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अल्पना मिश्र और लेखन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अल्पना मिश्र और लेखन के बीच अंतर

अल्पना मिश्र vs. लेखन

अल्पना मिश्र हिंदी कथा साहित्य की प्रमुख हस्ताक्षर हैं। उनकी पहली कहानी 'ऐ अहिल्या ' 'हंस' पत्रिका के अक्तूबर १९९६ अंक में प्रकाशित हुई थी। उनकी भाषा की ताज़गी, विलक्षणता और साथ ही लोक रंग की उपस्थिति उनकी भाषा को सबसे अलग पहचान देती है। विशिष्ट शिल्प प्रयोगों तथा गहरे सामाजिक सरोकारों के कारण अल्पना मिश्र ने हिंदी कथा जगत को नई ऊँचाई दी है। उन्हें हिंदी का ' अनकन्वेंशनल राईटर' माना जाता है। उनकी प्रसिद्द कहानियों में 'उपस्थिति',' 'मुक्ति प्रसंग', ' मिड डे मील', 'कथा के गैर जरूरी प्रदेश में', 'बेदखल',' इस जहाँ में हम','स्याही में सुरखाब के पंख' 'गैर हाजिरी में हाज़िर' आदि हैं। उनकी लिखी 'छावनी में बेघर' कहानी हिंदी कथा जगत में सैन्य जीवन पर लिखी लगभग अकेली कहानी है जो बेहतरीन तरीके से सैनिक जीवन का परिचय कराती है। गया है। उनके कहानी संग्रह: भीतर का वक्त्त,छावनी में बेघर, कब्र भी कैद औ जंजीरे भी,' स्याही में सुरखाब के पंख', के साथ ही उपन्यास:'अन्हियारे तलछट में चमका' पाठकों के बीच में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना चुके हैं। वह हिंदी की महान लेखकों में से एक है और उन्होंने हिन्दी के कला क्षेत्र को और खूबसूरत बनाने में अपना अच्छा योगदान दिया हैं। उनकी कहानियो का अनेक भारतीय और विदेशी भाषाओँ में अनुवाद हो चुका है। उन्हें अनेक सम्मानों से भी सम्मानित किआ गया। . भारत में लेखन ३३०० ईपू का है। सबसे पहले की लिपि ब्राह्मी लिपि थी, उसके पश्चात सरस्वती लिपि आई। देवनागरी लिपि, गुरुमुखी लिपि, आदि भी प्रसिद्ध लिपियाँ हैं। श्रेणी:लिपि kk:Жазу.

अल्पना मिश्र और लेखन के बीच समानता

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अल्पना मिश्र और लेखन के बीच तुलना

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संदर्भ

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