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अम्दो और तिब्बत का पठार

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अम्दो और तिब्बत का पठार के बीच अंतर

अम्दो vs. तिब्बत का पठार

अम्दो (तिब्बती: ཨ༌མདོ, अंग्रेज़ी: Amdo) तिब्बत के तीन पारम्परिक प्रान्तों में से एक है, जिन्हे तिब्बती भाषा में तिब्बत के तीन 'चोलका' कहा जाता है। अन्य दो प्रान्त खम और इउ-त्संग हैं।, Ashild Kolas, Monika P Thowsen, pp. तिब्बत का पठार हिमालय पर्वत शृंखला से लेकर उत्तर में टकलामकान रेगिस्तान तक फैला हुआ है तिब्बत का बहुत सा इलाक़ा शुष्क है तिब्बत का पठार (तिब्बती: བོད་ས་མཐོ།, बोड सा म्थो) मध्य एशिया में स्थित एक ऊँचाई वाला विशाल पठार है। यह दक्षिण में हिमालय पर्वत शृंखला से लेकर उत्तर में टकलामकान रेगिस्तान तक विस्तृत है। इसमें चीन द्वारा नियंत्रित बोड स्वायत्त क्षेत्र, चिंग हई, पश्चिमी सीश्वान, दक्षिण-पश्चिमी गांसू और उत्तरी यून्नान क्षेत्रों के साथ-साथ भारत का लद्दाख़ इलाक़ा आता है। उत्तर-से-दक्षिण तक यह पठार १,००० किलोमीटर लम्बा और पूर्व-से-पश्चिम तक २,५०० किलोमीटर चौड़ा है। यहाँ की औसत ऊँचाई समुद्र से ४,५०० मीटर (यानी १४,८०० फ़ुट) है और विशव के ८,००० मीटर (२६,००० फ़ुट) से ऊँचे सभी १४ पर्वत इसी क्षेत्र में या इसे इर्द-गिर्द पाए जाते हैं। इस इलाक़े को कभी-कभी "दुनिया की छत" कहा जाता है। तिब्बत के पठार का कुल क्षेत्रफल २५ लाख वर्ग किमी है, यानी भारत के क्षेत्रफल का ७५% और फ़्रांस के समूचे देश का चौगुना। .

अम्दो और तिब्बत का पठार के बीच समानता

अम्दो और तिब्बत का पठार आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चिंगहई, तिब्बत, तिब्बती भाषा, यांग्त्सीक्यांग, गांसू

चिंगहई

चिंगहई (चीनी: 青海; अंग्रेजी: Qinghai, मंगोल: Көкнуур, कोक नूर; तिब्बती: མཚོ་སྔོན་) जनवादी गणराज्य चीन के पश्चिमी भाग में स्थित एक प्रांत है। इसकी राजधानी शिनिंग शहर है। यह प्रांत अधिकतर तिब्बत के पठार पर स्थित है और परंपरागत रूप से तिब्बती लोग इसके अधिकतर भाग को तिब्बत का एक क्षेत्र समझते हैं जिसका तिब्बती नाम 'आमदो' है। इस प्रान्त का नाम चिंगहई झील पर पड़ा है। ऐतिहासिक रूप से यह इलाक़ा चीन का भाग नहीं था बल्कि इसपर कई जातियों में खींचातानी चलती थी, जिनमें तिबाती, हान चीनी, मंगोल और तुर्की लोग शामिल थे। चीन की एक महत्वपूर्ण नदी ह्वांग हो (उर्फ़ 'पीली नदी') इसी प्रान्त के दक्षिणी भाग में जन्म लेती है जबकि यांग्त्से नदी और मिकोंग नदी इसके दक्षिण-पश्चिमी भाग में जन्मती हैं।, Shelley Jiang, Shelley Cheung, Macmillan, 2004, ISBN 978-0-312-32005-8,...

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तिब्बत

तिब्बत का भूक्षेत्र (पीले व नारंगी रंगों में) तिब्बत के खम प्रदेश में बच्चे तिब्बत का पठार तिब्बत (Tibet) एशिया का एक क्षेत्र है जिसकी भूमि मुख्यतः उच्च पठारी है। इसे पारम्परिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है। इसके प्रायः सम्पूर्ण भाग पर चीनी जनवादी गणराज्य का अधिकार है जबकि तिब्बत सदियों से एक पृथक देश के रूप में रहा है। यहाँ के लोगों का धर्म बौद्ध धर्म की तिब्बती बौद्ध शाखा है तथा इनकी भाषा तिब्बती है। चीन द्वारा तिब्बत पर चढ़ाई के समय (1955) वहाँ के राजनैतिक व धार्मिक नेता दलाई लामा ने भारत में आकर शरण ली और वे अब तक भारत में सुरक्षित हैं। .

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तिब्बती भाषा

तिब्बती भाषा (तिब्बती लिपि में: བོད་སྐད་, ü kä), तिब्बत के लोगों की भाषा है और वहाँ की राजभाषा भी है। यह तिब्बती लिपि में लिखी जाती है। ल्हासा में बोली जाने वाली भाषा को मानक तिब्बती माना जाता है। .

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यांग्त्सीक्यांग

'''यांग्त्सी नदी''' यांग्त्सीक्यांग, चीन की सबसे लम्बी नदी है, जो सीकांग के पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर, दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बहती हुई, पूर्वी चीन सागर में गिरती है। इसे चांग ज्यांग (Simplified Chinese 长江, Traditional Chinese 長江, Cháng Jiāng) या यांग्त्सी या यांग्ज़ी भी कहते हैं। यह विश्व की चौथी सबसे लम्बी नदी है। प्रायः पश्चिम से पूर्व की दिशा में बहने वाली इस नदी की लम्बाई लगभग ६३०० किलोमीटर है। यह सर्वप्रथम कुछ दूर उच्च पहाड़ी क्षेत्र में बहने के पश्चात् लाल बेसिन में प्रसेश करती है, जहाँ धरातल अत्यंत कटा फटा एवं कुछ असमतल है। यहाँ मिलक्यांग, चुंगक्यांग, सुइनिंग और कयाओलिंगक्यांग सहायक नदियाँ उत्तर से आकर मिलती हैं। ये सभी नाव्य हैं तथा उपजाऊ घाटियाँ बनाती हैं। लाल बेसिन को पार कर यांग्त्सीक्यांग एक गहरी घाटी में बहती हुई समतल भूभाग में प्रवेश करती है। यहाँ कई झीलें मिलती हैं, जिनमें से तीन मिट्टी भर जाने से महत्वपूर्ण थालों का रूप ले चुकी हैं। दो थालों को तो नदी ने दो दो भागों में बाँट दिया है। तीसरा काफी नीचा है, जहाँ कभी कभी बाढ़ आ जाती है। नदी घाटी का यह भाग काफी उपजाऊ है। यहाँ उत्तर से हेन और दक्षिण से सियांग नामक सहायक नदियाँ इसमें आकर मिलती हैं, जो नाव्य हैं। बड़े समुद्री जहाज यांग्त्सीक्यांग द्वारा हैंकाऊ तथा बड़ी नावें और स्टीमर आइशांग तक आ जा सकते हैं। तत्पश्चात् यांग्त्सीक्यांग क्यांगसू प्रांत में डेल्टा बनाती है, जहाँ का भूभाग कुछ पहाडियों को छोड़कर लगभग समतल है। डेल्टा की संपूर्ण समतल भूमि बहुत उपजाऊ है। यांग्त्सी घाटी के विभिन्न भागों में धान, गेहूँ, जौ, कपास, चाय, ज्वार- बाजरा, मक्का, गन्ना, तंबबाकू, अफीम, तिलहन, मटर, बीन, फल और शाक भाजियाँ आदि उपजते हैं। रेशम का भी यहाँ उत्पादन होता है। अत: कृषि एवं यातायात की सुलभता के कारण संपूर्ण यांग्त्सीघाटी में जनसंख्या बहुत घनी हो गई है। .

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गांसू

गांसू (चीनी: 甘肃) उत्तर-पश्चिमी चीन में स्थित एक प्रान्त है। इसका नाम उईग़ुर भाषा के "कांग" (अर्थ: विस्तृत) और "सू" (अर्थ: पानी) शब्दों से उत्पन्न हुआ है। गांसू की राजधानी लानझू शहर है जो इस प्रांत के दक्षिणपूर्व में स्थित है। इस प्रांत की आबादी 2009 में 2.6 करोड़ थी (लगभग हरियाणा के बराबर) और इसका क्षेत्रफल लगभग 454,000 वर्ग किमी है (लगभग उत्तर प्रदेश का दुगना)। यहाँ पर हुई समुदाय के बहुत से लोग रहते हैं, जो नस्ल के तो चीनी हैं लेकिन इस्लाम के अनुयायी हैं। गांसू के दक्षिण-पश्चिमी भाग में बहुत से तिब्बती लोग भी रहते हैं। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

अम्दो और तिब्बत का पठार के बीच तुलना

अम्दो 12 संबंध है और तिब्बत का पठार 30 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 11.90% है = 5 / (12 + 30)।

संदर्भ

यह लेख अम्दो और तिब्बत का पठार के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: