अनुनाद और तंतु (संगीत)
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
अनुनाद और तंतु (संगीत) के बीच अंतर
अनुनाद vs. तंतु (संगीत)
जैसे-जैसे आवृत्ति, अनुनाद आवृत्ति के पास पहुँचती है, आयाम बढता जाता है भौतिकी में बहुत से तंत्रों (सिस्टम्स्) की ऐसी प्रवृत्ति होती है कि वे कुछ आवृत्तियों पर बहुत अधिक आयाम के साथ दोलन करते हैं। इस स्थिति को अनुनाद (रिजोनेन्स) कहते हैं। जिस आवृत्ति पर सबसे अधिक आयाम वाले दोलन की प्रवृत्ति पायी जाती है, उस आवृत्ति को अनुनाद आवृत्ति (रेसोनेन्स फ्रिक्वेन्सी) कहते हैं। सभी प्रकार के कम्पनों या तरंगों के साथ अनुनाद की घटना जुड़ी हुई है। अर्थात यांत्रिक, ध्वनि, विद्युतचुम्बकीय अथवा क्वांटम तरंग फलनों के साथ अनुनाद हो सकती है। कोई छोटे आयाम का भी आवर्ती बल, जो अनुनाद आवृत्ति वाला या उसके लगभग बराबर आवृत्ति वाला हो, उस तंत्र में बहुत अधिक आयाम के दोलन पैदा कर सकता है। अनुनादी तंत्रों के बहुत से उपयोग हैं। इनका उपयोग किसी वांछित आवृत्ति पर कम्पन (दोलन) पैदा करने के लिया किया जा सकता है; अथवा किसी जटिल कम्पन (जिसमें बहुत सी आवृत्तियों का मिश्रण हो; जैसे रेडियो या टीवी सिगनल) में से किसी चुनी हुई आवृत्ति को छाटने (फिल्टर करने) के लिये किया जा सकता है।; अनुनाद होने के लिये तीन चींजें जरूरी हैं- १) एक वस्तु या तन्त्र - जिसकी कोई प्राकृतिक आवृत्ति हो; २) वाहक या कारक बल (ड्राइविंग फोर्स) - जिसकी आवृत्ति, तन्त्र की प्राकृतिक आवृत्ति के समान हो; ३) इस तंत्र में उर्जा नष्ट करने वाला अवयव कम से कम हो (कम डैम्पिंग हो)। (घर्षण, प्रतिरोध (रेजिस्टैन्स), श्यानता (विस्कासिटी) आदि किसी तन्त्र में उर्जा ह्रास के लिये जिम्मेदार होते हैं।) . तंतु (string) या तार (chord) सितार, गिटार, ज़िथर, संतूर जैसे तंतुवाद्यों में कम्पन द्वारा ध्वनि उत्पन्न करने वाला तत्व होता है। यह तंतु किसी लचीली सामग्री का बना हुआ एक लम्बा व पतला तार होता है जिसे वाद्य में तनाव की ऐसी स्थिति में रखा जाता है जिस में उसे छेड़ने पर वह स्वतंत्र लेकिन नियंत्रित रूप से कम्पन कर सके। ऐसे तंतु अक्सर नायलॉन, इस्पात या आंततंतु जैसी एक ही सामग्री का बना होता है लेकिन कभी-कभी इसे एक सामग्री के तार के ऊपर कस कर किसी अन्य सामग्री के पतले तार को घुमाकर भी बनाया जाता है, जिस से तंतु में अधिक लचीलापन आ जाता है और उस से उत्पन्न ध्वनि के तारत्व (pitch) को अधिक सरलता से निर्धारित करा जा सकता है। .
अनुनाद और तंतु (संगीत) के बीच समानता
अनुनाद और तंतु (संगीत) आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): ध्वनि, कम्पन।
ड्रम की झिल्ली में कंपन पैदा होता होता जो जो हवा के सम्पर्क में आकर ध्वनि तरंगें पैदा करती है मानव एवं अन्य जन्तु ध्वनि को कैसे सुनते हैं? -- ('''नीला''': ध्वनि तरंग, '''लाल''': कान का पर्दा, '''पीला''': कान की वह मेकेनिज्म जो ध्वनि को संकेतों में बदल देती है। '''हरा''': श्रवण तंत्रिकाएँ, '''नीललोहित''' (पर्पल): ध्वनि संकेत का आवृति स्पेक्ट्रम, '''नारंगी''': तंत्रिका में गया संकेत) ध्वनि (Sound) एक प्रकार का कम्पन या विक्षोभ है जो किसी ठोस, द्रव या गैस से होकर संचारित होती है। किन्तु मुख्य रूप से उन कम्पनों को ही ध्वनि कहते हैं जो मानव के कान (Ear) से सुनायी पडती हैं। .
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ढोल के परदे का कम्पन स्पंदन संस्कृत का एक शब्द है हिन्दी में इसके शाब्दिक अर्थ हैं:-.
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अनुनाद और तंतु (संगीत) के बीच तुलना
अनुनाद 11 संबंध है और तंतु (संगीत) 13 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 8.33% है = 2 / (11 + 13)।
संदर्भ
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