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अनमोल वचन और पुस्तक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अनमोल वचन और पुस्तक के बीच अंतर

अनमोल वचन vs. पुस्तक

संसार के अनेकानेक विद्वानों ने जीवन उपयोगी बाते कही हैं जिन्हें हम साधारण भाषा में अनमोल वचन कहते हैं अर्थात ऐसी बातें जो अनमोल हैं और जिनके द्वारा हम अपने जीवन में नई उंमग एवं उत्साह का संचार कर सकते हैं। इनें सूक्ति' (सु + उक्ति) या सुभाषित (सु + भाषित) भी कहते हैं। इन बातों को अनमोल इसलिए भी कहा जाता हैं क्योंकि यदि हम इन बातों का सार समझेगें तो हम पायेंगे की इन बातो का कोई मोल नहीं लगा सकता, केवल इन बातो को अपने जीवन में अपनाकर अपने जीवन की दिशा को बदल सकते हैं और जीवन की दिशा बदलनें वाली बातों का भी कभी कोई मोल लगा सकता हैं ये बातें तो अनमोल होती हैं। सुबह-सुबह एक अनमोल वचन आपकी मनोदशा को कुछ ऐसे संवार सकता है के आपका पूरा दिन अच्छी अनुभूति में गुजर जाए। हिंदी जगत में अनमोल वचन बहुत प्राचीन समय से मौजूद हैं। ये भारत की संस्कृति की झलक प्रस्तुत करते हैं और अनमोल वचनों के अस्तित्व से आप ये अंदाज़ा भी लगा सकते हैं के प्राचीन समय से भारत राष्ट्र में महान और बुजुर्ग लोगों की बात का अत्यधिक सम्मान किया जाता था। . तमिल बाल विश्वकोश पुस्तक या किताब लिखित या मुद्रित पन्नो के संग्रह को कहते हैं। डिजिटल पुस्तकों को ई-पुस्तक (ई-बुक) कहते हैं। पुस्तकों की लिस्ट के लिए:श्रेणी:पुस्तक देखें हस्तलिखित पुस्तकोँ को पांडुलिपियां कहते हैँ। .

अनमोल वचन और पुस्तक के बीच समानता

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अनमोल वचन और पुस्तक के बीच तुलना

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संदर्भ

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