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अस्पेर्गेर संलक्षण और बहुव्यक्तित्व विकार

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अस्पेर्गेर संलक्षण और बहुव्यक्तित्व विकार के बीच अंतर

अस्पेर्गेर संलक्षण vs. बहुव्यक्तित्व विकार

एस्पर्गर संलक्षण या एस्पर्गरस संलक्षण एक स्व-अभिव्यक्तता प्रतिबिंब रोग है। जीसकी महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि समाजीक संपर्क और व्यवहार में कठिनाई होती है और व्यवहारइक आचरण में दोहरावदार प्रकार देखाई देता है। ये अन्य स्व-अभिव्यक्तता प्रतिबिंब रोगों से अलग है क्योंकि इसमे भाषा और विज्ञान संबंधी विकास बहुत देर से होता है। हालांकि निदान के लिए आवश्यकता नहीं है, पर शारीरिक भद्दापन और अनियमित भाषा का उपयोग अक्सर देखाई देता है। एस्पर्गर सिंड्रोम, ऑस्ट्रियन बालरोग चिकित्सक के नाम पर रखा गया है, जीसने के १९४४ में अपने अभ्यास में उन बच्चों को वर्णित किया जो की, अनकहा संचार, अपने साथियों के साथ कम सहानुभूतिऔर बेढ़ंगे शारीरिक रूप का प्रदर्शन करते थे। पचास साल बाद, यह एक निदान के रूप में मानकीकृत किया गया था, लेकिन अभी भी कई सवाल रोग के विकार के पहलुओं के बारे में रहते हैं। उदाहरण के लिए, इसमे संदेह है कि क्या यह उच्च कार्य स्व-अभिव्यक्तता से अलग है। /0<ref name. बहुव्यक्तित्व विकार व्यक्तित्व की दो परस्परविरोधी अथवा सर्वथा भिन्न शैलियों का उसकी एक ही इकाई में अपनी पृथक्‌ सत्ता सुरक्षित रखते हुए, इकट्ठे रहने का बोध द्विव्यक्तित्व (Dual Personality) है। एक ही व्यक्ति के घेरे में रहकर भी ये अपने में सुसंबद्ध एवं व्यवस्थित होते हैं; एक दूसरे के प्रति तटस्थ एवं विस्मृत रहते हैं। जब एक व्यक्तित्व-खंड चेतना के धरातल पर सक्रिय रहता हैं तो दूसरे की स्मृति नहीं रहती, यद्यपि स्मृति के मामले में अपवाद भी होते हैं। अपने ही भिन्न स्वरूपबोधों की असंपृक्तता व्यवहार में प्रकट होकर लोगों को अचरज में डाल देती है। सर्वथा विरोधी आचरणों से उसके सामाजिक संबंध लगातार बाधित एवं व्यतिक्रमित होते हैं, टूट जाते हैं। द्विव्यक्तित्वधारी, मानसिक चिकित्सा का एक नैदानिक विषय (पैथालाजिकल केस) बन जाता है। ये व्यक्तित्व-खंड दो से ज्यादा भी होते है। इनके कई नाम भी चलते हैं- बहुव्यक्तित्व (मल्टिपुल पर्सनैलिटी), खंडित व्यक्तित्व (स्प्लिट पर्सनैलिटी); असंपृक्त व्यक्तित्व (Dissociative personality), एकांतरित तथा स्थानांतरित (आल्टर्नेंट तथा डिस्प्लेस्ड) व्यक्तित्व आदि। लोककथाओं तथ साहित्य में ऐसे व्यक्तित्व परिवर्तन के दृष्टांत मिलते हैं। राबर्ट लुई सटीवेंसन के प्रसिद्ध उपन्यास 'डॉ॰ जोकिल ऐंड मि.

अस्पेर्गेर संलक्षण और बहुव्यक्तित्व विकार के बीच समानता

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अस्पेर्गेर संलक्षण और बहुव्यक्तित्व विकार के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख अस्पेर्गेर संलक्षण और बहुव्यक्तित्व विकार के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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