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अस्तित्ववाद और विलियम गोल्डिंग

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अस्तित्ववाद और विलियम गोल्डिंग के बीच अंतर

अस्तित्ववाद vs. विलियम गोल्डिंग

किर्कगार्द, दास्त्रावस्की, नीत्शे तथा सार्त्र (बाएँ से दाएँ, ऊपर से नीचे) अस्तित्ववाद (एग्जिस्टेशन्शिएलिज़्म / existentialism) एक ऐसी विचारधारा है जिसमें अस्तित्व को तत्व से ऊपर समझा जाता है। इसके अनुसार मानव अपने पर्यावरण की निर्जीव वस्तुओं से आत्मबोध का उत्तरदायित्व पूर्णतया स्वयं लेता है। अतः उसे अपने पर्यावरण में तत्वज्ञान की अपेक्षा नहीं होती। 1940 व 1950 के दशक में अस्तित्ववाद पूरे यूरोप में एक विचारक्रांति के रूप में उभरा। यूरोप भर के दार्शनिक व विचारकों ने इस आंदोलन में अपना योगदान दिया है। इनमें ज्यां-पाल सार्त्र, अल्बर्ट कामू व इंगमार बर्गमन प्रमुख हैं। कालांतर में अस्तित्ववाद की दो धाराएं हो गई।. सर विलियम गेराल्ड गोल्डिंग CBE (19 सितम्बर 1911 - 19 जून 1993) पूर्व स्कूल अध्यापक थे जो अंग्रेजी उपन्यासकार, नाटककार और कवि बन गए। लॉर्ड ऑफ़ द फ़्लाइज़ के अपने उपन्यास के लिए जाने जाते हैं, जिसके लिये उन्हें 1983 का साहित्य में नोबेल पुरस्कार मिला था। श्रेणी:1911 में जन्मे लोग श्रेणी:१९९३ में निधन श्रेणी:ब्रिटिश लेखक श्रेणी:नोबेल पुरस्कार विजेता साहित्यकार.

अस्तित्ववाद और विलियम गोल्डिंग के बीच समानता

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अस्तित्ववाद और विलियम गोल्डिंग के बीच तुलना

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संदर्भ

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