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अन्तोनी गौदी और माया सभ्यता

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अन्तोनी गौदी और माया सभ्यता के बीच अंतर

अन्तोनी गौदी vs. माया सभ्यता

अन्तोनी गौदी ई कौर्नेत (Antoni Gaudí i Cornet; 25 जून 1852 – 10 जून 1926) स्पेनी कातालोन्याई वास्तुकार थे। गौदी रेउस के निवासी थे व कला और साहित्य आंदोलन कैटलन मोड्र्निज़्मे के कल्पित सरदार थे। गौदी का कार्य जो कि मुख्य रूप से बार्सिलोना में संकेन्द्रित है उनकी अत्यधिक व्यक्तिगत और विशिष्ट शैली को दर्शाता है। इनका सबसे उत्कृष्ट कार्य सग्रादा फमिलिया नाम का रोमन कैथलिक गिरजाघर है जो कि अपनी अपूर्ण स्थिति में भी युनेस्को विश्व विरासत स्थल है। गौदी का ज्यादातर कार्य उनके जीवन के तीन बड़े जुनून: वास्तुशास्त्र, प्रकृति और धर्म द्वारा चिह्नित किया गया। वे अपनी रचनाओं के हर विस्तार का अध्ययन करते थे, अपनी वास्तुकला में कारीगरी की उन श्रेणियों को एकीकृत करते थे जिन में वे कुशल थे: चीनी मिट्टी, दाग कांच, गढ़ा लौहकार्य फोर्जिंग और बढ़ईगीरी। इन्होने वास्तुकला सम्बन्धित माल के इस्तेमाल के लिए नई तकनीक विकसित की थीं, जिन में ट्रेनकादीस भी शामिल है जो बेकार चीनी मिट्टी के टुकड़े से बना मोज़ेक होता है। कुछ वर्षो के पश्चात नव-गॉथिक कला और प्राच्य तकनीको के प्रभाव में गौदी मोड्र्निज़्मे आंदोलन के हिस्सा बन गए, जो कि उन्नीसवीं सदी के अंत और बीसवीं सदी के शुरुआत में अपने शिखर पर पहुँच रहा थी। इनके कार्य ने मुख्यधारा मोड्र्निज़्मे को अलग आयाम तक पहुँचाया जिस में प्रकृति से प्रेरित जैविक शैली सम्मीलित थी। गौदी शायद ही कभी अपने कार्य की विस्तृत योजना तैयार करते थे, इसके बजाय वे तीन-आयामी पैमाने का मॉडल का निर्माण करना पसंद करते थे जिसे अपनी अवधारणा के साथ-साथ ढालते रहते थे। गौदी के कार्य को अन्तराष्ट्रीय अपील प्राप्त है तथा कई अध्ययन इनकी वास्तुकला को समझने के लिए समर्पित किए गए हैं। वर्तमान में इनके कार्य के वास्तुकारों और आम जनता के बीच समान रूप से प्रशंसक मिलते हैं। इनकी उत्कृष्ट कृति, अभी भी अपूर्ण सग्रादा फमिलिया, कातालोन्या के सबसे प्रसिद्ध और बड़े पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्रों में से एक है। 1984 से 2005 के बीच यूनेस्को ने इनके सात कार्यो को विश्व विरासत स्थल घोषित किया। गौदी की रोमन कैथलिक आस्था जीवन के साथ-साथ और अधिक घनिष्ठ होती चली गई और धार्मिक चित्र इनके कार्य में व्याप्त हैं। इसके कारण इन्हें 'भगवान का वास्तुकार' का उपनाम मिला और इनके बीऐटफकेशन (धन्य-घोषणा) की मांग उठने लगी। . अमेरिका की प्राचीन माया सभ्यता ग्वाटेमाला, मैक्सिको, होंडुरास तथा यूकाटन प्रायद्वीप में स्थापित थी। माया सभ्यता मैक्सिको की एक महत्वपूर्ण सभ्यता थी। इस सभ्यता का आरम्भ 1500 ई० पू० में हुआ। यह सभ्यता 300 ई० से 900 ई० के दौरान अपनी उन्नति के शिखर पर पहुंची इस सभ्यता के महत्वपूर्ण केन्द्र मैक्सिको, ग्वाटेमाला, होंडुरास एवं अल - सैल्वाड़ोर में थे। यद्यपि माया सभ्यता का अंत 16 वी शताब्दी में हुआ किन्तु इसका पतन 11 वी शताब्दी से आरम्भ हो गया था। .

अन्तोनी गौदी और माया सभ्यता के बीच समानता

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संदर्भ

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