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अर्थव्यवस्था और किबूत

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अर्थव्यवस्था और किबूत के बीच अंतर

अर्थव्यवस्था vs. किबूत

अर्थव्यवस्था (Economy) उत्पादन, वितरण एवम खपत की एक सामाजिक व्यवस्था है। यह किसी देश या क्षेत्र विशेष में अर्थशास्त्र का गतित चित्र है। यह चित्र किसी विशेष अवधि का होता है। उदाहरण के लिए अगर हम कहते हैं ' समसामयिक भारतीय अर्थव्यवस्था ' तो इसका तात्पर्य होता है। वर्तमान समय में भारत की सभी आर्थिक गतिविधियों का वर्णन। अर्थव्यवस्था अर्थशास्त्र की अवधारणाओं और सिद्धांतों का व्यवहारिक कार्य रूप है। . किबूत कफर मसार्यक किबूत, इज़राइल में एक प्रकार का संगठित ग्रामजीवन जिसमें सैकड़ों नरनारी एक साथ रहकर अन्नादि उपजाते हैं। उनके आहार विहार सामान और एकस्थ हैं, लेन देन एकस्थ। उनकी भूमि जायदाद एकजाई होती है, बँटी नहीं। एक ही साथ सैकड़ों लोग जमीन का पट्टा लेकर खेती आदि करते हैं और आवश्यकता के अनुसार अन्न आदि बाँट लिया करते हैं। रुपए-पैसे या जरूरत से अधिक वस्त्रादि भी वे नहीं रखते। जिनके पास धन अथवा आधुनिक सभ्यता के उपकरण रेडियो आदि होते हैं वे उनको सर्वार्थ अपर्ण कर देते हैं। किबूत आदिम साम्यवाद की दिशा में संकेत करते हैं। किबूतों में पति पत्नी तो साथ रहते और काम करते हैं पर बच्चे नर्सरियों में रख दिए जाते हैं जहाँ भली प्रकार उसकी देखभाल होती है। आठ नौ वर्ष के हो जाने के बाद यदि वे चाहें तो, अपने माता-पिता के साथ रहकर उनके काम में हाथ बँटा सकते हैं या स्वयं अपनी मेहनत का लाभ अपने प्रिय किबूत को दे सकते हैं। इसी परंपरा पर आधारित इस्रायल में एक और संस्था है, मोशाब। मोशाब में ऐसे लोग रहते हैं जो खेती आदि तो सामूहिक रूप से करते हैं पर परिणाम में उपज या लाभ अन्नादि अपने पावने के अनुपात के अनुसार बाँट लेते हैं। उन्हें अपना धन आदि वैयक्तिक रूप से बढ़ाने का अधिकार और अवसर होता है। इस्रायल में इसी प्रकार का एक तीसरा संगठन और है जिसे कुसा कहते हैं। यह किबूत और मोशाब के बीच का संगठन है। किबुत्ज़ बरकाई का विहंगम दृष्य .

अर्थव्यवस्था और किबूत के बीच समानता

अर्थव्यवस्था और किबूत आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): साम्यवाद

साम्यवाद

साम्यवाद, कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स द्वारा प्रतिपादित तथा साम्यवादी घोषणापत्र में वर्णित समाजवाद की चरम परिणति है। साम्यवाद, सामाजिक-राजनीतिक दर्शन के अंतर्गत एक ऐसी विचारधारा के रूप में वर्णित है, जिसमें संरचनात्मक स्तर पर एक समतामूलक वर्गविहीन समाज की स्थापना की जाएगी। ऐतिहासिक और आर्थिक वर्चस्व के प्रतिमान ध्वस्त कर उत्पादन के साधनों पर समूचे समाज का स्वामित्व होगा। अधिकार और कर्तव्य में आत्मार्पित सामुदायिक सामंजस्य स्थापित होगा। स्वतंत्रता और समानता के सामाजिक राजनीतिक आदर्श एक दूसरे के पूरक सिद्ध होंगे। न्याय से कोई वंचित नहीं होगा और मानवता एक मात्र जाति होगी। श्रम की संस्कृति सर्वश्रेष्ठ और तकनीक का स्तर सर्वोच्च होगा। साम्यवाद सिद्धांततः अराजकता का पोषक हैं जहाँ राज्य की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। मूलतः यह विचार समाजवाद की उन्नत अवस्था को अभिव्यक्त करता है। जहाँ समाजवाद में कर्तव्य और अधिकार के वितरण को 'हरेक से अपनी क्षमतानुसार, हरेक को कार्यानुसार' (From each according to her/his ability, to each according to her/his work) के सूत्र से नियमित किया जाता है, वहीं साम्यवाद में 'हरेक से क्षमतानुसार, हरेक को आवश्यकतानुसार' (From each according to her/his ability, to each according to her/his need) सिद्धांत का लागू किया जाता है। साम्यवाद निजी संपत्ति का पूर्ण प्रतिषेध करता है। .

अर्थव्यवस्था और साम्यवाद · किबूत और साम्यवाद · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

अर्थव्यवस्था और किबूत के बीच तुलना

अर्थव्यवस्था 5 संबंध है और किबूत 3 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 12.50% है = 1 / (5 + 3)।

संदर्भ

यह लेख अर्थव्यवस्था और किबूत के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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