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अभिवृद्धि चक्र और विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अभिवृद्धि चक्र और विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम के बीच अंतर

अभिवृद्धि चक्र vs. विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम

खगोलशास्त्र में अभिवृद्धि चक्र (accretion disk) किसी बड़ी खगोलीय वस्तु के इर्द-गिर्द कक्षीय परिक्रमा कर रहे मलबे के चक्र को कहते हैं। ऐसा चक्र किसी तारे की परिक्रमा कर रहा हो तो उसे परितारकीय चक्र (circumstellar disk) कहा जाता है। जब मलबे के कण आपस में रगड़ते हैं और गुरुत्वाकर्षण से मलबे पर दबाव पड़ता है तो उसका तापमान बढ़ जाता है और उस से विद्युतचुंबकीय विकिरण उत्पन्न होता है। इस विकिरण की आवृत्ति (फ़्रीक्वेन्सी) केन्द्रीय वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करती है। नवजात तारों और आदितारों के अभिवृद्धि चक्र अवरक्त (इन्फ़्रारेड) विकिरण उत्पन्न करते हैं जबकि न्यूट्रॉन तारों और काले छिद्रों के अभिवृद्धि चक्रों से ऍक्स किरणों का उत्सर्जन होता है। . विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम (electromagnetic spectrum) में उन सारी आवृत्तियों के विकिरण आते हैं जो सम्भव हैं। किसी वस्तु का विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम, उस वस्तु से विद्युत चुम्बकीय विकिरणों का अभिलक्षणिक वितरण या प्रायः केवल वर्णक्रम होता है। विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम निम्न आवृत्तियों, जो कि नूतन रेडियो में प्रयोग होतीं हैं (तरंग दैर्घ्य के दीर्घ सिरे पर), से लेकर गामा विकिरण तक (लघु सिरे तक) होता है, जो कि सहस्रों किलोमीटर की तरंगदैर्घ्य से लेकर एक अणु के नाप के एक अंश के बराबर तक की सारी आवृत्तियों को लिये होता है। हमारे ब्रह्माण्ड में लघु तरंगदैर्घ्य सीमित है प्लैंक दूरी के आसपास तक; और दीर्घ तरंग दैर्घ्य सीमित है, ब्रह्माण्ड के आकार तक। वैसे वर्णक्रम को असीमित एवं अविराम ही कहते हैं। .

अभिवृद्धि चक्र और विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम के बीच समानता

अभिवृद्धि चक्र और विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): ऍक्स किरण, अवरक्त

ऍक्स किरण

200px ''Hand mit Ringen'': रोएन्टजन की पहली 'मेडिकल' एक्स-किरण का प्रिन्ट - उनकी पत्नी का हाथ का प्रिन्ट जो २२ दिसम्बर सन् १८९५ को लिया गया था जल से शीतलित एक्स-किरण नलिका (सरलीकृत/कालातीत हो चुकी है।) एक्स-किरण या एक्स रे (X-Ray) एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय विकिरण है जिसकी तरंगदैर्घ्य 10 से 0.01 नैनोमीटर होती है। यह चिकित्सा में निदान (diagnostics) के लिये सर्वाधिक प्रयोग की जाती है। यह एक प्रकार का आयनकारी विकिरण है, इसलिए खतरनाक भी है। कई भाषाओं में इसे रॉण्टजन विकिरण भी कहते हैं, जो कि इसके अन्वेषक विल्हेल्म कॉनरॅड रॉण्टजन के नाम पर आधारित है। रॉण्टजन ईक्वेलेंट मानव (Röntgen equivalent man / REM) इसकी शास्त्रीय मापक इकाई है। .

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अवरक्त

दो व्यक्तियों की मध्य अधोरक्त (तापीय) प्रकाश में छाया चित्र अवरक्त किरणें, अधोरक्त किरणें या इन्फ़्रारेड वह विद्युत चुम्बकीय विकिरण है जिसका तरंग दैर्घ्य (वेवलेन्थ) प्रत्यक्ष प्रकाश से बड़ा हो एवं सूक्ष्म तरंग से कम हो। इसका नाम 'अधोरक्त' इसलिए है क्योंकि विद्युत चुम्बकीय तरंग के वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) में यह मानव द्वारा दर्शन योग्य लाल वर्ण से नीचे (या अध) होती है। इसका तरंग दैर्घ्य 750 nm and 1 mm के बीच होता है। सामान्य शारिरिक तापमान पर मानव शरीर 10 माइक्रॉन की अधोरक्त तरंग प्रकाशित कर सकता है। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

अभिवृद्धि चक्र और विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम के बीच तुलना

अभिवृद्धि चक्र 16 संबंध है और विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम 18 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 5.88% है = 2 / (16 + 18)।

संदर्भ

यह लेख अभिवृद्धि चक्र और विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: