अनावृतबीजी और चाकमय कल्प
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अनावृतबीजी और चाकमय कल्प के बीच अंतर
अनावृतबीजी vs. चाकमय कल्प
एक कोणधारी का शंकु - कोणधारी अनावृतबीजी वृक्षों की सबसे विस्तृत श्रेणी है अनावृतबीजी या विवृतबीज (gymnosperm, जिम्नोस्पर्म, अर्थ: नग्न बीज) ऐसे पौधों और वृक्षों को कहा जाता है जिनके बीज फूलों में पनपने और फलों में बंद होने की बजाए छोटी टहनियों या शंकुओं में खुली ('नग्न') अवस्था में होते हैं। यह दशा 'आवृतबीजी' (angiosperm, ऐंजियोस्पर्म) वनस्पतियों से विपरीत होती है जिनपर फूल आते हैं (जिस कारणवश उन्हें 'फूलदार' या 'सपुष्पक' भी कहा जाता है) और जिनके बीज अक्सर फलों के अन्दर सुरक्षित होकर पनपते हैं। अनावृतबीजी वृक्षों का सबसे बड़ा उदाहरण कोणधारी हैं, जिनकी श्रेणी में चीड़ (पाइन), तालिसपत्र (यू), प्रसरल (स्प्रूस), सनोबर (फ़र) और देवदार (सीडर) शामिल हैं।, David Sadava, David M. Hillis, H. Craig Heller, May Berenbaum, Macmillan, 2009, ISBN 978-1-4292-4644-6,... खटी कल्प का कल्पित दृष्य चाकमय कल्प या खटी कल्प या क्रिटेशस कल्प (Cretaceous Period) पृथ्वी के तृतीय भौमिक महाकल्प का एक कल्प है। यह कल्प लगभग 14.5 करोड़ वर्ष पूर्व शुरू हुआ था और लगभग 6.5 करोड़ वर्ष पूर्व तक रहा। .
अनावृतबीजी और चाकमय कल्प के बीच समानता
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संदर्भ
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