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अल्बानियाई भाषा और चाइना रेडियो इण्टरनैशनल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अल्बानियाई भाषा और चाइना रेडियो इण्टरनैशनल के बीच अंतर

अल्बानियाई भाषा vs. चाइना रेडियो इण्टरनैशनल

अल्बानियाई एक अनोखी भारोपीय भाषा है, जो मुख्यतः अल्बानिया और कोसोवो के अलावा बाल्कन के अनेक क्षेत्रों, पश्चिमी मेसेडोनिया, मान्टेग्रो और दक्षिणी सर्बिया में रहने वाले करीबन 60 लाख अल्बेनियाई लोगों द्वारा बोली जाती है। अल्बानियाई ग्रीस, दक्षिणी इटली के पूर्वी तट और सिसली में भी बोली जाती है। इसके अलावा पिछले दो शताब्दियों से बाल्कल क्षेत्र से विश्व भर में फैले हुए के लोगों, खासतौर से उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप में, द्वारा करीबन तीस लाख लोगों द्वारा यह भाषा बोली जाती है। अल्बेनियाई भाषा भारतीय यूरोपीय परिवार की प्राचीन भाषा है। यह अपने प्राय: मौलिक रूप में अल्बेनियाई जनता की प्राचीन प्रथाओं की भांति आज भी विद्यमान है। इसके बोलनेवालों की संख्या लगभग दस लाख है। उत्तरी और दक्षिणी दो बोलियों के रूप में यह प्रचलित है। उत्तरी बोली को "ग्वेगुइ" कहते हैं और दक्षिणी को "तोस्क"। इनके संज्ञा रूपों में किंचित् भेद है: ग्वेगुई में स्वरों के मध्य का "न" तोस्क में "रा" हो जाता है। इन बोलियों का भारतीय यूरोपीय रूप इनके सर्वनामों तथा क्रियापदों में आज भी सुरक्षित है। यथा: तो (दाऊ-अंग्रेजी; तू-हिंदी); ना (वी-अंग्रेजी, हम-हिंदी); जू (यू-अंग्रेजी, तुम-हिंदी) तथा क्रियापदों में रूपविधान: दोम (मैं कहता हूँ); दोती (वह कहता है); दोमी (हम कहते हैं); और दोनी (वे कहते हैं)। इसकी अधिकांश शब्दावली विदेशी शब्दों से मिलकर बनी है, यद्यपि भारतीय यूरोपीय परिवार के अनेक मौलिक शब्द इसमें आज भी विद्यमान हैं। प्राचीन ग्रीक भाषा से बहुत ही कम शब्द इसमें आए प्रतीत होते हैं, किंतु मध्यकालीन तथा आधुनिक ग्रीक से अवश्य कुछ शब्द घूम फिरकर (और कभी-कभी वेश बदलकर भी) इस भाषा में आ गए हैं। जैसे "लिपसेत" (यह आवश्यक है) शब्द सर्बियन भाषा से अल्बेनियाई में आया, किंतु उससे पहले सर्बिया ने इसे ग्रीक से लिया था। स्लाव भाषाओं से भी अनेक शब्द लिए गए हैं। क्लासिकी युग में प्राचीन ग्रीक का प्रभाव अल्बेनिया तक नहीं पहुँच पाया, जबकि लातीनी प्रभाव बहुत पहले से ही वहाँ तक पहुँच चुका था। अल्बेनियाई अंकावली में चार के लिए "कत्रे" तथा शत के लिए "क्विद्" शब्द अवश्य ही लातीनी भाषा के हैं। जबकि "पेस" (पाँच) और दहेत (दश) मूल भारतीय-यूरोपीय-परिवार के हैं। इसी प्रकार लातीनी "अमीकस" (दूध) अल्बेनियाई में "मीक" रह गया है। शक्तिशाली रोमन साम्राज्य के प्रभुत्वकाल में अल्बेनियाई नागरिक शब्दावली पर यथानुसार प्रबल लातीनी प्रभाव भी पड़ा, किंतु ग्रामीण जनता ने अपनी भाषा को आज तक सर्वदा "शुद्ध" रखा है। इसका उच्चारण और व्याकरण आज भी अपने मौलिक रूप में अक्षुण्ण है। यह भाषा जिस पर्वतीय प्रदेश में बोली जाती है, वह एपीरस के उत्तर में, मांटीनीग्रो के दक्षिण में और अद्रियातिक सागर के पूर्वस्थ है। यह कब और कैसे इस क्षेत्र में आई, यह अभी तक अनिश्चित है। इस भाषा के 15वीं शताब्दी के ही उपलब्ध साहित्य को सबसे प्राचीन कहा जाता है, किंतु अन्य अधिकांश प्राचीन साहित्य 16वीं और 17वीं शताब्दी का ही मिलता है। आधुनिक अल्बेनियाई साहित्य जिस भाषा में लिखा गया है वह वर्तमान भाषा से बहुत भिन्न नहीं है और वर्तमान भाषा प्राचीन बोलियों का ही प्राय: अपरिवर्तित रूप है। श्रेणी:हिन्द-यूरोपीय भाषाएँ * श्रेणी:अल्बानिया की भाषाएँ श्रेणी:यूनान की भाषाएँ श्रेणी:सर्बिया की भाषाएँ श्रेणी:इटली की भाषाएँ श्रेणी:बुल्गारिया की भाषाएँ. चाइना रेडियो इण्टरनैशनल (सी॰आर॰आई या सीआरआई) (चीनी: 中国国际广播电台), जिसका पुराना नाम रेडियो पेकिंग है, की स्थापना ३ दिसम्बर, १९४१ को हुई थी। चीन के एक मात्र अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो के रूप में सीआरआई की स्थापना चीन व दुनिया के अन्य देशों की जनता के बीच मैत्री व पारस्परिक समझ बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी। अपनी स्थापना के आरम्भिक दिनों में सीआरआई, जापानी भाषा में प्रतिदिन १५ मिनटों का कार्यक्रम प्रसारित करता था। पर आज ७० वर्षों के बाद यह ५७ विदेशी भाषाओं व चीनी मानक भाषा व ४ बोलियों में दुनिया भर में प्रतिदिन २११ घण्टों की प्रसारण सेवा प्रदान करता है। इसके कार्यक्रमों में समाचार, सामयिक टिप्पणी के साथ साथ आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक व तकनीकी विषय सम्मिलित हैं। १९८४ से सीआरआई की घरेलू सेवा भी प्रारम्भ हुई। तब से सीआरआई अपने एफ़एम ८८.७ चैनल पर प्रति दिन ६ बजे से रात १२ बजे तक ९ भाषाओं में संगीत कार्यक्रम प्रसारित करता रहा है। और इस दौरान इसके एफफेम ९१.५ चैनल तथा एमडब्लू १२५१ किलोहर्ट्ज़ फ़्रीक्वेंसी पर अंग्रेज़ी भाषा के कार्यक्रम भी होते हैं। विदेशों में सीआरआई के २७ ब्यूरो खुले हैं और चीन के सभी प्रान्तों तथा हांगकांग व मकाउ समेत सभी बड़े नगरों में इसके कार्यालय काम कर रहे हैं। १९८७ से अब तक सीआरआई ने दुनिया के दस से अधिक रेडियो स्टेशनों के साथ सहयोग समझौता सम्पन्न किया है। इसके अतिरिक्त सीआरआई का बहुत से रेडियो व टीवी स्टेशनों के साथ कार्यक्रमों के आदान-प्रदान या अन्य सहयोग के लिये घनिष्ट सम्बन्ध भी हैं। सीआरआई को प्रतिवर्ष विभिन्न देशों के श्रोताओं से लाखों चिट्ठियां प्राप्त होती हैं। विदेशी लोगों में सीआरआई, चीन की जानकारी पाने का सब से सुगम और सुविधाजनक माध्यम होने के कारण भी प्रसिद्ध है। १९९८ में सीआरआई का आधिकारिक जालस्थल भी खोला गया। आज वह चीन के पांच मुख्य सरकारी प्रेस जालस्थलों सम्मिलित है। सीआरआई के अपने समाचारपत्र व टीवी कार्यक्रम भी हैं। .

अल्बानियाई भाषा और चाइना रेडियो इण्टरनैशनल के बीच समानता

अल्बानियाई भाषा और चाइना रेडियो इण्टरनैशनल आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): यूनानी भाषा

यूनानी भाषा

यूनानी या ग्रीक (Ελληνικά या Ελληνική γλώσσα), हिन्द-यूरोपीय (भारोपीय) भाषा परिवार की स्वतंत्र शाखा है, जो ग्रीक (यूनानी) लोगों द्वारा बोली जाती है। दक्षिण बाल्कन से निकली इस भाषा का अन्य भारोपीय भाषा की तुलना में सबसे लंबा इतिहास है, जो लेखन इतिहास के 34 शताब्दियों में फैला हुआ है। अपने प्राचीन रूप में यह प्राचीन यूनानी साहित्य और ईसाईयों के बाइबल के न्यू टेस्टामेंट की भाषा है। आधुनिक स्वरूप में यह यूनान और साइप्रस की आधिकारिक भाषा है और करीबन 2 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। लेखन में यूनानी अक्षरों का उपयोग किया जाता है। यूनानी भाषा के दो ख़ास मतलब हो सकते हैं.

अल्बानियाई भाषा और यूनानी भाषा · चाइना रेडियो इण्टरनैशनल और यूनानी भाषा · और देखें »

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अल्बानियाई भाषा और चाइना रेडियो इण्टरनैशनल के बीच तुलना

अल्बानियाई भाषा 9 संबंध है और चाइना रेडियो इण्टरनैशनल 59 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.47% है = 1 / (9 + 59)।

संदर्भ

यह लेख अल्बानियाई भाषा और चाइना रेडियो इण्टरनैशनल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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