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अहल्या और जगद्गुरु रामभद्राचार्य ग्रंथसूची

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अहल्या और जगद्गुरु रामभद्राचार्य ग्रंथसूची के बीच अंतर

अहल्या vs. जगद्गुरु रामभद्राचार्य ग्रंथसूची

अहल्या - राजा रवि वर्मा का बनाया गया चित्र अहल्या भारतीय महाकाव्य रामायण का एक पात्र है, जो गौतम ऋषि की पत्नी और ब्रह्माजी की मानसपुत्री थी। ब्रह्मा ने अहल्या को सबसे सुंदर स्त्री बनाया। सभी देवता उनसे विवाह करना चाहते थे। ब्रह्मा ने एक शर्त रखी जो सबसे पहले त्रिलोक का भ्रमण कर आएगा वही अहल्या का वरण करेगा। इंद्र अपनी सभी चमत्कारी शक्ति द्वारा सबसे पहले त्रिलोक का भ्रमण कर आये। लेकिन तभी नारद ने ब्रह्माजी को बताया की ऋषि गौतम ने इंद्र से पहले किया है। नारदजी ने ब्रह्माजी को बताया की अपने दैनिक पूजा क्रम में ऋषि गौतम ने गाय माता का परिक्रमा करते समय बछडे को जन्म दिया। वेदानुसार इस अवस्था में गाय की परिक्रमा करना त्रिलोक परिक्रमा समान होता है। इस तरह माता अहल्या की शादी अत्रि ऋषि के पुत्र ऋषि गौतम से हुआ। इंद्र के गलती की वजह ऋषि गौतम ने माता अहिल्या श्राप देकर पत्थर बना दिया। कालांतर में प्रभु श्रीराम के चरणस्पर्श द्वारा वे पुन: स्त्री बनी। . जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य (जगद्गुरु रामभद्राचार्य अथवा स्वामी रामभद्राचार्य के रूप में अधिक प्रसिद्ध) चित्रकूट धाम, भारत के एक हिंदू धार्मिकनेता, शिक्षाविद्, संस्कृतविद्वान, बहुभाषाविद, कवि, लेखक, टीकाकार, दार्शनिक, संगीतकार, गायक, नाटककार और कथाकलाकार हैं। उनकी रचनाओं में कविताएँ, नाटक, शोध-निबंध, टीकाएँ, प्रवचन और अपने ग्रंथों पर स्वयं सृजित संगीतबद्ध प्रस्तुतियाँ सम्मिलित हैं। वे ९० से अधिक साहित्यिक कृतियों की रचना कर चुके हैं, जिनमें प्रकाशित पुस्तकें और अप्रकाशित पांडुलिपियां, चार महाकाव्य,संस्कृत और हिंदी में दो प्रत्येक। तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस पर एक हिंदी भाष्य,अष्टाध्यायी पर पद्यरूप में संस्कृत भाष्य और प्रस्थानत्रयी शास्त्रों पर संस्कृत टीकाएँ शामिल हैं।दिनकर २००८, प्रप्र.

अहल्या और जगद्गुरु रामभद्राचार्य ग्रंथसूची के बीच समानता

अहल्या और जगद्गुरु रामभद्राचार्य ग्रंथसूची आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): नारद, रामायण

नारद

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अहल्या और नारद · जगद्गुरु रामभद्राचार्य ग्रंथसूची और नारद · और देखें »

रामायण

रामायण आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके २४,००० श्लोक हैं। यह हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी। इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि' भी कहा जाता है। रामायण के सात अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। .

अहल्या और रामायण · जगद्गुरु रामभद्राचार्य ग्रंथसूची और रामायण · और देखें »

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अहल्या और जगद्गुरु रामभद्राचार्य ग्रंथसूची के बीच तुलना

अहल्या 7 संबंध है और जगद्गुरु रामभद्राचार्य ग्रंथसूची 99 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 1.89% है = 2 / (7 + 99)।

संदर्भ

यह लेख अहल्या और जगद्गुरु रामभद्राचार्य ग्रंथसूची के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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