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अधातु और बोराइड

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अधातु और बोराइड के बीच अंतर

अधातु vs. बोराइड

अधातु (non-metals) रासायनिक वर्गीकरण में प्रयुक्त होने वाला एक शब्द है। आवर्त सारणी का प्रत्येक तत्व अपने रासायनिक और भौतिक गुणों के आधार पर धातु अथवा अधातु श्रेणी में वर्गीकृत किया जा सकता है। (कुछ तत्व जिनमें दोनों के गुण पाये जाते हैं उन्हें उपधातु (metaloid) की श्रेणी में रखा जाता है।) आवर्त सारणी में ये १४वें (XIV) से लेकर १८वें (XVIII) समूह में दाहिने-ऊपरी कोने में स्थित हैं। इसके अलावा प्रथम समूह में सबसे उपर स्थित उदजन भी अधातु है। हाइड्रोजन के अलावा जारक, प्रांगार, भूयाति, गंधक, भास्वर, हैलोजन, तथा अक्रिय गैसें अधातु मानी जाती हैं। प्रायः आवर्त सारणी के केवल 18 तत्व अधातु की श्रेणी में गिने जाते हैं जबकि धातु की श्रेणी में 80 से भी अधिक तत्व आते हैं। फिर भी पृथ्वी के गर्भ का, वायुमण्डल और जलमण्डल का अधिकांश भाग अधातुएँ ही हैं। जीवों की संरचना में भी अधातुओं का ही अधिकांशता है। . बोराइड (Borides), बोरॉन के धातु यौगिकों को कहते हैं। ये कठोर पदार्थ हैं जिनकी क्रिस्टलीय संरचना धातु जैसी होती है। इनके रासायनिक सूत्र संयोजकता के नियमों से बद्ध नहीं होते। शुद्ध धातु की अपेक्षा बोराइड अधिक कठोर, तथा निष्क्रिय होते हैं। इनके गलनांक तथा विद्युत् प्रतिरोधकता धातु की अपेक्षा ऊँची होती है। बोराइड की रचना अनेक प्रकार की होती है। कुछ बोराइडों में धातु के परमाणुओं के विन्यास (arrangement) के मध्य में बोरॉन के परमाणु स्थान स्थान पर जड़े रहते हैं, कुछ में इसके प्रतिकूल रचना रहती है और अन्य बोराइडों की संरचना इन दोनों संरचनाओं का मध्यमान होती है। अधिकतर बोराइड धातु और बोरॉन की पारस्परिक क्रिया के फलस्वरूप बनते हैं। कुछ बोरॉन ऑक्साइड और धातु के ऑक्साइड, अथवा लवण तथा किसी अपचायक पदार्थ के मिश्रण की क्रिया से भी बन सकते हैं। इन क्रियाओं के लिए १,००० डिग्री सेल्सियस से २,००० डिग्री सेल्सियस का ताप आवश्यक है। इस ताप के लिए विद्युत् भट्ठी ही उपयोगी होती है, जिसमें अक्रिय गैस का वातावरण रहना आवश्यक है, अन्यथा ऑक्साइड बनने का डर रहता है। कभी कभी अपचायक पदार्थ के स्थान पर फ्लोराइड प्रयोग करने पर सरलता से बोराइड बनता है। इन क्रियाओं के पश्चात् भट्ठी में चूर्ण के रूप में बोरॉन तत्व बच रहता है। इसे नाइट्रिक अम्ल द्वारा धुला लिया जाता है। एक्स-किरण द्वारा परीक्षण से धातु के बोराइडों को हम कई श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं: (१) M2B श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन के परमाणुओं का अनुपात २:१ होता है। ऐसे बोराइड टैटेलम, टंग्स्टन, मोलिब्डेनम, मैंगनीज़, लौह, कोबाल्ट और निकल के हैं। (२) M3B2 श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन का अनुपात ३:२ है। ऐस बोराइड मैग्नीशियम और बेरीलियम के हैं। (३) MB श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन के परमाणुओं का अनुपात १:१ है। इसके अंतर्गत मैंगनीज़, लौह, कोबाल्ट, मोलिब्डेिनम, टंग्स्टन, नियोबियम, टैंटेलम और क्रोमियम के बोराइड हैं। (४) M3B4 श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन के परमाणुओं का अनुपात ३:४ है। इसके अंतर्गत क्रोमियम, मैंगनीज, नियोबियम और टैंटेलम के बोराइड हैं। इस समूह में पहले की अपेक्षा अधिक कठोरता रहती है। (५) M2B2 श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन के परमाणुओं का अनुपात १:२ है। इस श्रेणी में ऐल्यूमिनियम, मैग्नीशियम, वैनेडियम, नियोबियम, टैंटेलम, टाइटेनियम, ज़र्कोनियम, क्रोमियम और मोलिब्डेनम के बोराइड हैं। (६) M2B5 श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन के परमाणुओं का अनुपात २:५ है। इस श्रेणी में मोलिब्डेनम और टंग्स्टन के बोराइड हैं। (७) MB6 श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन का अनुपात १:६ है। इसके अंतर्गत कैल्सियम, बेरियम, स्ट्रांशियम, ईट्रियम तथा लैथेनम के बोराइड और अन्य विरल मृदा तत्व तथा थोरियम बोराइड हैं। ये बोराइड सबसे कठोर और कम धातुगुण के होते हैं। (८) MB12 श्रेणी, जिसके अंतर्गत यूरेनियम बोराइड है। बोराइड बड़े उपयोगी पदार्थ हैं। कैल्सियम बोराइड इस्पात उद्योग में काम आता है। बोराइड की कठोरता का उपयोग खराद उपकरणों में बहुत होता है। मैग्नीशियम बोराइड, बोरॉन हाइड्राइड या बोरॉन के निर्माण में उपयोगी सिद्ध हुआ है। इसके अतिरिक्त बेरीलियम, ऐल्यूमिनियम, सीरियम, लौह, निकल तथा मैंगनीज़ बोराइड भी तनु अम्लों से क्रिया कर बोरॉन मुक्त करते हैं। श्रेणी:बोराइड.

अधातु और बोराइड के बीच समानता

अधातु और बोराइड आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बोरॉन, गलनांक, अक्रिय गैस

बोरॉन

बोरॉन (Boron) एक रासायनिक तत्व है। प्रकृति में इस तत्व का निर्माण ब्रह्माण्ड किरणों (कोस्मिक किरणों) द्वारा किसी वस्तु पर हुए प्रहारों से होता है, न की तारों में तारकीय नाभिकीय संश्लेषण की प्रक्रिया में। इसलिये हमारे सौर मंडल में इसकी तादाद अन्य तत्वों की तुलना में कम है। दुनिया में यह अपने जल में घुलने वाले बोरेट (borate) खनिजों के रूप में अधिक मिलता है, जिसमें सुहागा (बोरैक्स) सबसे ज़्यादा जाना-माना है। पृथ्वी पर बोरॉन केवल अन्य तत्वों के साथ बने रासायनिक यौगिकों के रूप में ही मिलता है। शुद्ध रूप में बोरॉन तत्व पृथ्वी पर केवल उल्का गिरने से ही पहुँचता है और इस रूप में यह एक उपधातु है। .

अधातु और बोरॉन · बोराइड और बोरॉन · और देखें »

गलनांक

किसी ठोस पदार्थ का गलनांक (या द्रवणांक (melting point) वह तापमान होता है जिस पर वह अपनी ठोस अवस्था से पिघलकर द्रव अवस्था में पहुँच जाता है। गलनांक पर ठोस और द्रव प्रावस्था साम्यावथा में होती हैं। जब किसी पदार्थ की अवस्था द्रव से ठोस अवस्था में परिवर्तित होती है तो जिस तापमान पर यह होता है उस तापमान को हिमांक (freezing point) कहा जाता है। कई पदार्थों में परमशीतल होने की क्षमता होती है, इसलिए हिमांक को किसी पदार्थ की एक विशेष गुण नहीं माना जाता है। इसके विपरीत जब कोई ठोस एक निश्चित तापमान पर ठोस से द्रव अवस्था ग्रहण करता है वह तापमान उस ठोस का गलनांक कहलाता है। .

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अक्रिय गैस

अक्रिय गैस (Inert gas) उन गैसों को कहते हैं जो साधारणतः रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग नहीं लेतीं और सदा मुक्त अवस्था में प्राप्य हैं। इनमें हीलियम, निऑन, आर्गान, क्रिप्टॉन,जीनॉन और रेडॉन सम्मिलित हैं। इनमें से रेडॉन रेडियो-सक्रिय है। ये उत्कृष्ट गैसों (Noble gases) के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। समस्त अक्रिय गैसें रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन होती हैं। स्थिर दाब और स्थिर आयतन पर इन गैसों की विशिष्ट उष्माओं का अनुपात 1.67 के बराबर होता है जिससे पता चलता है कि ये सब एक-परमाणुक गैसें हैं। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

अधातु और बोराइड के बीच तुलना

अधातु 109 संबंध है और बोराइड 8 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 2.56% है = 3 / (109 + 8)।

संदर्भ

यह लेख अधातु और बोराइड के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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