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असंग और बौद्ध - युगीन शिक्षा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

असंग और बौद्ध - युगीन शिक्षा के बीच अंतर

असंग vs. बौद्ध - युगीन शिक्षा

बौद्ध आचार्य असंग, योगाचार परंपरा के आदिप्रवर्तक माने जाते हैं। महायान सूत्रालंकार जैसा प्रौढ़ ग्रंथ लिखकर इन्होंने महायान संप्रदाय की नींव डाली और यह पुराने हीनयान संप्रदाय से किस प्रकार उच्च कोटि का है, इसपर जोर दिया। इनका जन्म गांधार प्रदेश के पुष्पपुर नगर, वर्तमान पेशावर, में दूसरी शताब्दी के आसपास हुआ था। आचार्य असंग धार्मिक प्रवर्तक होते हुए बौद्ध न्याय के भी आदि गुरु माने जाते हैं। इन्होंने न्याय के अध्यापन की एक मौलिक परंपरा चलाई जिसमें प्रसिद्ध बौद्ध नैयायिक दिङ्नाग की दीक्षा हुई। प्रसिद्ध है कि आचार्य असंग के भाई वसुबन्धु पहले सर्वास्तिवाद के पोषक थे, किन्तु बाद में असंग के प्रभाव में आकर वे योगाचार विज्ञानवादी हो गए। दोनों भाइयों ने मिलकर इसके पक्ष को बड़ा प्रबल बनाया। . ईसा पूर्व ५ वी सदी से बौद्ध धर्म का प्रारम्भ माना जाता है और इसी समय से बौद्ध शिक्षा का उद्भव हुआ। बौद्ध - युगीन शिक्षा के उद्देश्य- १- बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करना। २- चरित्र का निर्माण करना। ३- मोक्ष की प्राप्ति। ४- व्यक्तित्व का विकास करना। ५- भावी जीवन के लिए तैयार करना। बौद्ध युगीन शिक्षा की विशेषताएं- १- शिक्षा मठों एवं विहारों में प्रदान की जाती थी। यह शिक्षा प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च स्तर तक की शिक्षा प्रदान की जाती थी। २- शिक्षा के लिए मठों में प्रवेश के लिए प्रवज्या संस्कार होता था। ३- शिक्षा समाप्ति पर उप- सम्पदा संस्कार होता था। ४- अध्ययन काल 20 वर्ष का होता था जिसमें से 8 वर्ष प्रवज्या व 12 वर्ष उप- सम्पदा का समय होता था। ५- पाठ्य विषय संस्कृत, व्याकरण, गणित, दर्शन, ज्योतिष आदि प्रमुख थे। इनके साथ अन्य धर्मों की शिक्षा भी दी जाती थी साथ ही धनुर्विद्या एवं अन्य कुछ कौशलों की शिक्षा भी दी जाती थी। ६- रटने की विधि पर बल दिया जाता था। इसके साथ वाद- विवाद, व्याख्यान, विश्लेषण आदि विधियों का प्रयोग भी किया जाता था। ७- व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत भवन निर्माण, कताई- बुनाई, मूर्तिकला व अन्य कुटीर उद्योगों की शिक्षा दी जाती थी। मुख्यतः कृषि एवं वाणिज्य की शिक्षा दी जाती थी। ८- छात्र जीवन वैदिक काल से भी कठिन था व गुरु - शिष्य सम्बन्ध घनिष्टतम थे। ९- लोकभाषाओं में भी शिक्षा दी जाती थी। १०-शिक्षा को जनतंत्रीय आधार दिया गया।.

असंग और बौद्ध - युगीन शिक्षा के बीच समानता

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संदर्भ

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