अफ़ग़ानिस्तान में सोवियत युद्ध और मिकोयान-गुरेविच मिग-25
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अफ़ग़ानिस्तान में सोवियत युद्ध और मिकोयान-गुरेविच मिग-25 के बीच अंतर
अफ़ग़ानिस्तान में सोवियत युद्ध vs. मिकोयान-गुरेविच मिग-25
1979-1989 के बीच सोवियत सेना तथा मुज़ाहिदीन लड़ाकों के बीच लड़ा गया अफ़ग़निस्तानी गृहयुद्ध था। मुज़ाहिदीन, अफ़ग़निस्तान की साम्यवादी सरकार का तख्तापलट करना चाहते थे, जिसे सोवियत रूस का समर्थन प्राप्त था। मुज़ाहिदीन घुसपैठियों को अमेरिका तथा पाक़िस्तान का समर्थन प्राप्त था। 1989 में सोवियत सेनाओं की वापसी के साथ ही यह समाप्त हुआ। मुजाहिदीनों को पडोसी राष्ट्र पाकिस्तान और चीन में युद्ध का प्रशिक्षण दिया गया जिसके लिए सऊदीअरब, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम ने आर्थिक सहायता दी। एक दशक तक चले इस युद्ध ने लाखो अफगानियों को अपना राष्ट्र छोड़ पाकिस्तान और ईरान में शरण लेने पे मजबूर किया, जबकि लाखों की संख्या में अफगानी युद्ध में मरे गए। २४ दिसम्बर १९७९, ४०वी सोवियत आर्मी के अफगानिस्तान में हस्तक्षेप के साथ सोवियत नेता लियोनिद ब्रेज्ह्नेव के द्वारा शुरू किये गए इस अभियान का अंतिम चरण १५ मई १९८९ में सोवियत सेना की क्रमबद्ध वापसी से शुरू हुवा जिसको अंतिम रूप मिखाइल गोर्बाचेव के नेतृत्व वाली सरकार ने १५ फ़रवरी १९८९ दिया. मिकोयान-गुरेविच मिग-25 (Mikoyan-Gurevich MiG-25) (नाटो रिपोर्टिंग का नाम: फॉक्सबैट) एक सुपरसोनिक इंटरसेप्टर और जासूसी विमान है जो विश्व मे सेवा करने वाले सबसे तेज़ सैन्य विमानों में से एक था। यह सोवियत संघ के मिकॉयन-गुरेविच ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया था। और यह मुख्य रूप से स्टेनलेस स्टील का उपयोग करने वाले निर्मित कुछ युद्ध विमानों में से एक है। यह मिखाइल गुरेविच द्वारा डिजाइन किया गया आखिरी विमान था। पहला प्रोटोटाइप को 1964 में उड़ाया गया था और मिकोयान-गुरेविच मिग-25 विमान ने सेना मे 1970 में प्रवेश किया था। इसकी संचालन की गति मैक 2.83 की है इसे मैक 3.2 तक बड़ाना संभव है लेकिन इंजन को कोई महत्वपूर्ण नुकसान का जोखिम न हो इसलिए इसे मैक 2.83 की संचालन की गति पर चलाते है। और इसमे एक शक्तिशाली रडार और चार एयर-टू-एयर मिसाइल सुविधाएँ है। जब पहली बार जासूसी फोटोग्राफी में मिकोयान-गुरेविच मिग-25 को देखा गया तो फोटोग्राफी मे बड़े विंग का एक विशाल और उच्च गतिशील लड़ाकू विमान को कहा गया। जब अमेरिकी डिजाइनर सिद्धांत भी वियतनाम युद्ध में प्रदर्शन के मुकाबले उच्च गतिशीलता के लिए लड़ाकू विमान विकसित कर रहे थे। 1,190 विमान के बनाने के बाद मिकोयान-गुरेविच मिग-25 का उत्पादन 1984 मे खत्म कर दिया गया था। शीत युद्ध का प्रतीक, मिग-25 सोवियत सहयोगियों और पूर्व सोवियत गणराज्यों की सेना मे शामिल रहा था। बचे हुए शेष कुछ विमानो ने रूस और कई अन्य देशों में सीमित सेवा की थी। यह विश्व का सबसे ज्यादा उड़ान भरने वाले विमानो मे से एक है। और एसआर-71 जासूसी विमान के बाद दूसरा सबसे तेज चलने वाला विमान है। The Global Aircraft Organization, 24 April 2007.
अफ़ग़ानिस्तान में सोवियत युद्ध और मिकोयान-गुरेविच मिग-25 के बीच समानता
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संदर्भ
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