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असिन और जयम रवि

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

असिन और जयम रवि के बीच अंतर

असिन vs. जयम रवि

असिन थोट्टूमकल (जन्म 26 अक्टूबर 1985) केवल असिन नाम से लोकप्रिय पूर्व भारतीय फिल्म अभिनेत्री हैं जो कि केरल राज्य से हैं। सथ्यन अन्थिक्कड़ की 'नरेंद्र मकान जयकंथान वाका' फिल्म से उन्होंने अभिनय की शुरुआत की। असिन को अपनी पहली व्यावसायिक सफलता 2003 में 'अम्मा नन्ना ओ तमिल अम्मई' नामक फिल्म से मिली और उन्होंने इसी फिल्म के लिए दक्षिण फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ तेलुगू अभिनेत्री का पुरस्कार जीता। कई फ़िल्में प्रदर्शित होने के बाद उनकी दूसरी तमिल फिल्म, गजिनी (2005) आई। इसमें अपने प्रदर्शन के लिए उन्हें अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का दक्षिण फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला। उन्होंने कई सफल फिल्में की जैसे, रोमांचक फिल्म गजिनी (2005) और एक्शन कॉमेडी फिल्म वारालारू (2006) में प्रमुख महिला की भूमिका निभाई है। असिन ने गजिनी फिल्म से बॉलीवुड में पर्दार्पण किया, जो कि उन्हीं की इसी नाम की तमिल फिल्म की रीमेक हैं। इस फिल्म के लिए उन्होंने फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार भी जीता। . रवि मोहन (जन्म 10 सितम्बर 1980), अपने मंच नाम जयम रवि द्वारा जाने जाते हैं, भारतीय फिल्म अभिनेता है जो तमिल फिल्म उद्योग में काम करते हैं। रवि ने अपने बड़े भाई मोहन राजा द्वारा निर्देशित रोमांटिक नाट्य फिल्म जयम (2003) में सधा के साथ अभिनेता के रूप में अपनी शुरुआत की। फिल्म की सफलता ने उनके नाम में "जयम" जोड़ा। उनकी कुछ सफल फिल्में हैं:- दीपावली (2007) संतोष सुब्रमण्यम (2008), धाम धूम (2008) पेरणमाई (2009), थानी ओरुवन (2015) और टिक टिक टिक (2018)। .

असिन और जयम रवि के बीच समानता

असिन और जयम रवि आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): तमिल, सूर्या

