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अफ़ार द्रोणी और समुद्र तल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अफ़ार द्रोणी और समुद्र तल के बीच अंतर

अफ़ार द्रोणी vs. समुद्र तल

अफ़ार द्रोणी का नक़्शा डनाकील रेगिस्तान का एक दृश्य अफ़ार द्रोणी, डनाकील द्रोणी या अफ़ार त्रिकोण अफ़्रीका के सींग के पास स्थित एक धंसा हुआ इलाक़ा है जो तीन देशों (इरीट्रिया, इथियोपिया और जिबूटी) में फैली हुई है। यह एक बंद जलसम्भर है जिसमें सिर्फ़ एक नदी (अवाश नदी) दाख़िल होती है जिसका पानी कुछ खारी झीलों में रुक जाता है। अफ़र द्रोणी महान दरार घाटी का सुदूर उत्तर-पूर्वी हिस्सा है। . समुद्र तल से ऊँचाई दिखाता एक बोर्ड समुद्र तल या औसत समुद्र तल (अंग्रेज़ी:Mean sea level) समुद्र के जल के उपरी सतह की औसत ऊँचाई का मान होता है। इसकी गणना ज्वार-भाटे के कारण होने वाले समुद्री सतह के उतार चढ़ाव का लंबे समय तक प्रेक्षण करके उसका औसत निकाल कर की जाती है। इसे समुद्र तल से ऊँचाई (MSL-Metres above sea level) में व्यक्त किया जाता है। इसका प्रयोग धरातल पर स्थित बिंदुओं की ऊँचाई मापने के लिये सन्दर्भ तल के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग उड्डयन में भी होता है। उड्डयन में समुद्र की सतह पर वायुमण्डलीय दाब को वायुयानों के उड़ान की उँचाई के सन्दर्भ (डैटम) के रूप में उपयोग किया जाता है। .

अफ़ार द्रोणी और समुद्र तल के बीच समानता

अफ़ार द्रोणी और समुद्र तल आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): प्लेट विवर्तनिकी

प्लेट विवर्तनिकी

प्लेट विवर्तनिकी (Plate tectonics) एक वैज्ञानिक सिद्धान्त है जो पृथ्वी के स्थलमण्डल में बड़े पैमाने पर होने वाली गतियों की व्याख्या प्रस्तुत करता है। साथ ही महाद्वीपों, महासागरों और पर्वतों के रूप में धरातलीय उच्चावच के निर्माण तथा भूकम्प और ज्वालामुखी जैसी घटनाओं के भौगोलिक वितरण की व्याख्या प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। यह सिद्धान्त बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में अभिकल्पित महाद्वीपीय विस्थापन नामक संकल्पना से विकसित हुआ जब 1960 के दशक में ऐसे नवीन साक्ष्यों की खोज हुई जिनसे महाद्वीपों के स्थिर होने की बजाय गतिशील होने की अवधारणा को बल मिला। इन साक्ष्यों में सबसे महत्वपूर्ण हैं पुराचुम्बकत्व से सम्बन्धित साक्ष्य जिनसे सागर नितल प्रसरण की पुष्टि हुई। हैरी हेस के द्वारा सागर नितल प्रसरण की खोज से इस सिद्धान्त का प्रतिपादन आरंभ माना जाता है और विल्सन, मॉर्गन, मैकेंज़ी, ओलिवर, पार्कर इत्यादि विद्वानों ने इसके पक्ष में प्रमाण उपलब्ध कराते हुए इसके संवर्धन में योगदान किया। इस सिद्धान्त अनुसार पृथ्वी की ऊपरी लगभग 80 से 100 कि॰मी॰ मोटी परत, जिसे स्थलमण्डल कहा जाता है, और जिसमें भूपर्पटी और भूप्रावार के ऊपरी हिस्से का भाग शामिल हैं, कई टुकड़ों में टूटी हुई है जिन्हें प्लेट कहा जाता है। ये प्लेटें नीचे स्थित एस्थेनोस्फीयर की अर्धपिघलित परत पर तैर रहीं हैं और सामान्यतया लगभग 10-40 मिमी/वर्ष की गति से गतिशील हैं हालाँकि इनमें कुछ की गति 160 मिमी/वर्ष भी है। इन्ही प्लेटों के गतिशील होने से पृथ्वी के वर्तमान धरातलीय स्वरूप की उत्पत्ति और पर्वत निर्माण की व्याख्या प्रस्तुत की जाती है और यह भी देखा गया है कि प्रायः भूकम्प इन प्लेटों की सीमाओं पर ही आते हैं और ज्वालामुखी भी इन्हीं प्लेट सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं। प्लेट विवर्तनिकी में विवर्तनिकी (लातीन:tectonicus) शब्द यूनानी भाषा के τεκτονικός से बना है जिसका अर्थ निर्माण से सम्बंधित है। छोटी प्लेट्स की संख्या में भी कई मतान्तर हैं परन्तु सामान्यतः इनकी संख्या 100 से भी अधिक स्वीकार की जाती है। .

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अफ़ार द्रोणी और समुद्र तल के बीच तुलना

अफ़ार द्रोणी 11 संबंध है और समुद्र तल 23 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.94% है = 1 / (11 + 23)।

संदर्भ

यह लेख अफ़ार द्रोणी और समुद्र तल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: