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अल ग़ज़ाली

सूची अल ग़ज़ाली

अबू हामिद मुहम्मद इब्न मुहम्मद अल-गज़ाली (ابو حامد محمد ابن محمد غزالی; c. 1058–1111), पश्चिम में अल-ग़ज़ाली या अलगाज़ेल के नाम से मशहूर, एक मुस्लिम तत्वग्नानी, सूफ़ी जो पर्शिया से थे। इस्लामी दुनिया में हज़रत मुहम्मद के बाद अगर कोई मुस्लिम समूह को आकर्शित किया या असर रुसूक़ किया तो वो अल-ग़ज़ाली' हैं। इस्लामी समूह में अल-ग़ज़ाली' को मुजद्दिद या पुनर्व्यवस्थीकरण करने वाला माना जाता है। इस्लामी समूह में माना जाता है कि हर शताब्द में एक मुजद्दिद जन्म लेते है, मुस्लिम समूह को धर्ममार्ग पर प्रेरेपित और उत्तेजित करते हैं। इन के कार्य और रचनाएं इतनी प्रबावशाली हैं कि लोग इन को "हुज्जतुल इस्लाम" (इस्लाम का सबूत) कहा करते हैं। .

8 संबंधों: तर्कशास्त्र, धर्म, फ़िक़्ह, मुहम्मद, सुन्नी इस्लाम, सूफ़ीवाद, इल्म अल-कलाम, इस्लामी स्वर्ण युग

तर्कशास्त्र

तर्कशास्त्र शब्द अंग्रेजी 'लॉजिक' का अनुवाद है। प्राचीन भारतीय दर्शन में इस प्रकार के नामवाला कोई शास्त्र प्रसिद्ध नहीं है। भारतीय दर्शन में तर्कशास्त्र का जन्म स्वतंत्र शास्त्र के रूप में नहीं हुआ। अक्षपाद! गौतम या गौतम (३०० ई०) का न्यायसूत्र पहला ग्रंथ है, जिसमें तथाकथित तर्कशास्त्र की समस्याओं पर व्यवस्थित ढंग से विचार किया गया है। उक्त सूत्रों का एक बड़ा भाग इन समस्याओं पर विचार करता है, फिर भी उक्त ग्रंथ में यह विषय दर्शनपद्धति के अंग के रूप में निरूपित हुआ है। न्यायदर्शन में सोलह परीक्षणीय पदार्थों का उल्लेख है। इनमें सर्वप्रथम प्रमाण नाम का विषय या पदार्थ है। वस्तुतः भारतीय दर्शन में आज के तर्कशास्त्र का स्थानापन्न 'प्रमाणशास्त्र' कहा जा सकता है। किंतु प्रमाणशास्त्र की विषयवस्तु तर्कशास्त्र की अपेक्षा अधिक विस्तृत है। .

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धर्म

धर्मचक्र (गुमेत संग्रहालय, पेरिस) धर्म का अर्थ होता है, धारण, अर्थात जिसे धारण किया जा सके, धर्म,कर्म प्रधान है। गुणों को जो प्रदर्शित करे वह धर्म है। धर्म को गुण भी कह सकते हैं। यहाँ उल्लेखनीय है कि धर्म शब्द में गुण अर्थ केवल मानव से संबंधित नहीं। पदार्थ के लिए भी धर्म शब्द प्रयुक्त होता है यथा पानी का धर्म है बहना, अग्नि का धर्म है प्रकाश, उष्मा देना और संपर्क में आने वाली वस्तु को जलाना। व्यापकता के दृष्टिकोण से धर्म को गुण कहना सजीव, निर्जीव दोनों के अर्थ में नितांत ही उपयुक्त है। धर्म सार्वभौमिक होता है। पदार्थ हो या मानव पूरी पृथ्वी के किसी भी कोने में बैठे मानव या पदार्थ का धर्म एक ही होता है। उसके देश, रंग रूप की कोई बाधा नहीं है। धर्म सार्वकालिक होता है यानी कि प्रत्येक काल में युग में धर्म का स्वरूप वही रहता है। धर्म कभी बदलता नहीं है। उदाहरण के लिए पानी, अग्नि आदि पदार्थ का धर्म सृष्टि निर्माण से आज पर्यन्त समान है। धर्म और सम्प्रदाय में मूलभूत अंतर है। धर्म का अर्थ जब गुण और जीवन में धारण करने योग्य होता है तो वह प्रत्येक मानव के लिए समान होना चाहिए। जब पदार्थ का धर्म सार्वभौमिक है तो मानव जाति के लिए भी तो इसकी सार्वभौमिकता होनी चाहिए। अतः मानव के सन्दर्भ में धर्म की बात करें तो वह केवल मानव धर्म है। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन या बौद्ध आदि धर्म न होकर सम्प्रदाय या समुदाय मात्र हैं। “सम्प्रदाय” एक परम्परा के मानने वालों का समूह है। (पालि: धम्म) भारतीय संस्कृति और दर्शन की प्रमुख संकल्पना है। 'धर्म' शब्द का पश्चिमी भाषाओं में कोई तुल्य शब्द पाना बहुत कठिन है। साधारण शब्दों में धर्म के बहुत से अर्थ हैं जिनमें से कुछ ये हैं- कर्तव्य, अहिंसा, न्याय, सदाचरण, सद्-गुण आदि। .

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फ़िक़्ह

फ़िक़्ह (فقه,फ़िक़्ह या फ़िक़ः) (Fiqh) इस्लामी धर्मशास्त्र (मज़हबी तौर-तरीके) को कहा जाता है। Encyclopædia Britannica फ़िक़्ह मुसलमानों के लिये इस्लामी जीवन के हर पहलू पर अपना असर रखता है। जबकि ''शरियत'' उस समुच्चय निति को कहते हैं। जो इस्लामी कानूनी, परंपराओं और इस्लामी व्यक्तिगत और नैतिक आचरणों पर आधारित होती है। फ़िक़्ह इस्लामी न्यायशास्त्र के लिए शब्दावली है, जो इस्लामी न्यायविदों के फैसलों से बना है। इस्लामी अध्ययन का बुनियादी घटक, फ़िक़्ह उस पद्धति को विस्तार से बतलाता है जिसके जरिए से इस्लामी कानून को प्राथमिक और माध्यमिक स्रोतों से बाहर निकाला गया है। .

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मुहम्मद

हज़रत मुहम्मद (محمد صلی اللہ علیہ و آلہ و سلم) - "मुहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब" का जन्म सन ५७० ईसवी में हुआ था। इन्होंने इस्लाम धर्म का प्रवर्तन किया। ये इस्लाम के सबसे महान नबी और आख़िरी सन्देशवाहक (अरबी: नबी या रसूल, फ़ारसी: पैग़म्बर) माने जाते हैं जिन को अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रईल द्वारा क़ुरआन का सन्देश' दिया था। मुसलमान इनके लिये परम आदर भाव रखते हैं। .

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सुन्नी इस्लाम

सुन्नी मुस्लिम इस्लाम के सबसे बड़े सम्प्रदाय सुन्नी इस्लाम को मानने वाले मुस्लिम हैं। सुन्नी इस्लाम को अहले सुन्नत व'ल जमाअत (अरबी: أهل السنة والجماعة‎ "(मुहम्म्द के) आदर्श लोग और समुदाय") या संक्षिप्त में अहल अस- सुन्नाह (अरबी: أهل السنة‎) भी कहते हैं। सुन्नी शब्द अरबी के सुन्नाह (अरबी: سنة) से आया है, जिसका अर्थ (पैगम्बर मोहम्मद) की बातें और कर्म या उनके आदर्श है। सामान्य अर्थों में सुन्नी -पवित्र ईशसन्देश्टा मुहम्मद स० के निधन के पश्चात जिन लोगों ने मुहम्मद स० द्वारा बताये गये नियमों का पालन किया सुन्नी कहलाऐ। सुन्नी दुनिया में 80% हैं ये आंकड़ा 5 गिरोह को मिलाकर बनता हैं।.

