लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

अर्जेंटीना राष्ट्रीय फुटबॉल टीम और द्वितीय विश्वयुद्ध

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अर्जेंटीना राष्ट्रीय फुटबॉल टीम और द्वितीय विश्वयुद्ध के बीच अंतर

अर्जेंटीना राष्ट्रीय फुटबॉल टीम vs. द्वितीय विश्वयुद्ध

अर्जेंटीना राष्ट्रीय फुटबॉल टीम (Selección de fútbol de Argentina) अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैचों में अर्जेंटीना का प्रतिनिधित्व करती है और एसोसिएशन देल फुत्बोल अर्जेंटीनो (ए.एफ.ए) द्वारा नियंत्रित की जाती है, जो अर्जेंटीना में फुटबॉल के शासी निकाय है। अर्जेंटीना का मुख्य गृह स्टेडियम एल मोनूमेनतल है। वर्तमान में 2013 में टीम दुनिया में तीसरे स्थान पर है। टीम चार बार फीफा विश्व कप के फाइनल में पहुँची है, जिनमें से 2 बार इसने विश्व कप फाइनल जीता है - 1978 में पहली बार और 1986 में दूसरी बार। अर्जेंटीना कोपा अमेरिका में बहुत सफल रही है, इसे चौदह बार जीत हासिल की है। अर्जेंटीना टीम ने एथेंस 2004 और बीजिंग 2008 में ओलंपिक फुटबॉल टूर्नामेंट भी जीता है। फीफा वर्ल्ड कप २०१८ में वे नाइजीरिया, आइसलैंड और क्रोएशिया जैसी टीमों के साथ ग्रुप डी में आइसलैंड के खिलाफ अपना 2018 विश्व कप शुरू कर रहे हैं। वे ग्रुप डी विजेता सबसे मजबूत टीम होंगे। अर्जेंटीना की ब्राजील, उरुग्वे और इंग्लैंड के साथ ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता रही है। विशेष रूप से इंग्लैंड के खिलाफ उनके मैच (जिसे अर्जेंटीना के लोग कट्टर प्रतिद्वंद्वी मनते है, कड़वे फ़ॉकलैंड युद्ध की वजह से) प्रशंसकों के बीच हिंसा का कारण रहे है।. द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

अर्जेंटीना राष्ट्रीय फुटबॉल टीम और द्वितीय विश्वयुद्ध के बीच समानता

अर्जेंटीना राष्ट्रीय फुटबॉल टीम और द्वितीय विश्वयुद्ध आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

अर्जेंटीना राष्ट्रीय फुटबॉल टीम और द्वितीय विश्वयुद्ध के बीच तुलना

अर्जेंटीना राष्ट्रीय फुटबॉल टीम 7 संबंध है और द्वितीय विश्वयुद्ध 60 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (7 + 60)।

संदर्भ

यह लेख अर्जेंटीना राष्ट्रीय फुटबॉल टीम और द्वितीय विश्वयुद्ध के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »