अल्बर्ट गोर और महात्मा गांधी
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
अल्बर्ट गोर और महात्मा गांधी के बीच अंतर
अल्बर्ट गोर vs. महात्मा गांधी
अल गोरअल्बर्ट आर्नल्ड "अल" गोर, जूनियर (जन्म: 31 मार्च, 1948) अमरीका के 45वें उपराष्ट्रपति थे जिनका राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के तहत कार्यकाल रहा 1993 से 2001 तक। गोर इसके पहले अमरीकी हाउस ऑफ रिप्रेसेंटेटिव 1977-1978 तथा अमरीकी सेनेट 1985-1993 में टेनेसी प्रांत के प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर चुके हैं। एक प्रखर पर्यावरणवादी के रूप में उन्हें 2007 का प्रतिष्ठित नोबल शांति पुरस्कार इंटरगवर्मेंटल पैनल आन क्लाईमेट चैंज के साथ संयुक्त रूप से नवाज़ा गया। गोर 2000 के अमरीकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में अग्रणी डेमोक्रैट प्रत्याशी थे पर लोकप्रिय वोट जीतने के बाद भी अंततः रिपब्लिकन प्रत्याशी जार्ज बुश से चुनाव हार गये थे। इस चुनाव के दौरान फ्लोरिडा प्राँत में हुये वोट की पुनर्गणना पर कानूनी विवाद, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने बुश के हक में निर्णय दिया था, के कारण यह चुनाव अमरीकी इतिहास में सबसे ज्यादा विवादास्पद माना जाता है। . मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ - ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।। उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। सबसे पहले गान्धी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना शुरू किया। १९१५ में उनकी भारत वापसी हुई। उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया। १९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में १९३० में नमक सत्याग्रह और इसके बाद १९४२ में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन गुजारा और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे। उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे। .
अल्बर्ट गोर और महात्मा गांधी के बीच समानता
अल्बर्ट गोर और महात्मा गांधी आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): १९४८, २०००, २००७।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या अल्बर्ट गोर और महात्मा गांधी लगती में
- यह आम अल्बर्ट गोर और महात्मा गांधी में है क्या
- अल्बर्ट गोर और महात्मा गांधी के बीच समानता
अल्बर्ट गोर और महात्मा गांधी के बीच तुलना
अल्बर्ट गोर 15 संबंध है और महात्मा गांधी 200 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 1.40% है = 3 / (15 + 200)।
संदर्भ
यह लेख अल्बर्ट गोर और महात्मा गांधी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: