अवशेष और आख्यान
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अवशेष और आख्यान के बीच अंतर
अवशेष vs. आख्यान
धार्मिक आस्था में अवशेष (relic) किसी संत के शरीर के अंश (जैसे कि बाल, नख, अस्तियाँ, इत्यादी) या उनकी व्यक्तिगत प्रयोग की वस्तुएँ होती हैं, जो भक्तगणों के लिये संत की स्मृति बनाए रखने का साधन होती हैं। बौद्ध धर्म, हिन्दू धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म, और अन्य कई धर्मों में अवशेषों का महत्व माना जाता है। मार्क्सवाद जैसी कुछ विचारधाराओं में भी अवशेष रखे जाते हैं, मसलन सोवियत संघ के संस्थापक व्लादिमीर लेनिन का शरीर आज भी मास्को में क्रेमलिन के बाहर एक स्मृति-स्थल में और चीन के माओ ज़ेदोंग का शरीर बेइजिंग में प्रदर्शित है। . आख्यान या अनुश्रुति शब्द आरंभ से ही सामान्यत: कथा अथवा कहानी के अर्थ में प्रयुक्त होता रहा है। तारानाथकृत "वाचस्पत्यम्" नामक कोश के प्रथम भाग में, इसकी व्युत्पत्ति "आख्यायते अनेनेति आख्यानम्" दी है। साहित्यदर्पण में आख्यान को "पुरावृत कथन" (आख्यानं पूर्ववृतोक्ति) कहा गया है। डॉ॰ एस.के.
अवशेष और आख्यान के बीच समानता
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अवशेष और आख्यान के बीच तुलना
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संदर्भ
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