अनुरूप अभिकलित्र और लघुगणक के बीच समानता
अनुरूप अभिकलित्र और लघुगणक आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): कंप्यूटर, अवकलज।
कंप्यूटर
निजी संगणक कंप्यूटर (अन्य नाम - संगणक, कंप्यूटर, परिकलक) वस्तुतः एक अभिकलक यंत्र (programmable machine) है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है। इसे अंक गणितीय, तार्किक क्रियाओं व अन्य विभिन्न प्रकार की गणनाओं को सटीकता से पूर्ण करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से निर्देशित किया जा सकता है। चूंकि किसी भी कार्य योजना को पूर्ण करने के लिए निर्देशो का क्रम बदला जा सकता है इसलिए संगणक एक से ज्यादा तरह की कार्यवाही को अंजाम दे सकता है। इस निर्देशन को ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहते है और संगणक कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा की मदद से उपयोगकर्ता के निर्देशो को समझता है। यांत्रिक संगणक कई सदियों से मौजूद थे किंतु आजकल अभिकलित्र से आशय मुख्यतः बीसवीं सदी के मध्य में विकसित हुए विद्दुत चालित अभिकलित्र से है। तब से अबतक यह आकार में क्रमशः छोटा और संक्रिया की दृष्टि से अत्यधिक समर्थ होता गया हैं। अब अभिकलक घड़ी के अन्दर समा सकते हैं और विद्युत कोष (बैटरी) से चलाये जा सकते हैं। निजी अभिकलक के विभिन्न रूप जैसे कि सुवाह्य संगणक, टैबलेट आदि रोजमर्रा की जरूरत बन गए हैं। परंपरागत संगणकों में एक केंद्रीय संचालन इकाई (सीपीयू) और सूचना भन्डारण के लिए स्मृति होती है। संचालन इकाई अंकगणित व तार्किक गणनाओ को अंजाम देती है और एक अनुक्रमण व नियंत्रण इकाई स्मृति में रखे निर्देशो के आधार पर संचालन का क्रम बदल सकती है। परिधीय या सतह पे लगे उपकरण किसी बाहरी स्रोत से सूचना ले सकते है व कार्यवाही के फल को स्मृति में सुरक्षित रख सकते है व जरूरत पड़ने पर पुन: प्राप्त कर सकते हैं। एकीकृत परिपथ पर आधारित आधुनिक संगणक पुराने जमाने के संगणकों के मुकबले करोड़ो अरबो गुना ज्यादा समर्थ है और बहुत ही कम जगह लेते है। सामान्य संगणक इतने छोटे होते है कि मोबाइल फ़ोन में भी समा सकते है और मोबाइल संगणक एक छोटी सी विद्युत कोष (बैटरी) से मिली ऊर्जा से भी काम कर सकते है। ज्यादातर लोग “संगणकों” के बारे में यही राय रखते है कि अपने विभिन्न स्वरूपों में व्यक्तिगत संगणक सूचना प्रौद्योगिकी युग के नायक है। हालाँकि embedded system|सन्निहित संगणक जो कि ज्यादातर उपकरणों जैसे कि आंकिक श्रव्य वादक|एम.पी.३ वादक, वायुयान व खिलौनो से लेकर औद्योगिक मानव यन्त्र में पाये जाते है लोगो के बीच ज्यादा प्रचलित है। .
अनुरूप अभिकलित्र और कंप्यूटर · कंप्यूटर और लघुगणक ·
अवकलज
एक वक्र के विभिन्न बिन्दुओं पर प्रवणता (स्लोप) वास्तव में उस बिन्दु पर '''x''' के सापेक्ष '''y''' का मान बढ़ने की दर के बराबर होता है। किसी चर राशि के किसी अन्य चर राशि के सम्बन्ध में तात्कालिक बदलाव की दर की गणना को अवकलन (Differentiation) कहते हैं तथा इस क्रिया द्वारा प्राप्त दर को अवकलज (Derivative) कहते हैं। यह किसी फलन को किसी चर राशि के साथ बढ़ने की दर को मापता है। जैसे यदि कोई फलन y किसी चर राशि x पर निर्भर है और x का मान x1 से x2 करने पर y का मान y1 से y2 हो जाता है तो (y2-y1)/(x2-x1) को y का x के सन्दर्भ में अवकलज कहते हैं। इसे dy/dx से निरूपित किया जाता है। ध्यान रहे कि परिवर्तन (x2 - x1) सूक्ष्म से सूक्ष्मतम (tend to zero) होना चाहिये। इसीलिये सीमा (limit) का अवकलन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। किसी वक्र (curve) का किसी बिन्दु पर प्रवणता (slope) जानने के लिये उस बिन्दु पर अवकलज की गणना करनी पड़ती है।; परिभाषा फलन ƒ का बिन्दु a पर अवकलज निम्नलिखित सीमा के बराबर होता है (बशर्ते सीमा का अस्तित्व हो) - यदि सीमा का अस्तित्व है तो ƒ बिन्दु a पर अवकलनीय कहलाता है।; उदाहरण d/dx (ज्या(x)) .
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अनुरूप अभिकलित्र और लघुगणक के बीच तुलना
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संदर्भ
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