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अनुभूति (पत्रिका) और इलेक्ट्रानिक पत्रिका

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अनुभूति (पत्रिका) और इलेक्ट्रानिक पत्रिका के बीच अंतर

अनुभूति (पत्रिका) vs. इलेक्ट्रानिक पत्रिका

अनुभूति कविताओं की हिंदी जाल-पत्रिका है। इसका पहला अंक १ जनवरी २००१ को प्रकाशित हुआ था। महीने में इसके चार अंक पहली, ९वीं, १६वीं और २४वीं तारीख को प्रकाशित होते हैं। 1 जनवरी 2008 से यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है। इसमें प्राचीन कवियों की कविताओं के स्तंभ का नाम 'गौरवग्राम' है और उभरते हुए कवियों की कविताओं को 'नई हवा' में रखा गया है। इसमें दोहे, ग‌ज़ल, हाइकु, मुक्तक आदि विधाओं के लिए अलग स्तंभ तो हैं ही, प्रवासी कवियों के लिए दिशांतर नाम का भी एक स्तंभ है। विभिन्न विषयों पर कविताओं को संकलित करने का भी काम यहां किया गया है जिसे संकलन के अंतर्गत रखा गया है। पत्रिका से संबंधित 'अनुभूति हिंदी' नाम का एक याहू गुट है जहां कविताओं की कार्यशालाओं में कोई भी भाग ले सकता है। यह अभिव्यक्ति की सहयोगी पत्रिका है। . जो पत्रिका कंप्यूटर पर लिखी जाए और कंप्यूटर पर ही पढ़ी जाए उसको जाल-नियतकालिक या इलेक्ट्रानिक पत्रिका (e-zine) कह सकते हैं। इस दृष्टि से जाल-पत्रिका को भी इलेक्ट्रानिक पत्रिका कहा जा सकता है। लेकिन हर इलेक्ट्रानिक पत्रिका जाल-पत्रिका हो वह ज़रूरी नहीं है। बहुत सी इलेक्ट्रानिक पत्रिकाएं पीडीएफ प्रारूप में तैयार की जाती हैं और बहुत सी एम एस वर्ड में। ये ई-मेल से पाठकों के पास भेजी जाती हैं या फिर डाउनलोड के लिए भी उपलब्ध होती हैं। बहुत सी कंपनियां अपने न्यूज़-लेटर इलेक्ट्रानिक-पत्रिका के रूप में प्रकाशित करती हैं। इनके प्रकाशन की तिथि निश्चित होती है और इनका संपादक मंडल भी होता है। .

अनुभूति (पत्रिका) और इलेक्ट्रानिक पत्रिका के बीच समानता

अनुभूति (पत्रिका) और इलेक्ट्रानिक पत्रिका आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): जाल-पत्रिका

जाल-पत्रिका

या हिंदी चिट्ठे हिंदी मे लिखे ब्लॉग या 'चिट्ठे' है। हिंदी में कुछ चिट्ठे केवल कविताओं पर केन्द्रित हैं, कुछ संगीत शास्त्र, ज्योतिष, यात्राओं और फ़ोटोग्राफी पर भी हैं। कुछ चिट्ठों पर संगीत सुना भी जा सकता है और फ्लैश चलचित्र भी देखे जा सकते हैं। हिन्दी रचनाकारों के लिए तो यह सर्वोत्तम माध्यम है। अपनी कविता, कहानी, उपन्यास, व्यंग्य और ललित निबंध सब इस पर निरंतर लिखते हैं और लगातार प्रकाशित करते हैं, यानी चिट्ठाकारों की अपनी पत्रिका। मराठी में भी ब्लॉग को ही कहतें है। और जालपत्रिका (ब्लॉग) के लेखक को (ब्लॉगर) कहतें है। .

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अनुभूति (पत्रिका) और इलेक्ट्रानिक पत्रिका के बीच तुलना

अनुभूति (पत्रिका) 5 संबंध है और इलेक्ट्रानिक पत्रिका 10 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 6.67% है = 1 / (5 + 10)।

संदर्भ

यह लेख अनुभूति (पत्रिका) और इलेक्ट्रानिक पत्रिका के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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