तमिल

एक तमिल परिवार श्रीलंका में तमिल बच्चे भरतनाट्यम तमिल एक मानमूल है, जिनका मुख्य निवास भारत के तमिलनाडु तथा उत्तरी श्री लंका में है। तमिल समुदाय से जुड़ी चीजों को भी तमिल कहते हैं जैसे, तमिल तथा तमिलनाडु के वासियों को भी तमिल कहा जाता है। तामिल, द्रविड़ जाति की ही एक शाखा है। बहुत से विद्वानों की राय है कि 'तामिल' शब्द संस्कृत 'द्राविड' से निकला है। मनुसंहिता, महाभारत आदि प्राचीन ग्रंथों में द्रविड देश और द्रविड जाति का उल्लेख है। मागधी प्राकृत या पाली में इसी 'द्राविड' शब्द का रूप 'दामिलो' हो गया। तामिल वर्णमाला में त, ष, द आदि के एक ही उच्चारण के कारण 'दामिलो' का 'तामिलो' या 'तामिल' हो गया। शंकराचार्य के शारीरक भाष्य में 'द्रमिल' शब्द आया है। हुएनसांग नामक चीनी यात्री ने भी द्रविड देश को 'चि—मो—लो' करके लिखा है। तमिल व्याकरण के अनुसार द्रमिल शब्द का रूप 'तिरमिड़' होता है। आजकल कुछ विद्वानों की राय हो रही है कि यह 'तिरमिड़' शब्द ही प्राचीन है जिससे संस्कृतवालों ने 'द्रविड' शब्द बना लिया। जैनों के 'शत्रुंजय माहात्म्य' नामक एक ग्रंथ में 'द्रविड' शब्द पर एक विलक्षण कल्पना की गई है। उक्त पुस्तक के मत से आदि तीर्थकर ऋषभदेव को 'द्रविड' नामक एक पुत्र जिस भूभाग में हुआ, उसका नाम 'द्रविड' पड़ गया। पर भारत, मनुसंहिता आदि प्राचीन ग्रंथों से विदित होता है कि द्रविड जाति के निवास के ही कारण देश का नाम द्रविड पड़ा। तामिल जाति अत्यंत प्राचीन हे। पुरातत्वविदों का मत है कि यह जाति अनार्य है और आर्यों के आगमन से पूर्व ही भारत के अनेक भागों में निवास करती थी। रामचंद्र ने दक्षिण में जाकर जिन लोगों की सहायता से लंका पर चढ़ाई की थी और जिन्हें वाल्मीकि ने बंदर लिखा है, वे इसी जाति के थे। उनके काले वर्ण, भिन्न आकृति तथा विकट भाषा आदि के कारण ही आर्यों ने उन्हें बंदर कहा होगा। पुरातत्ववेत्ताओं का अनुमान है कि तामिल जाति आर्यों के संसर्ग के पूर्व ही बहुत कुछ सभ्यता प्राप्त कर चुकी थी। तामिल लोगों के राजा होते थे जो किले बनाकर रहते थे। वे हजार तक गिन लेते थे। वे नाव, छोटे मोटे जहाज, धनुष, बाण, तलवार इत्यादि बना लेते थे और एक प्रकार का कपड़ा बुनना भी जानते थे। राँगे, सीसे और जस्ते को छोड़ और सब धातुओं का ज्ञान भी उन्हें था। आर्यों के संसर्ग के उपरांत उन्होंने आर्यों की सभ्यता पूर्ण रूप से ग्रहण की। दक्षिण देश में ऐसी जनश्रुति है कि अगस्त्य ऋषि ने दक्षिण में जाकर वहाँ के निवासियों को बहुत सी विद्याएँ सिखाई। बारह-तेरह सौ वर्ष पहले दक्षिण में जैन धर्म का बड़ा प्रचार था। चीनी यात्री हुएनसांग जिस समय दक्षिण में गया था, उसने वहाँ दिगंबर जैनों की प्रधानता देखी थी। तमिल भाषा का साहित्य भी अत्यंत प्राचीन है। दो हजार वर्ष पूर्व तक के काव्य तामिल भाषा में विद्यमान हैं। पर वर्णमाला नागरी लिपि की तुलना में अपूर्ण है। अनुनासिक पंचम वर्ण को छोड़ व्यंजन के एक एक वर्ग का उच्चारण एक ही सा है। क, ख, ग, घ, चारों का उच्चारण एक ही है। व्यंजनों के इस अभाव के कारण जो संस्कृत शब्द प्रयुक्त होते हैं, वे विकृत्त हो जाते हैं; जैसे, 'कृष्ण' शब्द तामिल में 'किट्टिनन' हो जाता है। तामिल भाषा का प्रधान ग्रंथ कवि तिरुवल्लुवर रचित कुराल काव्य है। .

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सूर्या

सूर्या (जन्म:23 जुलाई 1975, सरावनन शिवकुमार के रूप में) एक भारतीय फिल्म अभिनेता, फिल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता है जो वर्तमान में तमिल फिल्म उद्योग में काम कर रहे हैं। नेरेक्कू नेर (1997) से अपने कैरियर की शुरुआत करने के बाद, वह कई सफल फ़िल्मों में दिख चुके हैंजिसमें शामिल है, नंदा (2001), काक्क काक्क (2003), पेराजह्गन (2004), गजनी (2005), वर्णम आयिरम (2008), अयान (2009), सिंघम (2010), सिंघम 2 (2013),सिंघम 3 और अंजान (2014)। 2010 तक, वह तीन तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार और तीन फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण जीत चुके है, जिसके कारण उन्होनें खुद को तमिल सिनेमा में अग्रणी समकालीन अभिनेताओं में से एक के रूप में स्थापित कर लिया है। .

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असिन और जयम रवि के बीच तुलना

असिन 57 संबंध है और जयम रवि 10 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 2.99% है = 2 / (57 + 10)।

संदर्भ

यह लेख असिन और जयम रवि के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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