद्धति है जिसमें हमलावर लक्ष्य को नष्ट करने या नुकसान पहुँचाने की प्रक्रिया को यह समझकर अंजाम देता है कि इसमें उसकी मृत्यु तय है। १९८१ से २००६ के बीच दुनिया भर में लगभग १२०० आत्मघाती हमले हुए जो कुल आतंकवादी हमलों का ४% थे लेकिन इसमें मारे गए लोगों की संख्या कुल आहत लोगों का ३२% थी। इस दौरान आत्मघाती हमलों में १४,५९९ लोगों की मृत्यु हो गई थी। आतंकवादी हमलों में से ९०% इराक, इजराइल, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, में हुए। यद्यपि आत्मघाती हमले इतिहास में पहले भी हुए हैं और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापानी हवाई दस्ते के कमिकाजी उढ़ाके तो इसके लिए प्रसिद्ध हैं किन्तु यह १९८० के दशक के बाद हुए विशेष हमलों के लिए रूढ़ हो गया है जिसमें व्यक्ति जानबूझकर अपने शरीर या वाहन आदि में विस्फोटक भरकर अप्रत्याशित रूप से उसका विस्फोट सार्वजनिक स्थलों या सरकारी प्रतिष्ठानों पर करता है। फ़िदायीन हमला आतंकवादियों द्वारा प्रयोग की जाने वाली एक आत्मघाती रणनीति है। सामान्य: इस तरह के हमलों को विशेष रूप से भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया जाता हैं। फ़िदायीन हमले मे एक फ़िदायीन (उग्रवादी, जो सामान्यः एक पुरुष होता है) खुद को हथियारों और गोला बारूद से लैस करता है, फिर वो एक सैन्य आधार, सुरक्षा चौकी या एक सैन्य संस्थापन मे प्रवेश करता है और फिर वो इन कानून के रखवाले, सैन्य अधिकारिओं और जवानों पर अंधाधुंद गोलीबारी शुरु कर देता है। इस गोलीबारी वो जब तक जारी रखता है जब तक उसका सारा असला खत्म नहीं हो जाता और इसके बाद उसे लगभग हमेशा ही सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराया जाता है। फ़िदायीन आतंकवादी हमले के बाद हमेशा भागने की कोशिश करते हैं पर लगभग हमेशा ही इन्हें सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराया जाता है क्योंकि यह उग्रवादी कभी भी हमले के बाद भागने की योजना नहीं बनाते बस उसके बाद मौका मिलने पर भागने की कोशिश करते हैं। यह आतंकवादी, आत्मघाती हमलावरों (मानव बम) की तरह, हमले के निष्पादन के दौरान मरने के लिए तैयार रहते हैं। .

आतंकवाद और आत्मघाती हमला के बीच समानता

आतंकवाद और आत्मघाती हमला आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): द्वितीय विश्वयुद्ध, आतंकवाद

द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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आतंकवाद

विभाग राज्य Department of State) आतंकवाद एक प्रकार के erहौल को कहा जाता है। इसे एक प्रकार के हिंसात्मक गतिविधि के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो कि अपने आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं विचारात्मक लक्ष्यों की प्रतिपूर्ति के लिए गैर-सैनिक अर्थात नागरिकों की सुरक्षा को भी निशाना बनाते हैं। गैर-राज्य कारकों द्वारा किये गए राजनीतिक, वैचारिक या धार्मिक हिंसा को भी आतंकवाद की श्रेणी का ही समझा जाता है। अब इसके तहत गैर-क़ानूनी हिंसा और युद्ध को भी शामिल कर लिया गया है। अगर इसी तरह की गतिविधि आपराधिक संगठन द्वारा चलाने या को बढ़ावा देने के लिए करता है तो सामान्यतः उसे आतंकवाद नहीं माना जाता है, यद्यपि इन सभी कार्यों को आतंकवाद का नाम दिया जा सकता है। गैर-इस्लामी संगठनों या व्यक्तित्वों को नजरअंदाज करते हुए प्रायः इस्लामी या जिहादी के साथ आतंकवाद की अनुचित तुलना के लिए इसकी आलोचना भी की जाती है। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

आतंकवाद और आत्मघाती हमला के बीच तुलना

आतंकवाद 89 संबंध है और आत्मघाती हमला 3 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 2.17% है = 2 / (89 + 3)।

संदर्भ

यह लेख आतंकवाद और आत्मघाती हमला के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: