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अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली और विकिरण समस्थानिक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली और विकिरण समस्थानिक के बीच अंतर

अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली vs. विकिरण समस्थानिक

अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली (संक्षेप में SI; फ्रेंच Le Système International d'unités का संक्षिप्त रूप), मीटरी पद्धति का आधुनिक रूप है। इसे सामान्य रूप में दशमलव एवं दस के गुणांकों में बनाया गया है। यह विज्ञान एवं वाणिज्य के क्षेत्र में विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली प्रणाली है। पुरानी मेट्रिक प्रणाली में कई इकाइयों के समूह प्रयोग किए जाते थे। SI को 1960 में पुरानी मीटर-किलोग्राम-सैकण्ड यानी (MKS) प्रणाली से विकसित किया गया था, बजाय सेंटीमीटर-ग्राम-सैकण्ड प्रणाली की, जिसमें कई कठिनाइयाँ थीं। SI प्रणाली स्थिर नहीं रहती, वरन इसमें निरंतर विकास होते रहते हैं, परंतु इकाइयां अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों के द्वारा ही बनाई और बदली जाती हैं। यह प्रणाली लगभग विश्वव्यापक स्तर पर लागू है और अधिकांश देश इसके अलावा अन्य इकाइयों की आधिकारिक परिभाषाएं भी नहीं समझते हैं। परंतु इसके अपवाद संयुक्त राज्य अमरीका और ब्रिटेन हैं, जहाँ अभी भी गैर-SI इकाइयों उनकी पुरानी प्रणालियाँ लागू हैं।भारत मॆं यह प्रणाली 1 अप्रैल, 1957 मॆं लागू हुई। इसके साथ ही यहां नया पैसा भी लागू हुआ, जो कि स्वयं दशमलव प्रणाली पर आधारित था। इस प्रणाली में कई नई नामकरण की गई इकाइयाँ लागू हुई। इस प्रणाली में सात मूल इकाइयाँ (मीटर, किलोग्राम, सैकण्ड, एम्पीयर, कैल्विन, मोल, कैन्डेला, कूलम्ब) और अन्य कई व्युत्पन्न इकाइयाँ हैं। कुछ वैज्ञानिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में एस आई प्रणाली के साथ अन्य इकाइयाँ भी प्रयोग में लाई जाती हैं। SI उपसर्गों के माध्यम से बहुत छोटी और बहुत बड़ी मात्राओं को व्यक्त करने में सरलता होती है। तीन राष्ट्रों ने आधिकारिक रूप से इस प्रणाली को अपनी पूर्ण या प्राथमिक मापन प्रणाली स्वीकार्य नहीं किया है। ये राष्ट्र हैं: लाइबेरिया, म्याँमार और संयुक्त राज्य अमरीका। . विकिरण समस्थानिक (radionuclide या radioactive nuclide या radioisotope या radioactive isotope) उन परमाणुओं को कहते हैं जिनके नाभिक अपनी अतिरिक्त ऊर्जा के कारण अस्थायी (अनस्टेबल) होते हैं। ये समस्थानिक या तो अपनी ऊर्जा को गामा किरणों के रूप में निकालते हैं, या अल्फा कण / बीटा कण के रूप में निकालते हैं या अपनी ऊर्जा को अपने ही किसी इलेक्ट्रॉन को दे देते हैं जिससे वह परमाणु से निकल जाता है। इस प्रक्रिया को रेडियो सक्रिय क्षय कहते हैं। 1,000 से भी अधिक रेडियो समस्थानिक ज्ञात हैं। इनमें से लगभग ५० तो प्राकृतिक रूप से पाये जाते हैं। शेष सभी नाभिकीय अभिक्रियाओं में सीधे उत्पन्न होते हैं या नाभिकीय अभिक्रायाओं के उत्पादों से व्युत्पन्न होते हैं। उदाहरण -.

अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली और विकिरण समस्थानिक के बीच समानता

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अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली और विकिरण समस्थानिक के बीच तुलना

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संदर्भ

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