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अश्शूर और पहलवी साम्राज्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अश्शूर और पहलवी साम्राज्य के बीच अंतर

अश्शूर vs. पहलवी साम्राज्य

अश्शूर प्राचीन मेसोपोटामिया में नव असीरियाई साम्राज्य की राजधानी थी। इस शहर के अवशेष इराक़ में दजला नदी के उपरी हिस्से में स्थित हैं। यह बीसवी सदी ईसापूर्व से लेकर सातवीं सदी ईसापूर्व तक अस्तित्व में था। इसके बाद फ़ारस के हख़ामनी वंश के शासकों के अधीन आ गया। यह शहर लगभग २६००-२५०० ईपू से १४०० ईसवी तक हराभरा व समृद्ध रहा। लेकिन जब तैमूरलंग ने अपने ही लोगों का नरसंहार शुरू करवा दिया तब से इस शहर का अस्तित्व खत्म होता रहा। अश्शूर इस शहर के प्रमुख देवता का भी नाम था। वह असीरिया में सबसे प्रमुख व शक्तिशाली देवता और असीरियाई साम्राज्य के संरक्षक माने जाते थे। वर्तमान में इस जगह को यूनेस्को विश्व धरोहर माना जाता है। २००३ में खाड़ी युद्ध शुरु होने के बाद इस जगह को खतरे में पडे विश्व धरोहरों में गिना जाने लगा। . पहलवी साम्राज्य (Parthian Empire 247 ईसा पूर्व – 224 ईस्वी), प्राचीन ईरान और ईराक का प्रमुख राजनैतिक और सांस्कृतिक केन्द्र था। इसका संस्थापक पार्थिया का अश्क प्रथम, जो कि पर्णि कबीले का प्रमुख भी था, ने तृतीय शताब्दी ईसा पूर्व में पार्थिया क्षेत्र को जीत कर की थी। मिहर्दत प्रथम (शासनकाल 171–138 ईसा पूर्व) ने सेल्युकसी साम्राज्य से मीदि व मेसोपोटामिया छीनकर और अधिक विस्तार किया। अपने उत्कर्ष काल में यह साम्राज्य फ़रात नदी तक फैल गया था, जो क्षेत्र वर्तमान में उत्तर-पूर्वी तुर्की से लेकर पूर्वी ईरान तक है। यह साम्राज्य रेशम मार्ग पर स्थित था, जो कि उस समय रोमन साम्राज्य व हान राजवंश के मध्य प्रमुख व्यापारिक मार्ग था। इस कारण से यह साम्राज्य व्यापारिक व वाणिज्यिक केन्द्र बन गया था। पहलवों ने कला, वास्तु-कला, धार्मिक मान्यताएँ और राजचिह्न वृहत स्तर पर अपने समकालीन सांस्कृतिक साम्राज्यों सी ली थी, जो कि पर्शियन व हेलिनिस्टिक कालखण्ड को परलक्षित करते हैं। इस साम्राज्य के प्रथम अर्ध कालखण्ड पर यूनानी संस्कृति की छाप दिखती हैं, जो कि धीरे-धीरे अंत तक ईरानी संस्कृति में परिवर्तित हो जाती है। पहलवी साम्राज्य के शासकों को "राजाधिराज" को उपाधि प्राप्त थी क्योंकि ये स्वयं को हख़ामनी साम्राज्य का वास्तविक उत्तराधिकारी मानते थे। प्रारम्भ में पहलवों के शत्रु पश्चिम में सेल्युकसी साम्राज्य व पूर्व में शक थे। जैसे-जैसे इनके साम्राज्य का पश्चिम की ओर विस्तार हुआ, उनका सीधा संघर्ष आर्मेनियाई साम्राज्य व रोम गणतन्त्र से होने लगा। रोमनों व पहलवों में आर्मेनिया के राजाओं को अपने कठपुतली के रूप में स्थापित करने की होड़ लगी रहती थी। पहलवों ने रोमन गवर्नर मार्कस लिसीनियस क्रास्सस को 53 ईसा पूर्व में कार्रहाए के युद्ध में निर्णायक रूप से हराकर 40–39 ईसा पूर्व तक टायर को छोड़कर पूरे लेवांट क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। तथापि मार्क एन्टोनी ने जवाबी आक्रमण करके एक सीमित सफलता प्राप्त की। इस तरह से कुछ शताब्दियों तक रोमन-पहलव युद्ध चलता रहा। इन युद्धों में कई बार रोमनों ने सेल्युसिया व तेसीफोन नगरों पर नियंत्रण तो किया परन्तु वे लम्बे समय तक इसे अपने हाथ में नहीं रख पाये। इसी बीच सिंहासन के लिये पहलवों के मध्य ही गृह युद्ध होने लग गये जो कि विदेशी आक्रमण से भी अधिक खतरनाक थे। पहलव साम्राज्य का पतन तब हुआ जब फ़ार्स के इश्तकिर के शासक अर्दशीर प्रथम ने पहलवों के विरुद्ध बगावत कर दी व अंतिम शासक अर्ताबनुस पंचम की हत्या करके सासानी साम्राज्य की स्थापना की, जो कि ईरान पर मुस्लिम आक्रमण के पहले सातवीं शताब्दी तक अस्तित्व में रहा। पहलवी व यूनानी में लिखे मूल पहलव स्रोत सासानी व हख़ामनी की तुलना में बहुत ही दुर्लभ है। फैले हुए कीलाकर फलकों, शिलालेखों, द्राच्मा सिक्कों तथा कुछ चर्मपत्रों के अतिरिक्त पहलवों का इतिहास बाहरी स्रोतों से ही प्राप्त हुए हैं। .

