आज़रबाइजान का संविधान और राष्ट्रप्रमुख के बीच समानता
आज़रबाइजान का संविधान और राष्ट्रप्रमुख आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): न्यायपालिका, राष्ट्रपति, शासनप्रमुख, विधानपालिका, कार्यकारिणी (सरकार)।
न्यायपालिका
न्यायपालिका (Judiciary या judicial system या judicature) किसी भी जनतंत्र के तीन प्रमुख अंगों में से एक है। अन्य दो अंग हैं - कार्यपालिका और व्यवस्थापिका। न्यायपालिका, संप्रभुतासम्पन्न राज्य की तरफ से कानून का सही अर्थ निकालती है एवं कानून के अनुसार न चलने वालों को दण्डित करती है। इस प्रकार न्यायपालिका विवादों को सुलझाने एवं अपराध कम करने का काम करती है जो अप्रत्यक्ष रूप से समाज के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त के अनुरूप न्यायपालिका स्वयं कोई नियम नहीं बनाती और न ही यह कानून का क्रियान्यवन कराती है। सबको समान न्याय सुनिश्चित करना न्यायपालिका का असली काम है। न्यायपालिका के अन्तर्गत कोई एक सर्वोच्च न्यायालय होता है एवं उसके अधीन विभिन्न न्यायालय (कोर्ट) होते हैं। .
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राष्ट्रपति
राष्ट्रपति किसी देश की सरकार का सांवैधानिक प्रमुख होता है। .
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शासनप्रमुख
शासनप्रमुख या सरकारप्रमुख, एक जातिवाचक शब्द है, जिसका उपयोग, किसी संप्रभु राज्य (जिसे सामान्यतः "देश" कहा जाता है) की कार्यकारी शाखा के प्रमुख अथवा उसके उपाधिकारी के लिए किया जाता है। व्यावहारिक तौरपर, सरकरप्रमुख, किसी देश, संघाधीन राज्य या स्वशासित क्षेत्र की सरकार के मुखिया, अर्थात कार्यपालिका के प्रमुख को कहा जाता है, अमूमन जिसके निर्देशानुसार सरकार कार्य करती है। यह पद राष्ट्रप्रमुख के पद से भिन्न होता है, जोकि किसी देश का वैधिक प्रमुख होता है, हालाँकि कई देशों में, विशेष तौरपर अध्यक्षीय प्रणालियों और तानाशाहियों में, राष्ट्रप्रमुख तथा शासनप्रमुख, का कार्यभार, एक ही पदाधिकारी के ऊपर होता है। तथा कई देशों में इन दोनों पदों को पूणतः विभक्त रखा जाता है, जबकि कुछ प्रणालियों में शासनप्रमुख के कुछ शक्तियों और कार्यभार को राष्ट्रप्रमुख के विवेकाधीन रखा गया है। शासनप्रमुख की शक्तियाँ, अधिकार, नियुक्ति-प्रक्रिया और सरकार के अन्य अंगों से संबंध, विभिन्न देशों में, शासन-प्रणाली और प्रशासनिक संरचना, विधि-विधान और ऐतिहासिक परंपरा के आधार पर, भिन्न होती हैं। अमूमन, शासनप्रमुखगण, कैबिनेट, मंत्रिपरिषद अथवा सचिवगण के परिषद् के प्रमुख होते हैं, जिनपर सरकार के विभिन्न विभागों का कार्यभार होता है। शासनप्रमुखगण पर विएना संविधि द्वारा विशेष राजनयिक प्रतिरक्षा भी निहित होती है। अधिकांश संसदीय गणराज्यों में, और विशेषतः, वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली से प्रभावित व्यवस्थाओं में, शासनप्रमुख और राष्ट्रप्रमुख के पदों और अधिकारों को पूणतः विभक्त रखा जाता है, और शासनप्रमुख को आम तौरपर "प्रधानमंत्री" कहा जाता है। वहीँ, अध्यक्षीय गणराज्यों में राष्ट्रप्रमुख तथा शासनप्रमुख, दोनों का कार्यभार एक ही व्यक्ति को दिया जाता है, जिसे "राष्ट्रपति" कहा जाता है। कुछ गणराज्यों में, राष्ट्रपति के अधीन एक अतिरिक्त पदाधिकारी होता है, तथा कार्यकारी शक्तियां दोनों पर विभिन्न मात्रा में निहित होती है। इन्हें अर्ध-अध्यक्षीय प्रणाली कहा जाता है। ऐसी व्यवस्था श्रीलंका और फ्रांस में देखि जा सकती है। वर्त्तमान समय में अधिकांश राजतंत्र, वेस्ट्मिन्स्टर व्यवस्था (या उसके सामानांतर व्यवस्था) का पालन करती हैं, परंतु सऊदी अरब, वैटिकन सिटी, संयुक्त अरब अमीरात, इत्यादि तथा पूर्वतः अधिकांश निरंकुश राजतंत्रों में शासनप्रमुख के तौरपर एक "प्रधानमंत्री" अथवा उसी के सामान एक अधिकारी को शासन सँभालने हेतु नियुक्त तो किया जाता है, परंतु उसे शासक द्वारा कभी भी इच्छानुसार पद से हटाया जा सकता है, अतः वह पूर्णतः शासक के नियंत्रण में कार्य करता है। .
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विधानपालिका
विधायिका (Legislature) या विधानमंडल किसी राजनैतिक व्यवस्था के उस संगठन या ईकाई को कहा जाता है जिसे क़ानून व जन-नीतियाँ बनाने, बदलने व हटाने का अधिकार हो। किसी विधायिका के सदस्यों को विधायक (legislators) कहा जाता है। आमतौर से विधायोकाओं में या तो एक या फिर दो सदन होते हैं। भारत में राष्ट्रीय स्तर पर दो-सदनीय विधायिका है जो संसद कहलाती है। .
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कार्यकारिणी (सरकार)
कार्यकारिणी (Executive) सरकार का वह अंग होती हैं जो राज्य के शासन का अधिकार रखती हैं और उसकी ज़िम्मेदारी उठाती हैं। कार्यकारिणी क़ानून को कार्यान्वित करती हैं और उसे लागू करती हैं। अध्यक्षीय प्रणाली में, कार्यकारिणी का प्रमुख दोनों, राज्य का प्रमुख और सरकार का प्रमुख होता हैं। संसदीय प्रणाली में, एक कैबिनेट मंत्री जो विधायिका को उत्तरदायी होता हैं, वह सरकार का प्रमुख होता हैं, जबकि राज्य का प्रमुख आम तौर पर एक औपचारिक राजा अथवा राष्ट्रपति होता हैं। .
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आज़रबाइजान का संविधान और राष्ट्रप्रमुख के बीच तुलना
आज़रबाइजान का संविधान 22 संबंध है और राष्ट्रप्रमुख 11 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 15.15% है = 5 / (22 + 11)।
संदर्भ
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