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आईआरएनएसएस-1डी और भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आईआरएनएसएस-1डी और भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली के बीच अंतर

आईआरएनएसएस-1डी vs. भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली

आईआरएनएसएस-१डी (IRNSS-1D) भारत का एक नौवहन उपग्रह है। यह उपग्रह २८ मार्च २०१५ को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया गया था।यह भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (IRNSS) शृंखला के अन्तर्गत छोड़े जाने वाले ७ उपग्रहों में से चौथा है। इसके पहले आईआरएनएसएस-1ए, आईआरएनएसएस-1बी और आईआरएनएसएस-1सी पहले ही छोड़े जा चुके हैं। . भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (Indian Regional Navigational Satellite System) अथवा इंडियन रीजनल नैविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-आईआरएनएसएस भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित, एक क्षेत्रीय स्वायत्त उपग्रह नौवहन प्रणाली है जो पूर्णतया भारत सरकार के अधीन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका नाम भारत के मछुवारों को समर्पित करते हुए नाविक रखा है। इसका उद्देश्य देश तथा देश की सीमा से 1500 किलोमीटर की दूरी तक के हिस्से में इसके उपयोगकर्ता को सटीक स्थिति की सूचना देना है। सात उपग्रहों वाली इस प्रणाली में चार उपग्रह ही निर्गत कार्य करने में सक्षम हैं लेकिन तीन अन्य उपग्रह इसकी द्वारा जुटाई गई जानकारियों को और सटीक बनायेगें। हर उपग्रह की कीमत करीब 150 करोड़ रुपए के करीब है। वहीं पीएसएलवी-एक्सएल प्रक्षेपण यान की लागत 130 करोड़ रुपए है। .

आईआरएनएसएस-1डी और भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली के बीच समानता

आईआरएनएसएस-1डी और भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): भारत, आईआरएनएसएस-१ए, आईआरएनएसएस-१बी, आईआरएनएसएस-१सी, उपग्रह नौवहन प्रणाली

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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आईआरएनएसएस-१ए

आईआरएनएसएस-1ए एक भारतीय कृत्रिम उपग्रह है जो कि भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (Indian Regional Navigational Satellite System) अथवा इंडियन रीजनल नैविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-आईआरएनएसएस के लिए छोड़े जाने वाले उपग्रहों की श्रंखला में पहला है। इस उपग्रह का प्रक्षेपण 02 जुलाई 2013 की सुबह सतीश धवन अंतरिक्ष केन्‍द्र, श्रीहरिकोटा से किया गया। आईआरएनएसएस भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित, एक क्षेत्रीय स्वायत्त उपग्रह नौवहन प्रणाली है जो पूर्णतया भारत सरकार के अधीन होगी। इसका उद्देश्य देश तथा देश की सीमा से 1500 किलोमीटर की दूरी तक के हिस्से में इसके उपयोगकर्ता को सटीक स्थिति की सूचना देना है। .

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आईआरएनएसएस-१बी

आईआरएनएसएस-1बी एक भारतीय कृत्रिम उपग्रह है जो कि भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (Indian Regional Navigational Satellite System) अथवा इंडियन रीजनल नैविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-आईआरएनएसएस के लिए छोड़े जाने वाले उपग्रहों की श्रंखला में दूसरा है। इस उपग्रह का प्रक्षेपण 04 अप्रैल 2014 को सुबह सतीश धवन अंतरिक्ष केन्‍द्र, श्रीहरिकोटा से किया गया। आईआरएनएसएस भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित, एक क्षेत्रीय स्वायत्त उपग्रह नौवहन प्रणाली है जो पूर्णतया भारत सरकार के अधीन होगी। इसका उद्देश्य देश तथा देश की सीमा से 1500 किलोमीटर की दूरी तक के हिस्से में इसके उपयोगकर्ता को सटीक स्थिति की सूचना देना है। .

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आईआरएनएसएस-१सी

आईआरएनएसएस-1सी एक भारतीय कृत्रिम उपग्रह है जो कि भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (Indian Regional Navigational Satellite System) अथवा इंडियन रीजनल नैविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-आईआरएनएसएस के लिए छोड़े जाने वाले उपग्रहों की श्रंखला में तीसरा है। 1,425 किग्रा वजन वाले इस उपग्रह का सफल प्रक्षेपण 16 अक्टूबर 2014 की सुबह 1 बजकर 32 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केन्‍द्र, श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी26 रॉकेट के द्वारा किया गया। आईआरएनएसएस भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित, एक क्षेत्रीय स्वायत्त उपग्रह नौवहन प्रणाली है जो पूर्णतया भारत सरकार के अधीन होगी। इसका उद्देश्य देश तथा देश की सीमा से 1500 किलोमीटर की दूरी तक के हिस्से में इसके उपयोगकर्ता को सटीक स्थिति की सूचना देना है। .

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उपग्रह नौवहन प्रणाली

व्यापारिक जलयान पर लगी एक नेविगेशन प्रणाली उपग्रह संचालन का एक प्रमुख उपयोग: प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल उपग्रह नौवहन प्रणाली (Satellite Navigation System) कृत्रिम उपग्रहों की एक प्रणाली को कहते हैं जो विश्व में सर्वत्र भू-स्पेसिअल पोजिशनिंग प्रदान करने में समर्थ हो। इस प्रणाली की सहायता से छोटे इलेक्ट्रानिक रिसीवर अपनी स्थिति (अक्षांश, देशान्तर तथा ऊँचाई) की अत्यन्त यथार्थता (precision) से गणना कर लेते हैं। ये इलेक्ट्रानिक रिसीवर वर्तमान स्थानीय समय की गणना भी कर लेते हैं। .

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आईआरएनएसएस-1डी और भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली के बीच तुलना

आईआरएनएसएस-1डी 7 संबंध है और भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली 27 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 14.71% है = 5 / (7 + 27)।

संदर्भ

यह लेख आईआरएनएसएस-1डी और भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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