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सूफ़ीवाद

सूफ़ीवाद या तसव्वुफ़ इस्लाम का एक रहस्यवादी पंथ है। इसके पंथियों को सूफ़ी(सूफ़ी संत) कहते हैं। इनका लक्ष्य आध्यात्मिक प्रगति एवं मानवता की सेवा रहा है। सूफ़ी राजाओं से दान-उपहार स्वीकार नहीं करते थे और सादा जीवन बिताना पसन्द करते थे। इनके कई तरीक़े या घराने हैं जिनमें सोहरावर्दी (सुहरवर्दी), नक्शवंदिया, कादिरी, चिष्तिया, कलंदरिया और शुस्तरिया के नाम प्रमुखता से लिया जाता है। माना जाता है कि सूफ़ीवाद ईराक़ के बसरा नगर में क़रीब एक हज़ार साल पहले जन्मा। राबिया, अल अदहम, मंसूर हल्लाज जैसे शख़्सियतों को इनका प्रणेता कहा जाता है - ये अपने समकालीनों के आदर्श थे लेकिन इनको अपने जीवनकाल में आम जनता की अवहेलना और तिरस्कार झेलनी पड़ी। सूफ़ियों को पहचान अल ग़ज़ाली के समय (सन् ११००) से ही मिली। बाद में अत्तार, रूमी और हाफ़िज़ जैसे कवि इस श्रेणी में गिने जाते हैं, इन सबों ने शायरी को तसव्वुफ़ का माध्यम बनाया। भारत में इसके पहुंचने की सही-सही समयावधि के बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन बारहवीं-तेरहवीं शताब्दी में ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती बाक़ायदा सूफ़ीवाद के प्रचार-प्रसार में जुट गए थे। .

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इल्म अल-कलाम

इल्म अल-कलाम (अरबी: عِلْم الكَلام) इस्लाम में इस शब्दश का अर्थ "प्रवचन का विज्ञान" Winter, Tim J. "Introduction." Introduction.

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इस्लामी स्वर्ण युग

इबन रशुद जिसने दर्शनशास्त्र में इबनरशुवाद को जन्म दिया। अब्बासियों के राज में इस्लाम का स्वर्ण युग शुरु हुआ। अब्बासी खलीफा ज्ञान को बहुत महत्त्व देते थे। मुस्लिम दुनिया बहुत तेज़ी से विशव का बौद्धिक केन्द्र बनने लगी। कई विद्वानों ने प्राचीन युनान, भारत, चीन और फ़ारसी सभय्ताओं की साहित्य, दर्शनशास्र, विज्ञान, गणित इत्यादी से संबंधित पुस्तकों का अध्ययन किया और उनका अरबी में अनुवाद किया। विशेषज्ञों का मानना है कि इस के कारण बहुत बड़ा ज्ञानकोश इतिहास के पन्नों में खोने से रह गया। मुस्लिम विद्वानों ने सिर्फ अनुवाद ही नहीं किया। उन्होंने इन सभी विषयों में अपनी छाप भी छोड़ी। चिकित्सा विज्ञान में शरीर रचना और रोगों से संबंधित कई नई खोजें हूईं जैसे कि खसरा और चेचक के बीच में जो फर्क है उसे समझा गया। इब्ने सीना (९८०-१०३७) ने चिकित्सा विज्ञान से संबंधित कई पुस्तकें लिखीं जो कि आगे जा कर आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का आधार बनीं। इस लिये इब्ने सीना को आधुनिक चिकित्सा का पिता भी कहा जाता है। इसी तरह से अल हैथाम को प्रकाशिकी विज्ञान का पिता और अबु मूसा जबीर को रसायन शास्त्र का पिता भी कहा जाता है।R.

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