अश्शूर और पहलवी साम्राज्य के बीच समानता

अश्शूर और पहलवी साम्राज्य आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): मेसोपोटामिया, हख़ामनी साम्राज्य

मेसोपोटामिया

मेसोपोटामिया के विस्तार को दर्शाता मानचित्र मेसोपोटामिया का यूनानी अर्थ है "दो नदियों के बीच"। यह इलाका दजला (टिगरिस) और फ़ुरात (इयुफ़्रेटीस) नदियों के बीच के क्षेत्र में पड़ता है। इसमें आधुनिक इराक़ बाबिल ज़िला, उत्तरपूर्वी सीरिया, दक्षिणपूर्वी तुर्की तथा ईरान का क़ुज़ेस्तान प्रांत के क्षेत्र शामिल हैं। यह कांस्ययुगीन सभ्यता का उद्गम स्थल माना जाता है। यहाँ सुमेर, अक्कदी सभ्यता, बेबीलोन तथा असीरिया के साम्राज्य अलग-अलग समय में स्थापित हुए थे। हड़प्पा सभ्यता में मेसोपोटामिया को 'मेलुहा' कहा गया है। .

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हख़ामनी साम्राज्य

अजमीढ़ साम्राज्य अपने चरम पर - ईसापूर्व सन् 500 के आसपास हख़ामनी वंश या अजमीढ़ साम्राज्य(अंग्रेज़ी तथा ग्रीक में एकेमेनिड, अजमीढ़ साम्राज्य (ईसापूर्व 550 - ईसापूर्व 330) प्राचीन ईरान (फ़ारस) का एक शासक वंश था। यह प्राचीन ईरान के ज्ञात इतिहास का पहला शासक वंश था जिसने आज के लगभग सम्पूर्ण ईरान पर अपनी प्रभुसत्ता हासिल की थी और इसके अलावा अपने चरमकाल में तो यह पश्मिम में यूनान से लेकर पूर्व में सिंधु नदी तक और उत्तर में कैस्पियन सागर से लेकर दक्षिण में अरब सागर तक फैल गया था। इतना बड़ा साम्राज्य इसके बाद बस सासानी शासक ही स्थापित कर पाए थे। इस वंश का पतन सिकन्दर के आक्रमण से सन ३३० ईसापूर्व में हुआ था, जिसके बाद इसके प्रदेशों पर यूनानी (मेसीडोन) प्रभुत्व स्थापित हो गया था। पश्चिम में इस साम्राज्य को मिस्र एवम बेबीलोन पर अधिकार, यूनान के साथ युद्ध तथा यहूदियों के मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए याद किया जाता है। कुरोश तथा दारुश को इतिहास में महान की संज्ञा से भी संबोधित किया जाता है। इस वंश को आधुनिक फ़ारसी भाषा बोलने वाले ईरानियों की संस्कृति का आधार कहा जाता है। इस्लाम के पूर्व प्राचीन ईरान के इस साम्राज्य को ईरानी अपने गौरवशाली अतीत की तरह देखते हैं, जो अरबों द्वारा ईरान पर शासन और प्रभाव स्थापित करने से पूर्व था। आज भी ईरानी अपने नाम इस काल के शासकों के नाम पर रखते हैं जो मुस्लिम नाम नहीं माने जाते हैं। ज़रदोश्त के प्रभाव से पारसी धर्म के शाही रूप का प्रतीक भी इसी वंश को माना जाता है। तीसरी सदी में स्थापित सासानी वंश के शासकों ने अपना मूल हख़ामनी वंश को ही बताया था। .

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अश्शूर और पहलवी साम्राज्य के बीच तुलना

अश्शूर 15 संबंध है और पहलवी साम्राज्य 27 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.76% है = 2 / (15 + 27)।

संदर्भ

यह लेख अश्शूर और पहलवी साम्राज्य के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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