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अनुरणन और वाद्य यन्त्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अनुरणन और वाद्य यन्त्र के बीच अंतर

अनुरणन vs. वाद्य यन्त्र

विभिन्न परकार के अनुरणन: '''लाल''' - सीधे पहुँची ध्वनि, '''हरी''' - एक बार परावर्तित होने के बाद पहुँची ध्वनि, '''नीली''' - अनेकों बार परावर्तन के बाद पहुँची ध्वनि मनोध्वनिकी तथा ध्वनिकी में अनुरणन (Reverberation) का अर्थ है ध्वनि उत्पन्न होने के बाद उसका बहुत देर तक बने रहना। अनुरणन तब उत्पन्न होता है जब ध्वनि अनेकानेक बार परावर्तित होने के कारण जुड़ती चली जाती है। अनुरणन के बाद ध्वनि विभिन्न वस्तुओं (दीवार, कुर्सी, मेज, लोग आदि) से अवशोषित होकर क्रमशः क्षीण हो जाती है। अनुरणन की परिघटना को उस समय आसानी से अनुभव किया जाता है जब ध्वनि उत्पन्न करने वाला स्रोत (जैसे स्पीकर) बन्द हो जाने के बाद भी ध्वनि बहुत देर तक बनी रहे अर्थात् तुरन्त समाप्त होने के बजाय धीरे-धीरे क्षीण होते हुए भी बहुत देर तक बनी रहती है। अनुरणन की क्रिया आवृत्ति पर भी निर्भर करती है। विशेष कक्षों की डिजाइन करते समय वांक्षित अनुरणन-समय की प्राप्ति के लिये कुछ चीजों पर विशेष ध्यान देना पड़ सकता है। यदि अनुरणन की तुलना प्रतिध्वनि से करनी हो तो ध्यातव्य है कि प्रतिध्वनि को स्पष्ट रूप से सुनने के लिये कम से कम 50 मिलीसेकेण्ड से 100 मिलीसेकेण्ड का समयान्तराल होना आवश्यक है, किन्तु अनुरणन के लिये परावर्तित ध्वनि ५० मिलीसेकेण्ड के अन्दर ही पहुँच जानी चाहिये। अनुरणन केवल कमरों के अन्दर ही नहीं होता बल्कि वनों में भी और अन्य स्थानों पर भी सम्भव है। . एक वाद्य यंत्र का निर्माण या प्रयोग, संगीत की ध्वनि निकालने के प्रयोजन के लिए होता है। सिद्धांत रूप से, कोई भी वस्तु जो ध्वनि पैदा करती है, वाद्य यंत्र कही जा सकती है। वाद्ययंत्र का इतिहास, मानव संस्कृति की शुरुआत से प्रारंभ होता है। वाद्ययंत्र का शैक्षणिक अध्ययन, अंग्रेज़ी में ओर्गेनोलोजी कहलाता है। केवल वाद्य यंत्र के उपयोग से की गई संगीत रचना वाद्य संगीत कहलाती है। संगीत वाद्य के रूप में एक विवादित यंत्र की तिथि और उत्पत्ति 67,000 साल पुरानी मानी जाती है; कलाकृतियां जिन्हें सामान्यतः प्रारंभिक बांसुरी माना जाता है करीब 37,000 साल पुरानी हैं। हालांकि, अधिकांश इतिहासकारों का मानना है कि वाद्य यंत्र के आविष्कार का एक विशिष्ट समय निर्धारित कर पाना, परिभाषा के व्यक्तिपरक होने के कारण असंभव है। वाद्ययंत्र, दुनिया के कई आबादी वाले क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से विकसित हुए.

अनुरणन और वाद्य यन्त्र के बीच समानता

अनुरणन और वाद्य यन्त्र आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): ध्वनि

ध्वनि

ड्रम की झिल्ली में कंपन पैदा होता होता जो जो हवा के सम्पर्क में आकर ध्वनि तरंगें पैदा करती है मानव एवं अन्य जन्तु ध्वनि को कैसे सुनते हैं? -- ('''नीला''': ध्वनि तरंग, '''लाल''': कान का पर्दा, '''पीला''': कान की वह मेकेनिज्म जो ध्वनि को संकेतों में बदल देती है। '''हरा''': श्रवण तंत्रिकाएँ, '''नीललोहित''' (पर्पल): ध्वनि संकेत का आवृति स्पेक्ट्रम, '''नारंगी''': तंत्रिका में गया संकेत) ध्वनि (Sound) एक प्रकार का कम्पन या विक्षोभ है जो किसी ठोस, द्रव या गैस से होकर संचारित होती है। किन्तु मुख्य रूप से उन कम्पनों को ही ध्वनि कहते हैं जो मानव के कान (Ear) से सुनायी पडती हैं। .

अनुरणन और ध्वनि · ध्वनि और वाद्य यन्त्र · और देखें »

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अनुरणन और वाद्य यन्त्र के बीच तुलना

अनुरणन 7 संबंध है और वाद्य यन्त्र 67 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.35% है = 1 / (7 + 67)।

संदर्भ

यह लेख अनुरणन और वाद्य यन्त्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: