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अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष और सत्यमेव जयते

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष और सत्यमेव जयते के बीच अंतर

अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष vs. सत्यमेव जयते

सारनाथ के अशोक-स्तम्भ का शीर्ष, जो सिंहचतुर्मुख है। सारनाथ में अशोक ने जो स्तम्भ बनवाया था उसके शीर्ष भाग को सिंहचतुर्मुख कहते हैं। इस मूर्ति में चार भारतीय सिंह पीठ-से-पीठ सटाये खड़े हैं। अशोक स्तम्भ अब भी अपने मूल स्थान पर स्थित है किन्तु उसका यह शीर्ष-भाग सारनाथ के संग्रहालय में रखा हुआ है। यह सिंहचतुर्मुखस्तम्भशीर्ष ही भारत के राष्ट्रीय चिह्न के रूप में स्वीकार किया गया है। इसके आधार के मध्यभाग में स्थित धर्मचक्र को भारत के राष्ट्रीय ध्वज में बीच की सफेद पट्टी में रखा गया है। अधिकांश भारतीय मुद्राओं एवं सिक्कों पर अशोक का सिंहचतुर्मुख रहता है . भारत का राष्ट्रीय चिह्न सत्यमेव जयते (संस्कृत विस्तृत रूप: सत्यं एव जयते) भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है। इसका अर्थ है: सत्य ही जीतता है / सत्य की ही जीत होती है। यह भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे देवनागरी लिपि में अंकित है। यह प्रतीक उत्तर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट सारनाथ में 250 ई.पू.

अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष और सत्यमेव जयते के बीच समानता

अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष और सत्यमेव जयते आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): सारनाथ

सारनाथ

सारनाथ, काशी अथवा वाराणसी के १० किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल है। ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यहीं दिया था जिसे "धर्म चक्र प्रवर्तन" का नाम दिया जाता है और जो बौद्ध मत के प्रचार-प्रसार का आरंभ था। यह स्थान बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थों में से एक है (अन्य तीन हैं: लुम्बिनी, बोधगया और कुशीनगर)। इसके साथ ही सारनाथ को जैन धर्म एवं हिन्दू धर्म में भी महत्व प्राप्त है। जैन ग्रन्थों में इसे 'सिंहपुर' कहा गया है और माना जाता है कि जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर श्रेयांसनाथ का जन्म यहाँ से थोड़ी दूर पर हुआ था। यहां पर सारंगनाथ महादेव का मन्दिर भी है जहां सावन के महीने में हिन्दुओं का मेला लगता है। सारनाथ में अशोक का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चौखन्डी स्तूप, राजकीय संग्राहलय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार इत्यादि दर्शनीय हैं। भारत का राष्ट्रीय चिह्न यहीं के अशोक स्तंभ के मुकुट की द्विविमीय अनुकृति है। मुहम्मद गोरी ने सारनाथ के पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया था। सन १९०५ में पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई का काम प्रारम्भ किया। उसी समय बौद्ध धर्म के अनुयायों और इतिहास के विद्वानों का ध्यान इधर गया। वर्तमान में सारनाथ एक तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल के रूप में लगातार वृद्धि की ओर अग्रसर है। .

अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष और सारनाथ · सत्यमेव जयते और सारनाथ · और देखें »

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अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष और सत्यमेव जयते के बीच तुलना

अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष 9 संबंध है और सत्यमेव जयते 16 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.00% है = 1 / (9 + 16)।

संदर्भ

यह लेख अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष और सत्यमेव जयते के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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