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अयातुल्ला मोहम्मद हुसैन फदलल्लाह और ४ जुलाई

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अयातुल्ला मोहम्मद हुसैन फदलल्लाह और ४ जुलाई के बीच अंतर

अयातुल्ला मोहम्मद हुसैन फदलल्लाह vs. ४ जुलाई

अयातुल्ला मोहम्मद हुसैन फदलल्लाह लेबनान के सर्वोच्च आध्यात्मिक शिया नेता थे जिन्होंने 1982 में स्थापित चरमपंथी संगठन हिज़्बुल्लाह की स्थापना की थी। इस्लाम धर्म में शिया संप्रदाय में उदारवाद के प्रबल पैरोकार इस नेता का इस्लामिक जगत में बहुत आदर से नाम लिया जाता है। फादलल्लाह के अनुयायी न केवल लेबनान में बल्कि मध्य एशिया और खाड़ी देशों में भी फैले हुए हैं। . ४ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८५वॉ (लीप वर्ष में १८६ वॉ) दिन है। साल में अभी और १८० दिन बाकी है। .

अयातुल्ला मोहम्मद हुसैन फदलल्लाह और ४ जुलाई के बीच समानता

अयातुल्ला मोहम्मद हुसैन फदलल्लाह और ४ जुलाई आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): शिया इस्लाम

शिया इस्लाम

अरबी लिपि में लिखा शब्द-युग्म "मुहम्मद अली" इस शिया विश्वास को दिखाता है कि मुहम्मद और अली में निष्ठा दिखाना एक समान ही है। इसको उलटा घुमा देने पर यह "अली मुहम्मद" बन जाता है। शिया एक मुसलमान सम्प्रदाय है। सुन्नी सम्प्रदाय के बाद यह इस्लाम का दूसरा सबसे बड़ा सम्प्रदाय है जो पूरी मुस्लिम आबादी का केवल १५% है। सन् ६३२ में हजरत मुहम्मद की मृत्यु के पश्चात जिन लोगों ने अपनी भावना से हज़रत अली को अपना इमाम (धर्मगुरु) और ख़लीफा (नेता) चुना वो लोग शियाने अली (अली की टोली वाले) कहलाए जो आज शिया कहलाते हैं। लेकिन बहोत से सुन्नी इन्हें "शिया" या "शियाने अली" नहीं बल्कि "राफज़ी" (अस्वीकृत लोग) नाम से बुलाते हैं ! इस धार्मिक विचारधारा के अनुसार हज़रत अली, जो मुहम्मद साहब के चचेरे भाई और दामाद दोनों थे, ही हजरत मुहम्मद साहब के असली उत्तराधिकारी थे और उन्हें ही पहला ख़लीफ़ा (राजनैतिक प्रमुख) बनना चाहिए था। यद्यपि ऐसा हुआ नहीं और उनको तीन और लोगों के बाद ख़लीफ़ा, यानि प्रधान नेता, बनाया गया। अली और उनके बाद उनके वंशजों को इस्लाम का प्रमुख बनना चाहिए था, ऐसा विशवास रखने वाले शिया हैं। सुन्नी मुसलमान मानते हैं कि हज़रत अली सहित पहले चार खलीफ़ा (अबु बक़र, उमर, उस्मान तथा हज़रत अली) सतपथी (राशिदुन) थे जबकि शिया मुसलमानों का मानना है कि पहले तीन खलीफ़ा इस्लाम के गैर-वाजिब प्रधान थे और वे हज़रत अली से ही इमामों की गिनती आरंभ करते हैं और इस गिनती में ख़लीफ़ा शब्द का प्रयोग नहीं करते। सुन्नी मुस्लिम अली को (चौथा) ख़लीफ़ा भी मानते है और उनके पुत्र हुसैन को मरवाने वाले ख़लीफ़ा याजिद को कई जगहों पर पथभ्रष्ट मुस्लिम कहते हैं। इस सम्प्रदाय के अनुयायियों का बहुमत मुख्य रूप से इरान,इराक़,बहरीन और अज़रबैजान में रहते हैं। इसके अलावा सीरिया, कुवैत, तुर्की, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, ओमान, यमन तथा भारत में भी शिया आबादी एक प्रमुख अल्पसंख्यक के रूप में है। शिया इस्लाम के विश्वास के तीन उपखंड हैं - बारहवारी, इस्माइली और ज़ैदी। एक मशहूर हदीस मन्कुनतो मौला फ़ हा जा अली उन मौला, जो मुहम्मद साहब ने गदीर नामक जगह पर अपने आखरी हज पर खुत्बा दिया था, में स्पष्ट कह दिया था कि मुसलमान समुदाय को समुदाय अली के कहे का अनुसरण करना है। .

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अयातुल्ला मोहम्मद हुसैन फदलल्लाह और ४ जुलाई के बीच तुलना

अयातुल्ला मोहम्मद हुसैन फदलल्लाह 9 संबंध है और ४ जुलाई 31 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.50% है = 1 / (9 + 31)।

संदर्भ

यह लेख अयातुल्ला मोहम्मद हुसैन फदलल्लाह और ४ जुलाई के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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