अधिप्रचार और आधिकारिक मत
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
अधिप्रचार और आधिकारिक मत के बीच अंतर
अधिप्रचार vs. आधिकारिक मत
सैम चाचा के बाहों में बाहें डाले ब्रितानिया: प्रथम विश्वयुद्ध में अमेरिकी-ब्रितानी सन्धि का प्रतीकात्मक चित्रण अधिप्रचार (Propaganda) उन समस्त सूचनाओं को कहते हैं जो कोई व्यक्ति या संस्था किसी बड़े जन समुदाय की राय और व्यवहार को प्रभावित करने के लिये संचारित करती है। सबसे प्रभावी अधिप्रचार वह होता है जिसकी सामग्री प्रायः पूर्णतः सत्य होती है किन्तु उसमें थोडी मात्रा असत्य, अर्धसत्य या तार्किक दोष से पूर्ण कथन की भी हो। अधिप्रचार के बहुत से तरीके हैं। दुष्प्रचार का उद्देश्य सूचना देने के बजाय लोगों के व्यवहार और राय को प्रभावित करना (बदलना) होता है। . आधिकारिक मत (Doctrine) उन मतों, विश्वासों, आस्थाओं और शिक्षाओं का विधिवत संग्रह होता है जिसे किसी मान्यता, धर्म, समाज या अन्य सामाजिक व्यवस्था में आधिकारिक माना जाता है। यह आवश्यक नहीं है कि उस सामाजिक व्यवस्था से बाहर के लोग किसी आधिकारिक मत को सत्य माने, और अक्सर दो धार्मिक संस्थानों के आधिकारिक मत एक-दूसरे से विपरीत भी हो सकते हैं। .
अधिप्रचार और आधिकारिक मत के बीच समानता
अधिप्रचार और आधिकारिक मत आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या अधिप्रचार और आधिकारिक मत लगती में
- यह आम अधिप्रचार और आधिकारिक मत में है क्या
- अधिप्रचार और आधिकारिक मत के बीच समानता
अधिप्रचार और आधिकारिक मत के बीच तुलना
अधिप्रचार 18 संबंध है और आधिकारिक मत 1 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (18 + 1)।
संदर्भ
यह लेख अधिप्रचार और आधिकारिक मत के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: