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अरस्तु और लिसिप्पस

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अरस्तु और लिसिप्पस के बीच अंतर

अरस्तु vs. लिसिप्पस

अरस्तु अरस्तु (384 ईपू – 322 ईपू) यूनानी दार्शनिक थे। वे प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु थे। उनका जन्म स्टेगेरिया नामक नगर में हुआ था ।  अरस्तु ने भौतिकी, आध्यात्म, कविता, नाटक, संगीत, तर्कशास्त्र, राजनीति शास्त्र, नीतिशास्त्र, जीव विज्ञान सहित कई विषयों पर रचना की। अरस्तु ने अपने गुरु प्लेटो के कार्य को आगे बढ़ाया। प्लेटो, सुकरात और अरस्तु पश्चिमी दर्शनशास्त्र के सबसे महान दार्शनिकों में एक थे।  उन्होंने पश्चिमी दर्शनशास्त्र पर पहली व्यापक रचना की, जिसमें नीति, तर्क, विज्ञान, राजनीति और आध्यात्म का मेलजोल था।  भौतिक विज्ञान पर अरस्तु के विचार ने मध्ययुगीन शिक्षा पर व्यापक प्रभाव डाला और इसका प्रभाव पुनर्जागरण पर भी पड़ा।  अंतिम रूप से न्यूटन के भौतिकवाद ने इसकी जगह ले लिया। जीव विज्ञान उनके कुछ संकल्पनाओं की पुष्टि उन्नीसवीं सदी में हुई।  उनके तर्कशास्त्र आज भी प्रासांगिक हैं।  उनकी आध्यात्मिक रचनाओं ने मध्ययुग में इस्लामिक और यहूदी विचारधारा को प्रभावित किया और वे आज भी क्रिश्चियन, खासकर रोमन कैथोलिक चर्च को प्रभावित कर रही हैं।  उनके दर्शन आज भी उच्च कक्षाओं में पढ़ाये जाते हैं।  अरस्तु ने अनेक रचनाएं की थी, जिसमें कई नष्ट हो गई। अरस्तु का राजनीति पर प्रसिद्ध ग्रंथ पोलिटिक्स है। . लिसिप्पस (ग्रीक: Λύσιππος / Lysippos) यूनान के चौथी शदी ईसापूर्व का प्रसिद्ध मूर्तिकार थे। इन्हें मेसेडेन के सिकंदर (अलेग्जेंडर) और फिलिप्स के जमाने के सिसियॉन तथा अंगों शैली का प्रमुख ग्रीक शिल्पकार माना जाता है। इसने अपनी कला के लिए ब्राँथू धातु को माध्यम रखकर जीवन में लगभग १५०० मूर्तियों का निर्माण किया जिनमें से कुछ अत्यंत भव्य हैं। लिसिप्पस ने विजेता अलेग्जैंडर की अनेक शिल्पाकृतियाँ बनाई। वह राजशिल्पी माना जाने लगा। सिकंदर और उसके दरबारियों से उसे बार बार सम्मान मिलता रहा। पोलीक्लिटस के पुराने नियमों में सुधार कर उसने अपनी शिल्पशैली में प्रभाववादी गुणों का समावेश किया। उसने देवी देवताओं की मूर्तियों को अपनी नई शैली से बनाया। हरक्यूलिस की अनेक मूर्तियाँ बनाई तथा ऐलोपोनेस के कसरती खिलाड़ियों के मुख शिल्प बनाए। मुख शिल्प या अर्ध शिल्प बनाने की कला का जनक यही है। वेटिकन में रखी कई प्राचीन मूर्तियाँ इसकी मूल कृतियों की नकल मात्र हैं, ऐसा समझा जाता है। श्रेणी:मूर्तिकार.

अरस्तु और लिसिप्पस के बीच समानता

अरस्तु और लिसिप्पस आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): सिकंदर

सिकंदर

सिकंदर (Alexander) (356 ईपू से 323 ईपू) मकदूनियाँ, (मेसेडोनिया) का ग्रीक प्रशासक था। वह एलेक्ज़ेंडर तृतीय तथा एलेक्ज़ेंडर मेसेडोनियन नाम से भी जाना जाता है। इतिहास में वह कुशल और यशस्वी सेनापतियों में से एक माना गया है। अपनी मृत्यु तक वह उन सभी भूमि मे से लगभग आधी भूमि जीत चुका था, जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक लोगों को थी(सत्य ये है की वह पृथ्वी के मात्र 5 प्रतीशत हिस्से को ही जीत पाया था) और उसके विजय रथ को रोकने में सबसे मुख्य भूमिका भारत के महान राजा पुरु (जिन्हे युनानी इतिहासकारों नें पोरस से सम्बोधित किया है।)और भारत के क्षेत्रीय सरदारो की थी, जिन्होंने सिकंदर की सेना में अपने पराक्रम के दम पर भारत के प्रति खौफ पैदा कर उसके हौसले पस्त कर दिये और उसे भारत से लौटने पर मजबूर कर दिया।। उसने अपने कार्यकाल में इरान, सीरिया, मिस्र, मसोपोटेमिया, फिनीशिया, जुदेआ, गाझा, बॅक्ट्रिया और भारत में पंजाब(जिसके राजा पुरु थे।) तक के प्रदेश पर विजय हासिल की थी परन्तु बाद में वो मगध की विशाल सेना से डर कर लौट गया ।।उल्लेखनीय है कि उपरोक्त क्षेत्र उस समय फ़ारसी साम्राज्य के अंग थे और फ़ारसी साम्राज्य सिकन्दर के अपने साम्राज्य से कोई 40 गुना बड़ा था। फारसी में उसे एस्कंदर-ए-मक्दुनी (मॅसेडोनिया का अलेक्ज़ेंडर, एस्कन्दर का अपभ्रंश सिकन्दर है) औऱ हिंदी में अलक्षेन्द्र कहा गया है। .

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अरस्तु और लिसिप्पस के बीच तुलना

अरस्तु 28 संबंध है और लिसिप्पस 2 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 3.33% है = 1 / (28 + 2)।

संदर्भ

यह लेख अरस्तु और लिसिप्पस के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: