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अपु त्रयी

सूची अपु त्रयी

अपु त्रयी सत्यजित राय द्वारा निर्देशित तीन फ़िल्मों की शृंखला है। ये तीन फ़िल्में हैं पाथेर पांचाली, अपराजितो और अपूर संसार। ये फ़िल्में 1955 से 1960 के बीच बनीं। ये बांग्ला के सुप्रसिद्ध लेखक बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय के लेखन पर आधारित थीं। इनमें हॉलिवुड और जाँ रेन्वर का प्रभाव देखा जा सकता है। .

2 संबंधों: बिभूतिभूषण बंधोपाध्याय, सत्यजित राय

बिभूतिभूषण बंधोपाध्याय

बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय (बांग्ला: বিভুতিভূষণ বন্দ্যোপাধ্যায়) बांग्ला के सुप्रसिद्ध लेखक और उपन्यासकार थे। वे अपने महाकाव्य पाथेर पांचाली के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। जिसके ऊपर प्रसिद्ध फ़िल्मकार सत्यजित राय ने एक लोकप्रिय फ़िल्म का निर्माण भी किया था। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:बांग्ला साहित्यकार.

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सत्यजित राय

सत्यजित राय (बंगाली: शॉत्तोजित् राय्) (२ मई १९२१–२३ अप्रैल १९९२) एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक थे, जिन्हें २०वीं शताब्दी के सर्वोत्तम फ़िल्म निर्देशकों में गिना जाता है। इनका जन्म कला और साहित्य के जगत में जाने-माने कोलकाता (तब कलकत्ता) के एक बंगाली परिवार में हुआ था। इनकी शिक्षा प्रेसिडेंसी कॉलेज और विश्व-भारती विश्वविद्यालय में हुई। इन्होने अपने कैरियर की शुरुआत पेशेवर चित्रकार की तरह की। फ़्रांसिसी फ़िल्म निर्देशक ज़ाँ रन्वार से मिलने पर और लंदन में इतालवी फ़िल्म लाद्री दी बिसिक्लेत (Ladri di biciclette, बाइसिकल चोर) देखने के बाद फ़िल्म निर्देशन की ओर इनका रुझान हुआ। राय ने अपने जीवन में ३७ फ़िल्मों का निर्देशन किया, जिनमें फ़ीचर फ़िल्में, वृत्त चित्र और लघु फ़िल्में शामिल हैं। इनकी पहली फ़िल्म पथेर पांचाली (পথের পাঁচালী, पथ का गीत) को कान फ़िल्मोत्सव में मिले “सर्वोत्तम मानवीय प्रलेख” पुरस्कार को मिलाकर कुल ग्यारह अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। यह फ़िल्म अपराजितो (অপরাজিত) और अपुर संसार (অপুর সংসার, अपु का संसार) के साथ इनकी प्रसिद्ध अपु त्रयी में शामिल है। राय फ़िल्म निर्माण से सम्बन्धित कई काम ख़ुद ही करते थे — पटकथा लिखना, अभिनेता ढूंढना, पार्श्व संगीत लिखना, चलचित्रण, कला निर्देशन, संपादन और प्रचार सामग्री की रचना करना। फ़िल्में बनाने के अतिरिक्त वे कहानीकार, प्रकाशक, चित्रकार और फ़िल्म आलोचक भी थे। राय को जीवन में कई पुरस्कार मिले जिनमें अकादमी मानद पुरस्कार और भारत रत्न शामिल हैं। .

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